धौलपुर. पार्वती नदी इस समय काल बनी हुई है. नदी में 12 दिनों में 5 लोगों की डूबने से मौत हो चुकी है. मंगलवार को कौलारी थाना इलाके के खरगपुर गांव में हादसा हो गया. यहां नदी में नहाने के लिए आए एक व्यक्ति और एक किशोर गहरे पानी में डूब गए. दोनों जीजा-साले थे.
ग्रामीणों की मदद से सोनू (32) और शिवा (15) को पानी से निकाला गया. चिकित्सकों ने सोनू को मृत घोषित कर दिया जबकि शिवा को गंभीर हालत में जयपुर हायर सेंटर रेफर किया गया है. आगरा शहर के ताजगंज का रहने वाला शिवा अपने जीजा सोनू के साथ सोमवार को रक्षाबंधन के त्यौहार के बाद सोहगी की रस्म अदा करने आया था. आज दोनों जीजा-साला बाइक पर पार्वती नदी में नहाने गए थे.
दोनों ने नदी के गहरे पानी में छलांग लगा दी. लेकिन वे गहरे पानी में तैर नहीं पाए. दोनों डूबने लगे. उन्होंने बचाने की गुहार लगाई.
स्थानीय लोगों ने उन्हें पानी से निकालने का प्रयास किया. करीब आधे घंटे की मशक्कत के बाद दोनों को पानी से बाहर निकाला जा सका. नाजुक हालत में परिजन दोनों को जिला अस्पताल ले गए. पुलिस ने मृतक सोनू का शव कब्जे में लेकर मोर्चरी में रखवाया. परिजनों की मौजूदगी में पोस्टमार्टम कराकर शव परिजनों के सुपुर्द कर दिया गया है. त्योहार की खुशियां एक परिवार के लिए मातम में बदल गई. परिजनों में कोहराम मचा हुआ है.
पार्वती नदी में कब-कब हुए हादसे
23 अगस्त : दो बालिकाओं की डूबने से मौत
मनिया थाना इलाके के खूबी का पुरा गांव में 23 अगस्त को पार्वती नदी में पूजन सामग्री विसर्जित करने गई दो बालिकाओं की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई थी. ग्रामीणों ने निजी स्तर पर ही रेस्क्यू कर बालिकाओं को निकाला था. हादसे में छवि (14) को बचाने के लिए कूदी अनुष्का (8) भी लहरों में समा गई थी. दोनों बच्चियों की मौत के बाद गांव में मातम पसर गया.
12 अगस्त : ट्रैक्टर ट्रॉली समेत बहे 2 लोग
कौलारी थाना इलाके में पार्वती नदी की रपट पर ट्रैक्टर ट्रॉली समेत पानी में 2 लोग बह गए थे. एसडीआरएफ की टीम ने कड़ी मशक्कत के बाद दोनों शवों को बाहर निकाला था. हादसे में मंसूर पुरा निवासी पोप सिंह और बंटी लोधा गांव से मनिया पानी के तेज बहाव का शिकार हो गये थे. वे ट्रैक्टर ट्रॉली में भैंस ले जा रहे थे.
Etv भारत की अपील
मानसून के बाद नदियां जब उफान के बाद नीचे उतरती हैं तो उनके तटों की जमीन दलदली हो जाती है. इसमें फिसलन की वजह से ठीक से खड़े रहने में भी दिक्कत होती है. सावन में नदी के किनारे उगी झाड़ियां और घास भी जानलेवा साबित हो सकती हैं. ऐसे में नदी-जोहड़ों-तालाब-नाड़ियों के पास जाना खतरनाक हो सकता है. पानी की गहराई का अंदाजा न हो तो पानी में न जाएं. नदियों के किनारे मिट्टी खोदने के कारण गड्ढे भी हो जाते हैं जो नदी का जलस्तर बढ़ने के कारण नजर नहीं आते. ऐसे में बिना सुरक्षा उपकरणों के नदी के भीतर न जाएं.