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भारत बंद : धौलपुर में कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने रखा बंद, किसानों के समर्थन में उतरे लोग और व्यापारी

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Published : Dec 8, 2020, 2:18 PM IST

धौलपुर देशभर में पिछले कई दिनों से किसान विरोधी काले कानून का किसान वर्गों ने आंदोलन कर रहा है. 8 दिसंबर भारत बंद के ऐलान के आह्वान पर आज मंगलवार को शहर की कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में अपने-अपने प्रतिष्ठानों को बंद किया. व्यापारियों ने अनाज मंडी को बंद कर किसानों के समर्थन में कृषि विधेयक बिल को रद्द करने की मांग की है. हालांकि भारत बंद का असर धौलपुर शहर में मिला-जुला देखा गया. कहीं बाजार खुले हुए दिखाई दिए तो कहीं व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में दुकानों को बंद रखा.

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धौलपुर में भारत बंद के आह्वान पर कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने रखा बंद, किसानों के समर्थन में व्यापारियों ने जताई सहमति

धौलपुर. जिले में मंगलवार को भारत बंद के आह्वान पर शहर के प्रतिष्ठित कृषि उपज मंडी को व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में सुबह से ही बंद रखा है. कृषि उपज मंडी के अंदर खरीद-फरोख्त पूरी तरह से बंद रही. मंडी में काम करने वाले पल्लेदार एवं व्यापारी वर्ग के लोग नहीं आए. जो लोग मंडी में पहुंचे उन्होंने अपने प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से बंद रखा है. किसानों के समर्थन में मंडी व्यापारियों ने पूरी तरह से सहमति जताई है. व्यापारियों ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यसभा एवं संसद में किसानों के लिए 3 विधेयक पारित किए थे. केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों विधेयक किसान एवं मंडी व्यापारियों के विरोधी हैं. जिससे देश का अन्नदाता एवं व्यापारी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा.

धौलपुर में भारत बंद के आह्वान पर कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने रखा बंद, किसानों के समर्थन में व्यापारियों ने जताई सहमति

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के विरोध में देशभर के किसान दिल्ली में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार किसानों से वार्ता करने के लिए आगे नहीं आ रही है. देश का अन्नदाता किसान पालन करता है. अगर उस अन्नदाता की कमर टूटती है तो देख बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगा. इसके साथ ही व्यापारियों ने कहा कि कृषि विधेयक से देश की मंडियां भी खत्म हो जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया मंडियों में व्यापारियों में आपसी प्रतिस्पर्धा होने के कारण किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलता है. लेकिन मंडियां खत्म होने पर सिस्टम की डोर चंद कारपोरेट के हाथ में पहुंच जाएगी. जो मनमानी कर किसान की फसल का दाम वसूल करेंगे. ऐसे में केंद्र सरकार को शीघ्र ही तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहिए.

पढ़े. Bharat Bandh : ट्रैक्टर पर बैठकर परिवहन मंत्री खाचरियावास ने बंद करवाए जयपुर के बाजार

सैपऊ में भी भारत बंद का व्यापक असर

धौलपु जिले के सैपऊ उपखंड एवं ग्रामीण इलाकों में किसानों के भारत बंद के समर्थन में व्यापक असर देखा गया. सैपऊ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विनीत कुमार शर्मा एवं ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष मुकुंद चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. बाजारों से रैली निकालकर कांग्रेसियों ने उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसानों के तीनों विधेयकों को रद्द करने की मांग की है.

ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेसियों ने किसानों के समर्थन में तीनों विधायकों को रद्द करने की मांग की है. इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेश शर्मा, सुभाष शर्मा, जय सिंह परमार, रणवीर, अमर खान, भूरा शर्मा, वीरपाल सिंह, सुनील कुमार, राजेश परमार, राम अवतार, राम सिंह लोधी, लल्लू राम परमार, बलदेव, गोपेश शर्मा, अवनीश, कृष्णकांत, गौरव, शैलेंद्र, सौरभ राघव, राहुल, शिवम आदि मौजूद रहे.

धौलपुर. जिले में मंगलवार को भारत बंद के आह्वान पर शहर के प्रतिष्ठित कृषि उपज मंडी को व्यापारियों ने किसानों के समर्थन में सुबह से ही बंद रखा है. कृषि उपज मंडी के अंदर खरीद-फरोख्त पूरी तरह से बंद रही. मंडी में काम करने वाले पल्लेदार एवं व्यापारी वर्ग के लोग नहीं आए. जो लोग मंडी में पहुंचे उन्होंने अपने प्रतिष्ठानों को पूरी तरह से बंद रखा है. किसानों के समर्थन में मंडी व्यापारियों ने पूरी तरह से सहमति जताई है. व्यापारियों ने कहा कि हाल ही में केंद्र सरकार ने राज्यसभा एवं संसद में किसानों के लिए 3 विधेयक पारित किए थे. केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए तीनों विधेयक किसान एवं मंडी व्यापारियों के विरोधी हैं. जिससे देश का अन्नदाता एवं व्यापारी पूरी तरह से बर्बाद हो जाएगा.

धौलपुर में भारत बंद के आह्वान पर कृषि उपज मंडी के व्यापारियों ने रखा बंद, किसानों के समर्थन में व्यापारियों ने जताई सहमति

केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए कानूनों के विरोध में देशभर के किसान दिल्ली में प्रोटेस्ट कर रहे हैं. लेकिन केंद्र सरकार किसानों से वार्ता करने के लिए आगे नहीं आ रही है. देश का अन्नदाता किसान पालन करता है. अगर उस अन्नदाता की कमर टूटती है तो देख बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएगा. इसके साथ ही व्यापारियों ने कहा कि कृषि विधेयक से देश की मंडियां भी खत्म हो जाएगी. साथ ही उन्होंने बताया मंडियों में व्यापारियों में आपसी प्रतिस्पर्धा होने के कारण किसानों को फसल का अच्छा दाम मिलता है. लेकिन मंडियां खत्म होने पर सिस्टम की डोर चंद कारपोरेट के हाथ में पहुंच जाएगी. जो मनमानी कर किसान की फसल का दाम वसूल करेंगे. ऐसे में केंद्र सरकार को शीघ्र ही तीनों काले कानूनों को वापस लेना चाहिए.

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सैपऊ में भी भारत बंद का व्यापक असर

धौलपु जिले के सैपऊ उपखंड एवं ग्रामीण इलाकों में किसानों के भारत बंद के समर्थन में व्यापक असर देखा गया. सैपऊ ब्लॉक कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष विनीत कुमार शर्मा एवं ग्रामीण कांग्रेस के अध्यक्ष मुकुंद चौधरी के नेतृत्व में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर प्रदर्शन किया. बाजारों से रैली निकालकर कांग्रेसियों ने उपखंड अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन प्रेषित किया है. ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेसियों ने केंद्र सरकार द्वारा लागू किए गए किसानों के तीनों विधेयकों को रद्द करने की मांग की है.

ज्ञापन के माध्यम से कांग्रेसियों ने किसानों के समर्थन में तीनों विधायकों को रद्द करने की मांग की है. इस अवसर पर वरिष्ठ कांग्रेसी नेता महेश शर्मा, सुभाष शर्मा, जय सिंह परमार, रणवीर, अमर खान, भूरा शर्मा, वीरपाल सिंह, सुनील कुमार, राजेश परमार, राम अवतार, राम सिंह लोधी, लल्लू राम परमार, बलदेव, गोपेश शर्मा, अवनीश, कृष्णकांत, गौरव, शैलेंद्र, सौरभ राघव, राहुल, शिवम आदि मौजूद रहे.

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