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उफान पर चंबल: Danger Mark से 14 मीटर ऊपर बह रही नदी, बिगड़ सकते हैं और हालात - Chambal River

पूर्वी राजस्थान में हो रही जोरदार बारिश के बाद एक बार फिर चंबल नदी अपने पूरे उफान पर है. चंबल वर्तमान में खतरे के निशान से लगभग 14 मीटर ऊपर बह रही है, जिसके चलते करीब 50 से अधिक गांव में बाढ़ के हालात बन गए हैं. प्रभावित गांव में जिला प्रशासन की टीम रेस्क्यू कर रही है.

rain in dholpur,  Chambal in spate
उफान पर चंबल
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Published : Aug 5, 2021, 11:35 AM IST

धौलपुर. जिला समेत हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश और कोटा बैराज से छोड़े गए एक लाख क्यूसेक पानी से दोपहर तक चंबल नदी का जलस्तर भारी तादात में बढ़ेगा. बीती रात पानी की आवक चंबल में मामूली कम होने पर महज 10 सेंटीमीटर गेज कम हुआ है. लेकिन कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से चंबल नदी और अधिक रौद्र रूप धारण कर सकती है.

पढ़ें- Weather Update : राजस्थान के 5 जिलों में भारी से अति बारिश की चेतावनी, ऑरेंज अलर्ट जारी

अभी चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से बढ़कर 144.60 मीटर पर है. चंबल नदी करीब 14 मीटर ऊपर उफान पर चल रही है. चंबल में आई बाढ़ से 50 से अधिक गांव चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ आपदा में घिरे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की ओर से लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है.

उफान पर चंबल

बता दें, बीती रात चंबल नदी का जलस्तर 144.70 मीटर था. गुरुवार सुबह तक जलस्तर मामूली घटकर 144.60 मीटर रह गया. महज 10 सेंटीमीटर पानी में गिरावट देखी गई. जल संसाधन विभाग के एक्सईएन होती लाल मीणा ने बताया कि कोटा बैराज से करीब एक लाख क्यूसेक पानी चंबल में रिलीज किया है. चंबल में छोड़ा गया पानी दोपहर तक धौलपुर जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगा, जिससे चंबल के जलस्तर में भारी इजाफा देखा जाएगा.

मीणा ने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश और कालीसिंध का पानी भी चंबल में प्रवेश कर रहा है, जिससे हालात और ज्यादा बेकाबू हो सकते हैं. चंबल में आई बाढ़ से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा उपखंड इलाके के 50 से अधिक गांव पानी से घिर चुके हैं. बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू रही है.

पढ़ें- चालक की गलती से 2.30 घंटे अटकी रही 40 यात्रियों की सांसें, रस्सी के सहारे ग्रामीणों ने किया रेस्क्यू, देखें VIDEO

लोगों के घरों में पानी घुसने से अनाज, कपड़े, बर्तन ,पशुओं का चारा आदि बर्बाद हो रहा है. चंबल में आई बाढ़ से नदी के तटवर्ती इलाकों में खरीफ फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. राजाखेड़ा और सरमथुरा उपखंड इलाके के करीब आधा दर्जन गांव चारों तरफ पानी से घिर चुके हैं. पानी में फंसे लोगों ने ऊंचे टीले एवं टापुओं पर शरण ली है. चारों तरफ पानी भरने से लोगों के लिए खाने पीने की भी समस्या गहरा गई है.

बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने टेंट लगाकर भोजन बनाने की कवायद शुरू कर दी है. एसडीआरएफ की टीम लोगों को मंजिल तक भोजन पानी उपलब्ध करा रही है.

धौलपुर. जिला समेत हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश और कोटा बैराज से छोड़े गए एक लाख क्यूसेक पानी से दोपहर तक चंबल नदी का जलस्तर भारी तादात में बढ़ेगा. बीती रात पानी की आवक चंबल में मामूली कम होने पर महज 10 सेंटीमीटर गेज कम हुआ है. लेकिन कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से चंबल नदी और अधिक रौद्र रूप धारण कर सकती है.

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अभी चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से बढ़कर 144.60 मीटर पर है. चंबल नदी करीब 14 मीटर ऊपर उफान पर चल रही है. चंबल में आई बाढ़ से 50 से अधिक गांव चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ आपदा में घिरे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की ओर से लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है.

उफान पर चंबल

बता दें, बीती रात चंबल नदी का जलस्तर 144.70 मीटर था. गुरुवार सुबह तक जलस्तर मामूली घटकर 144.60 मीटर रह गया. महज 10 सेंटीमीटर पानी में गिरावट देखी गई. जल संसाधन विभाग के एक्सईएन होती लाल मीणा ने बताया कि कोटा बैराज से करीब एक लाख क्यूसेक पानी चंबल में रिलीज किया है. चंबल में छोड़ा गया पानी दोपहर तक धौलपुर जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगा, जिससे चंबल के जलस्तर में भारी इजाफा देखा जाएगा.

मीणा ने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश और कालीसिंध का पानी भी चंबल में प्रवेश कर रहा है, जिससे हालात और ज्यादा बेकाबू हो सकते हैं. चंबल में आई बाढ़ से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा उपखंड इलाके के 50 से अधिक गांव पानी से घिर चुके हैं. बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू रही है.

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लोगों के घरों में पानी घुसने से अनाज, कपड़े, बर्तन ,पशुओं का चारा आदि बर्बाद हो रहा है. चंबल में आई बाढ़ से नदी के तटवर्ती इलाकों में खरीफ फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. राजाखेड़ा और सरमथुरा उपखंड इलाके के करीब आधा दर्जन गांव चारों तरफ पानी से घिर चुके हैं. पानी में फंसे लोगों ने ऊंचे टीले एवं टापुओं पर शरण ली है. चारों तरफ पानी भरने से लोगों के लिए खाने पीने की भी समस्या गहरा गई है.

बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने टेंट लगाकर भोजन बनाने की कवायद शुरू कर दी है. एसडीआरएफ की टीम लोगों को मंजिल तक भोजन पानी उपलब्ध करा रही है.

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