धौलपुर. जिले के सैपऊ कस्बे के निजी गार्डन में मंगलवार को स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को स्वरोजगार के लिए लोन वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के दौरान बैंक ऑफ बड़ौदा की तरफ से 102 समूह की करीब 11 सौ महिलाओं को 5 करोड़ 10 लाख के लोन स्वयं के रोजगार के लिए दिए गए.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल राजीविका डीपीएम महेश शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक भरतपुर मणीलाल जाटव, मुख्य अग्रणी बैंक प्रबंधक किशोर चिलाना, जिला विकास प्रबंधक राजेश नावाड़ सहित बैंक शाखा के प्रबंधक सुधांशु बंसल रहे.
इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि जिले में राजीविका की महिलाओं की ओर से किये गए बीमा के कार्यों की सराहना की. साथ ही कार्यक्रम में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद् की की महिलाओं के 102 समूहों को बड़ौदा राजस्थान क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की ओर से 5 करोड़ 10 लाख के ऋण स्वीकृति के चैक वितरित किये.
कलेक्टर ने राजीविका की महिलाओं के कामों से प्रभावित होकर उनके रोजगार के क्षमता वर्धन के लिए 50 लाख की सहयोग राशि की घोषणा की. साथ ही कहा कि राजीविका की स्वंय सहायता समूह की महिलाओं को हमेश प्रशासन सहयोग करेगा. खासकर ग्रामीण अंचल की महिलाएं स्वंय के रोजगार सृजित करने में अग्रणी हो रही है. जिसमें सहयोग में कमी नहीं आएगी. कलेक्टर की ओर से राजीविका के सभी 12 क्लस्टर फेडरेशन के कार्यालय के लिए शासकीय भवन दिलाने की घोषणा की गई.
कलेक्टर ने कहा कि आज के दौर में महिलाएं पीछे नहीं है. खुद का रोजगार सृजित महिलाएं अव्वल साबित हो रही. ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाएं खुद के रोजगार जिनमे मधु मक्खी पालन,डेयरी संचालन, दौना पत्तल कारोबार, अचार उघोग, पायल उघोग, आदि द्वारा अपनी आजीविका का संचालन कर रही है. क्षेत्रीय प्रबंधक केएल जाटव ने कहा कि जो महिलाएं ऋण ले रही है वह इसका उपयोग रोजगार सर्जन गतिबिधियों में ही करें. जिससे बैंक का ऋण समय से चुकाया जा सके.
राजीविका के जिला परियोजना प्रबंधक महेश शर्मा ने कार्यक्रम में कहा कि जिले में करीब 54 हजार महिलाएं स्वंय सहायता समूह से जुड़ी हुई है. जो विभिन्न प्रकार से रोजगार सृजन गतिबिधियों में अग्रणी है.
कलेक्टर ने बताया राजीविका की महिलाएं गांव-गांव पहुंचकर सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं को समाज के आखिरी पंक्ति में खड़े व्यक्ति के पास पंहुचा रही है. जिले की ग्रामीण महिलाएं राजीविका से जुड़ने के बाद विदेशों तक में भी स्वंय सहायता समूह के निर्माण कर आई है.