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भाजपाइयों का हल्लाबोल, बिजली की बढ़ी हुई दरों को वापस लेने की मांग - सीकर महंगी बिजली विरोध

धौलपुर में भाजपा नेताओं ने बढ़ी हुई बिजली दरों के विरोध में प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को राज्यपाल के नाम बिजली दरों में कमी लाने की मांग को लेकर ज्ञापन दिया. वहीं सीकर में भी भाजपा ने प्रदर्शन किया.

dholpur news, rajasthan news, धौलपुर में भाजपा का विरोध, बिजली की बढ़ी हुई दरों, धौलपुर में विरोध प्रदर्शन
विरोध प्रदर्शन
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Published : Feb 12, 2020, 7:31 PM IST

धौलपुर. जिले में बुधवार को भाजपा के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन पदाधिकारी और पार्टी के नेताओं ने लामबंद होकर कांग्रेस सरकार द्वारा बढ़ाई गई बिजली दरों के विरोध में प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया. भाजपाइयों ने बिजली दरों में कमी लाने की मांग की है और ऐसा नहीं करने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.

भाजपाइयों ने किया विरोध प्रदर्शन

राज्यपाल के नाम कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से भाजपा पार्टी के नेता और संगठन पदाधिकारियों ने बताया, कि वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली दरों को बढ़ाकर आमजन के साथ धोखा किया गया है. उन्होंने अपने घोषणापत्र में वायदा किया था, कि बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी. राजस्थान में कुल 1 करोड़ 20 लाख परिवार बिजली का उपयोग करते हैं. इनमें से 68 फीसदी परिवार, किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं.

पढ़ेंः बड़ा हादसा टलाः सोडाला एलिवेटेड रोड पर ट्रैक से एलाइनमेंट लॉन्चर खिसका

पदाधिकारियों ने बताया, कि गांव-ढाणी में दो या तीन कमरों के मकान में रहने वाले गरीब किसान की विद्युत खपत 150 से 200 यूनिट प्रतिमाह हो जाती है. अब गरीब किसान को 40 पैसे की जगह पर 7 रुपये 35 पैसे फिक्स चार्ज 220 की जगह 2 सौ 75 रुपये प्रति माह का भुगतान देना होगा.

भाजपा नेता ने कहा, कि कांग्रेस सरकार ने किसान मजदूर और आमजन के साथ वादाखिलाफी की है. राजस्थान में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट साल 2004 से प्रभावशील है. यह एक्ट कहता है, कि बिजली उपभोक्ताओं पर किसी भी प्रकार की दरें बिना अनुमति के नहीं बढ़ाई जा सकती है.

पढ़ेंः यात्रीगण कृपया ध्यान दें! Non interlocking ब्लॉक की वजह से 27 फरवरी को ये ट्रेनें रहेंगी रद्द

वहीं अडाणी पावर को उपकृत करने के लिए राज्य के खजाने से दिए जाने वाले 27 हजार करोड़ का भार राज्य के 1 करोड़ 20 लाख उपभोक्ताओं पर डाका डाला है. इसलिए भाजपाइयों ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित कर बिजली की बढ़ाई गई दरों को वापस लेने की मांग की है.

सीकर में भी बिजली की बढ़ी हुई दरों को लेकर प्रदर्शन

राजस्थान सरकार द्वारा बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी के विरोध में सीकर के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत के नेतृत्व में बुधवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश को ज्ञापन सौंपा. साथ ही बढ़ाई हुई दरों को वापस लेने की मांग की है.

सीकर में विरोध प्रदर्शन

भाजपा की मांग है, कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने जो बिजली की दरें बढ़ाईं हैं, उससे आमजन और किसान वर्ग पर आर्थिक भार पड़ेगा. कांग्रेस सरकार द्वारा जो बिजली की दरें बढ़ाई गईं हैं, उसे वापस लें. साथ ही जबतक बिजली की दरें वापस नहीं ली जाएगी, तबतक आंदोलन जारी रहेगा.

पढ़ेंः विधानसभा में गूंजा बाल श्रम और मानव तस्करी का मामला, श्रम मंत्री ने जताई यह मजबूरी!

पूर्व सांसद भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया, कि राजस्थान सरकार द्वारा किसानों और आमजन के साथ वादाखिलाफी की गई है. अगर राजस्थान सरकार बढ़ाई हुई बिजली की दरों को वापस नहीं लेती है तो भाजपा द्वारा राजस्थान विधानसभा में भी मुद्दा उठाया जाएगा. अगर फिर भी सरकार समय रहते बिजली के दरों को वापस नहीं लेती है, तो भाजपा द्वारा प्रदेश से केंद्र तक धरना प्रदर्शन कर आमजन की आवाज को बुलंद किया जाएगा.

धौलपुर. जिले में बुधवार को भाजपा के जिला अध्यक्ष के नेतृत्व में संगठन पदाधिकारी और पार्टी के नेताओं ने लामबंद होकर कांग्रेस सरकार द्वारा बढ़ाई गई बिजली दरों के विरोध में प्रदर्शन किया. उन्होंने जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल को राज्यपाल के नाम ज्ञापन दिया. भाजपाइयों ने बिजली दरों में कमी लाने की मांग की है और ऐसा नहीं करने पर सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.

भाजपाइयों ने किया विरोध प्रदर्शन

राज्यपाल के नाम कलेक्टर को दिए गए ज्ञापन के माध्यम से भाजपा पार्टी के नेता और संगठन पदाधिकारियों ने बताया, कि वर्तमान कांग्रेस सरकार द्वारा बिजली दरों को बढ़ाकर आमजन के साथ धोखा किया गया है. उन्होंने अपने घोषणापत्र में वायदा किया था, कि बिजली की दरें नहीं बढ़ाई जाएंगी. राजस्थान में कुल 1 करोड़ 20 लाख परिवार बिजली का उपयोग करते हैं. इनमें से 68 फीसदी परिवार, किसान परिवार से ताल्लुक रखते हैं.

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पदाधिकारियों ने बताया, कि गांव-ढाणी में दो या तीन कमरों के मकान में रहने वाले गरीब किसान की विद्युत खपत 150 से 200 यूनिट प्रतिमाह हो जाती है. अब गरीब किसान को 40 पैसे की जगह पर 7 रुपये 35 पैसे फिक्स चार्ज 220 की जगह 2 सौ 75 रुपये प्रति माह का भुगतान देना होगा.

भाजपा नेता ने कहा, कि कांग्रेस सरकार ने किसान मजदूर और आमजन के साथ वादाखिलाफी की है. राजस्थान में इलेक्ट्रिसिटी एक्ट साल 2004 से प्रभावशील है. यह एक्ट कहता है, कि बिजली उपभोक्ताओं पर किसी भी प्रकार की दरें बिना अनुमति के नहीं बढ़ाई जा सकती है.

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वहीं अडाणी पावर को उपकृत करने के लिए राज्य के खजाने से दिए जाने वाले 27 हजार करोड़ का भार राज्य के 1 करोड़ 20 लाख उपभोक्ताओं पर डाका डाला है. इसलिए भाजपाइयों ने कलेक्टर को राज्यपाल के नाम ज्ञापन प्रेषित कर बिजली की बढ़ाई गई दरों को वापस लेने की मांग की है.

सीकर में भी बिजली की बढ़ी हुई दरों को लेकर प्रदर्शन

राजस्थान सरकार द्वारा बिजली दरों में की गई बढ़ोतरी के विरोध में सीकर के भाजपा पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने पूर्व सांसद ओंकार सिंह लखावत के नेतृत्व में बुधवार को अतिरिक्त जिला कलेक्टर जयप्रकाश को ज्ञापन सौंपा. साथ ही बढ़ाई हुई दरों को वापस लेने की मांग की है.

सीकर में विरोध प्रदर्शन

भाजपा की मांग है, कि राजस्थान की गहलोत सरकार ने जो बिजली की दरें बढ़ाईं हैं, उससे आमजन और किसान वर्ग पर आर्थिक भार पड़ेगा. कांग्रेस सरकार द्वारा जो बिजली की दरें बढ़ाई गईं हैं, उसे वापस लें. साथ ही जबतक बिजली की दरें वापस नहीं ली जाएगी, तबतक आंदोलन जारी रहेगा.

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पूर्व सांसद भाजपा के प्रदेश उपाध्यक्ष ओंकार सिंह लखावत ने बताया, कि राजस्थान सरकार द्वारा किसानों और आमजन के साथ वादाखिलाफी की गई है. अगर राजस्थान सरकार बढ़ाई हुई बिजली की दरों को वापस नहीं लेती है तो भाजपा द्वारा राजस्थान विधानसभा में भी मुद्दा उठाया जाएगा. अगर फिर भी सरकार समय रहते बिजली के दरों को वापस नहीं लेती है, तो भाजपा द्वारा प्रदेश से केंद्र तक धरना प्रदर्शन कर आमजन की आवाज को बुलंद किया जाएगा.

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