धौलपुर. जिला समेत हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश और कोटा बैराज से छोड़े गए एक लाख क्यूसेक पानी से दोपहर तक चंबल नदी का जलस्तर भारी तादात में बढ़ेगा. बीती रात पानी की आवक चंबल में मामूली कम होने पर महज 10 सेंटीमीटर गेज कम हुआ है. लेकिन कोटा बैराज से छोड़े गए पानी से चंबल नदी और अधिक रौद्र रूप धारण कर सकती है.
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अभी चंबल नदी का जलस्तर खतरे के निशान 130.79 मीटर से बढ़कर 144.60 मीटर पर है. चंबल नदी करीब 14 मीटर ऊपर उफान पर चल रही है. चंबल में आई बाढ़ से 50 से अधिक गांव चपेट में आ चुके हैं. बाढ़ आपदा में घिरे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की ओर से लगातार रेस्क्यू किया जा रहा है.
बता दें, बीती रात चंबल नदी का जलस्तर 144.70 मीटर था. गुरुवार सुबह तक जलस्तर मामूली घटकर 144.60 मीटर रह गया. महज 10 सेंटीमीटर पानी में गिरावट देखी गई. जल संसाधन विभाग के एक्सईएन होती लाल मीणा ने बताया कि कोटा बैराज से करीब एक लाख क्यूसेक पानी चंबल में रिलीज किया है. चंबल में छोड़ा गया पानी दोपहर तक धौलपुर जिले की सीमा में प्रवेश कर जाएगा, जिससे चंबल के जलस्तर में भारी इजाफा देखा जाएगा.
मीणा ने बताया कि हाड़ौती क्षेत्र में हो रही बारिश और कालीसिंध का पानी भी चंबल में प्रवेश कर रहा है, जिससे हालात और ज्यादा बेकाबू हो सकते हैं. चंबल में आई बाढ़ से सरमथुरा, बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा उपखंड इलाके के 50 से अधिक गांव पानी से घिर चुके हैं. बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीम लगातार रेस्क्यू रही है.
लोगों के घरों में पानी घुसने से अनाज, कपड़े, बर्तन ,पशुओं का चारा आदि बर्बाद हो रहा है. चंबल में आई बाढ़ से नदी के तटवर्ती इलाकों में खरीफ फसल भी पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है. राजाखेड़ा और सरमथुरा उपखंड इलाके के करीब आधा दर्जन गांव चारों तरफ पानी से घिर चुके हैं. पानी में फंसे लोगों ने ऊंचे टीले एवं टापुओं पर शरण ली है. चारों तरफ पानी भरने से लोगों के लिए खाने पीने की भी समस्या गहरा गई है.
बाढ़ आपदा में फंसे लोगों को राहत पहुंचाने के लिए जिला प्रशासन ने टेंट लगाकर भोजन बनाने की कवायद शुरू कर दी है. एसडीआरएफ की टीम लोगों को मंजिल तक भोजन पानी उपलब्ध करा रही है.