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चंबल नदी में घड़ियालों और मगरमच्छों का जमावड़ा, प्रवासी पक्षी कर रहे अठखेलियां

सर्दी का मौसम आते ही चंबल नदी से जलीय जीवों का निकलना शुरू हो गया है. चंबल नदी से मगरमच्छ और घड़ियालों के झुंड धूप लेने के लिए रेत के टीले एवं टापुओं पर जमा हो रहे हैं. इसी प्रकार प्रवासी पक्षियों के भी पहुंचने का सिलसिला जारी है.

पर्यटकों ने देखी मगरमच्छों की अठखेलियां
पर्यटकों ने देखी मगरमच्छों की अठखेलियां
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 11, 2023, 9:01 PM IST

धौलपुर. चंबल नदी से घड़ियाल एवं मगरमच्छों का निकलना शुरू हो गया है. घड़ियाल एवं मगरमच्छ अपने बच्चों के साथ धूप सेंकने के लिए चंबल नदी में स्थित रेत के टीले एवं टापुओं पर घंटों तक बैठे रहते हैं. वन्य जीव प्रेमी मुन्ना निषाद ने बताया कि धूप निकलने की वजह से सभी जलीय जीव धूप सेंकने के लिए पानी से बाहर आते हैं. कई प्रकार की प्रजातियों के कछुए भी इस झुंड में शामिल हो जाते हैं. सुबह 8 बजे के बाद जैसे ही धूप की पहली किरण चंबल नदी पर पड़ती है, जलीय जीवों के निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

कई प्रवासी पक्षी पहुंचे चंबल: सर्दी का मौसम शुरू होते ही कई प्रवासी पक्षी भी भोजन की तलाश में चंबल नही पहुंच रहे हैं. मुन्ना निषाद ने बताया दिसंबर का महीना शुरू होते ही उत्तर एवं मध्य एशिया से बार हेडेड गॉस, स्कीमर,पेन्ट्रोड स्ट्रोक पक्षी चंबल पहुंच रहे हैं. बार हेडेड गॉस पक्षी मध्य एशिया में प्रजनन करता है और सर्दी के मौसम में चंबल नदी में भोजन की तलाश में पहुंचता है. इस पक्षी की रेड कलर की चोंच एवं पैर होते हैं. ये शिकार करने में माहिर माना जाता है. पेन्ट्रोड स्ट्रोक पक्षी लंबे आकार का होता है. इस पक्षी की चोंच काफी लंबी होती है. घात लगाकर शिकार करने में इसको माहिर माना जाता है. स्किमर पक्षी का मध्य एशिया में प्रजनन होता है. ये दिसंबर से लेकर फरवरी तक चंबल एवं रामसागर बांध में शिकार की तलाश में भटकता रहता है. यह पक्षी शिकार करने के लिए पानी के ऊपर घंटों तक उड़ता रहता है. पानी के अंदर शिकार करने में इसको दक्षता हासिल है.

इसे भी पढ़ें- घना में कई साल बाद ब्लैक नेक्ड स्टार्क व डस्की आउल ने की नेस्टिंग, पहुंचे कई प्रजाति के हजारों पक्षी

पर्यटकों ने देखी मगरमच्छों की अठखेलियां: चंबल नदी में घड़ियाल एवं मगरमच्छों की अठखेलियां देखकर पर्यटक लुत्फ उठा रहे हैं. धूप निकलने पर भारी तादाद में जलीय जीव चंबल नदी के किनारों पर देखे जा सकते हैं. मगरमच्छ एवं घड़ियाल के झुंड पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं. विदेशी पक्षी मेहमान भी पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं. वन्य जीव प्रेमी अपने कैमरों में उनकी तस्वीरों को कैद कर रहे हैं.

धौलपुर. चंबल नदी से घड़ियाल एवं मगरमच्छों का निकलना शुरू हो गया है. घड़ियाल एवं मगरमच्छ अपने बच्चों के साथ धूप सेंकने के लिए चंबल नदी में स्थित रेत के टीले एवं टापुओं पर घंटों तक बैठे रहते हैं. वन्य जीव प्रेमी मुन्ना निषाद ने बताया कि धूप निकलने की वजह से सभी जलीय जीव धूप सेंकने के लिए पानी से बाहर आते हैं. कई प्रकार की प्रजातियों के कछुए भी इस झुंड में शामिल हो जाते हैं. सुबह 8 बजे के बाद जैसे ही धूप की पहली किरण चंबल नदी पर पड़ती है, जलीय जीवों के निकलने का सिलसिला शुरू हो जाता है.

कई प्रवासी पक्षी पहुंचे चंबल: सर्दी का मौसम शुरू होते ही कई प्रवासी पक्षी भी भोजन की तलाश में चंबल नही पहुंच रहे हैं. मुन्ना निषाद ने बताया दिसंबर का महीना शुरू होते ही उत्तर एवं मध्य एशिया से बार हेडेड गॉस, स्कीमर,पेन्ट्रोड स्ट्रोक पक्षी चंबल पहुंच रहे हैं. बार हेडेड गॉस पक्षी मध्य एशिया में प्रजनन करता है और सर्दी के मौसम में चंबल नदी में भोजन की तलाश में पहुंचता है. इस पक्षी की रेड कलर की चोंच एवं पैर होते हैं. ये शिकार करने में माहिर माना जाता है. पेन्ट्रोड स्ट्रोक पक्षी लंबे आकार का होता है. इस पक्षी की चोंच काफी लंबी होती है. घात लगाकर शिकार करने में इसको माहिर माना जाता है. स्किमर पक्षी का मध्य एशिया में प्रजनन होता है. ये दिसंबर से लेकर फरवरी तक चंबल एवं रामसागर बांध में शिकार की तलाश में भटकता रहता है. यह पक्षी शिकार करने के लिए पानी के ऊपर घंटों तक उड़ता रहता है. पानी के अंदर शिकार करने में इसको दक्षता हासिल है.

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पर्यटकों ने देखी मगरमच्छों की अठखेलियां: चंबल नदी में घड़ियाल एवं मगरमच्छों की अठखेलियां देखकर पर्यटक लुत्फ उठा रहे हैं. धूप निकलने पर भारी तादाद में जलीय जीव चंबल नदी के किनारों पर देखे जा सकते हैं. मगरमच्छ एवं घड़ियाल के झुंड पर्यटकों को रोमांचित कर रहे हैं. विदेशी पक्षी मेहमान भी पर्यटकों को खूब लुभा रहे हैं. वन्य जीव प्रेमी अपने कैमरों में उनकी तस्वीरों को कैद कर रहे हैं.

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