धौलपुर. जिले के जर्जर एवं खस्ता सड़क मार्ग आमजन की जान पर भारी पड़ रहे हैं. प्रदेश में सत्ता परिवर्तन हुए करीब ढाई साल हो गए, लेकिन जिले में सड़कों की दुर्दशा की तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है. कस्बे के लिंक एवं छोटे सड़क मार्ग पूरी तरह से जर्जर एवं खस्ताहाल हो चुके हैं. हादसे का सबब बन रहे सड़क मार्गों को लेकर संबंधित पीडब्ल्यूडी विभाग एवं प्रशासन के नुमाइंदे बेखबर हैं. जिससे जिले को लोगों में भारी आक्रोश है.
सत्ता परिवर्तन के बाद भी जिले में बदहाल सड़क मार्गों के हालात नहीं सुधरे हैं. क्षतिग्रस्त एवं टूटे सड़क मार्ग वाहन चालक व राहगीरों के लिए परेशानी का बड़ा सबब बन गए हैं. वाहन चालक आए दिन दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं. यातायात भार बढ़ने से दुर्घटनाओं में भी भारी इजाफा हो रहा है. सत्ता परिवर्तन के बाद लोगों को उम्मीद की आस लगी थी कि बदहाल सड़क मार्गों से मुक्ति मिलेगी, लेकिन पिछले ढाई साल में जिले में पीडब्ल्यूडी विभाग ने टूटे सड़क मार्ग एवं लिंक रोडों पर पैच वर्क कराने तक की जहमत नहीं उठाई है.
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जिले के धौलपुर, बाड़ी, राजाखेड़ा, सरमथुरा, बसेड़ी, बसई नवाब, मनिया, मांगरोल,सैपऊ,तसीमो,करीम पुर,गुलाबली आदि शहर एवं कस्बों के लिंक सड़क मार्ग टूट कर बदहाल हो चुके हैं. पिछले लंबे समय से क्षतिग्रस्त सड़क मार्गों की समस्या कस्बे वासी एवं ग्रामीणों के लिए नासूर बन गई है. मौजूदा वक्त में सैपऊ कस्बे से राजा का नगला सड़क मार्ग, सालेपुर सड़क मार्ग, बाड़ी सड़क मार्ग एवं बसई नवाब सड़क मार्ग के अलावा बसेड़ी सड़क मार्ग क्षतिग्रस्त हो चुका है.
स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 3 वर्षों से सड़कें क्षतिग्रस्त हो चुकी है. स्थानीय लोगों ने राजनेताओं एवं प्रशासन के अधिकारियों को भी शिकायत पत्र देकर कई बार अवगत कराया है, लेकिन सरकार एवं प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा बदहाल सड़क मार्गों की समस्याओं को लेकर गंभीर नहीं है. इससे सरकार एवं प्रशासन के खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश व्याप्त है.