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कालीसिंध, पार्वती और कोटा बैराज से पानी छोड़ने और भारी बारिश से बढ़ा चंबल का जलस्तर, खतरे के निशान से है बस इतना दूर - बारिश से बढ़ा चंबल का जलस्तर

धौलपुर सहित हाड़ौती में हो रही झमाझम बारिश से काली सिंध, पार्वती और कोटा बैराज से पानी चंबल नदी में पानी आवक बढ़ गई है. इसके चलते चंबल का जलस्तर 126.60 मीटर तक पहुंच गया (Chambal river water level increased) है. जलस्तर के 129.79 मीटर तक पहुंचते ही खतरे का लेबल शुरू हो जाता है. इसे देखते हुए प्रशासन ने नीचले इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है.

Chambal water levels near danger mark due to heavy rain and water flow from other sources
कालीसिंध, पार्वती और कोटा बैराज से पानी छोड़ने और भारी बारिश से बढ़ा चंबल का जलस्तर, खतरे के निशान से है बस इतना दूर
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Published : Jul 21, 2022, 8:23 PM IST

धौलपुर. जिले से होकर गुजर रही चंबल नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा (Chambal river water level increased) है. धौलपुर समेत हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश के बाद काली सिंध, पार्वती और कोटा बैराज से पानी अब चंबल नदी में आना शुरू हो चुका है. वर्तमान में चंबल नदी 126.60 मीटर के निशान पर बह रही है. नदी में पानी का स्तर 129.79 मीटर पर पहुंचते ही वार्निंग लेबल्स शुरू हो जाता है. 130.79 मीटर पर जल स्तर पहुंचते ही नदी खतरे के निशान से ऊपर हो जाती है.

जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता रामअवतार मीणा ने बताया कि कोटा बैराज से एक गेट खोल कर 1250 क्यूसेक, कालीसिंध डैम से दो गेट खोलकर 15 हजार 250 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद चंबल नदी खतरे के निशान 129.79 मीटर से 3.19 मीटर नीचे चल रही (Chambal water levels near danger mark) है. धौलपुर में 81 एमएम, बसेड़ी में 14 एमएम और सैपऊ में 31 मिलीमीटर बारिश के बाद कई जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. उधर चंबल नदी का बढ़ता जलस्तर निचले क्षेत्र ग्रामीणों के लिए मुश्किल बढ़ा सकता है.

पढ़ें: इतिहास में पहली बार : चंबल नदी के चारों बांधों के गेट अक्टूबर में खुले..25000 क्यूसेक पानी किया जा रहा डिस्चार्ज

चंबल नदी में धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने निचले इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है. निचले इलाके के गांवों में पटवारी और गिरदावर निरंतर नजर बनाए हुए हैं. चंबल नदी के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचते ही निचले इलाके के गांवों को खाली कराया जाएगा,जिसके लिए प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. पिछले साल बारिश के मौसम में चंबल नदी का जलस्तर करीब 145 मीटर पहुंच गया था. चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से 30 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. जिसके कारण हजारों लोग फंस गए थे और प्रशासन को दिन रात एक कर उनको रेस्क्यू करना पड़ा था.

धौलपुर. जिले से होकर गुजर रही चंबल नदी का जलस्तर अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा (Chambal river water level increased) है. धौलपुर समेत हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश के बाद काली सिंध, पार्वती और कोटा बैराज से पानी अब चंबल नदी में आना शुरू हो चुका है. वर्तमान में चंबल नदी 126.60 मीटर के निशान पर बह रही है. नदी में पानी का स्तर 129.79 मीटर पर पहुंचते ही वार्निंग लेबल्स शुरू हो जाता है. 130.79 मीटर पर जल स्तर पहुंचते ही नदी खतरे के निशान से ऊपर हो जाती है.

जल संसाधन विभाग के अधिशाषी अभियंता रामअवतार मीणा ने बताया कि कोटा बैराज से एक गेट खोल कर 1250 क्यूसेक, कालीसिंध डैम से दो गेट खोलकर 15 हजार 250 क्यूसेक पानी छोड़ा गया है. जिसके बाद चंबल नदी खतरे के निशान 129.79 मीटर से 3.19 मीटर नीचे चल रही (Chambal water levels near danger mark) है. धौलपुर में 81 एमएम, बसेड़ी में 14 एमएम और सैपऊ में 31 मिलीमीटर बारिश के बाद कई जगह जलभराव की स्थिति पैदा हो गई है. उधर चंबल नदी का बढ़ता जलस्तर निचले क्षेत्र ग्रामीणों के लिए मुश्किल बढ़ा सकता है.

पढ़ें: इतिहास में पहली बार : चंबल नदी के चारों बांधों के गेट अक्टूबर में खुले..25000 क्यूसेक पानी किया जा रहा डिस्चार्ज

चंबल नदी में धीरे-धीरे जलस्तर बढ़ने के बाद बाढ़ नियंत्रण कक्ष ने निचले इलाकों में चौकसी बढ़ा दी है. निचले इलाके के गांवों में पटवारी और गिरदावर निरंतर नजर बनाए हुए हैं. चंबल नदी के खतरे के निशान से ऊपर पहुंचते ही निचले इलाके के गांवों को खाली कराया जाएगा,जिसके लिए प्रशासन तैयारियों में जुट गया है. पिछले साल बारिश के मौसम में चंबल नदी का जलस्तर करीब 145 मीटर पहुंच गया था. चंबल नदी का जलस्तर बढ़ने से 30 से ज्यादा गांव बाढ़ की चपेट में आ गए थे. जिसके कारण हजारों लोग फंस गए थे और प्रशासन को दिन रात एक कर उनको रेस्क्यू करना पड़ा था.

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