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कोरोना महामारी के चलते अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति बिगड़ी, मदद के लिए सरकार से गुहार - Advocates submitted memo

कोरोना महामारी ने पूरे देश की अर्थव्यवस्था को चौपट कर दिया है. लोगों के काम-धंधे पूरी तरह से से चौपट हो गए है. वहीं न्यायालय में काम करने वाले अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति भी खासी प्रभावित हुई है. जिसको लेकर राजाखेड़ा में शुक्रवार को अधिवक्ताओं ने मुख्यमंत्री के नाम कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है. ज्ञापन के माध्यम से उन्होंने आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है.

अधिवक्ता झेल रहे आर्थिक मंदी, Advocates facing economic recession
अधिवक्ता झेल रहे आर्थिक मंदी
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Published : Oct 16, 2020, 8:32 PM IST

राजाखेड़ा (धौलपुर). वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन से एक तरफ जहां लोगों के काम-धंधे पूरी तरह से चौपट हो गए, तो वहीं देश में अनलॉक 5 लागू होने के बाद भी लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है. लॉकडाउन ने न्यायालय बंद होने से अधिवक्ताओं के आर्थिक हालात को भी प्रभावित किया है.

इसको लेकर शुक्रवार को राजाखेड़ा अभिभाषक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. राजाखेड़ा अभिभाषक संघ के अध्यक्ष उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में लगे लॉकडाउन ने अधिवक्ताओं की आजीविका को खासा प्रभावित किया है. अभिभाषक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते करीब आठ-दस महीनों से न्यायालयों में काम न होने के कारण अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है.

पढ़ेंः 'समझौते की पालना करे सरकार, नहीं तो 2007-08 जैसे हालातों का करना पड़ सकता है सामना'

वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पन्न हुए हालातों के चलते हाल ही में जिले में एक अधिवक्ता ने आत्महत्या कर ली. अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में बताया कि न्यायालयों में काम धंधे ना चलने के कारण अब अधिवक्ताओं के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है. अधिवक्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से शून्य ब्याज पर पांच लाख रुपये का ऋण मुहैया कराने की मांग की है.

राजाखेड़ा (धौलपुर). वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण के कारण लगे लॉकडाउन से एक तरफ जहां लोगों के काम-धंधे पूरी तरह से चौपट हो गए, तो वहीं देश में अनलॉक 5 लागू होने के बाद भी लोगों की आर्थिक स्थिति बिगड़ी हुई है. लॉकडाउन ने न्यायालय बंद होने से अधिवक्ताओं के आर्थिक हालात को भी प्रभावित किया है.

इसको लेकर शुक्रवार को राजाखेड़ा अभिभाषक संघ ने मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. राजाखेड़ा अभिभाषक संघ के अध्यक्ष उपेंद्र मिश्रा ने बताया कि कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए देश में लगे लॉकडाउन ने अधिवक्ताओं की आजीविका को खासा प्रभावित किया है. अभिभाषक संघ के अध्यक्ष ने बताया कि कोरोना महामारी के चलते करीब आठ-दस महीनों से न्यायालयों में काम न होने के कारण अधिवक्ताओं की आर्थिक स्थिति काफी खराब हो गई है.

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वैश्विक महामारी कोरोना के कारण उत्पन्न हुए हालातों के चलते हाल ही में जिले में एक अधिवक्ता ने आत्महत्या कर ली. अधिवक्ताओं ने ज्ञापन में बताया कि न्यायालयों में काम धंधे ना चलने के कारण अब अधिवक्ताओं के सामने रोजी-रोटी का संकट गहराने लगा है. अधिवक्ताओं ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार से शून्य ब्याज पर पांच लाख रुपये का ऋण मुहैया कराने की मांग की है.

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