धौलपुर. राजस्थान के कोटा बैराज के 19 गेट खोल कर लगभग 8 लाख क्यूसेक पानी रिलीज किया गया है. जिससे धौलपुर जिला जलमग्न हो गया. जिले के राजाखेड़ा इलाके के गांव अंडवा, पुरैनी, चीलपुरा, चाड़ियन का पुरा, दगरा, बरसला, झिरी, गुनपुर, दुर्गसी, सेवर, पाली, मोरोली, घेर, भमरोली सहित करीब चार दर्जन गांव जलभराव की चपेट में आ चुके हैं. वहीं एक दर्जन गांव पूरी तरह से पानी से घिर चुके हैं.
जिला प्रशासन एसडीआरएफ की टीम और पुलिस के सहयोग से ग्रामीणों को सुरक्षित निकाल रहा है. प्रशासन द्वारा गांव में मेडिकल की टीम भेजी जा रही है. लेकिन ग्रामीणों को भोजन की असुविधा हो रही है. चंबल नदी में आए भारी पानी से किसानों की खरीफ की फसल पूरी तरह से चौपट हो चुकी है. खरीफ की फसल में प्रमुख रूप से बाजरा, दलहन, तिलहन और ग्वार बर्बादी के कगार पर पहुंच चुकी है. खेतों में 10 फीट तक पानी भरा हुआ है. साथ ही लोगों के घरों में भी पानी भर गया है. जिससे लोगों के दैनिक जीवन के प्रयोग का सारा सामान बर्बाद हो गया हैं. जिला प्रशासन स्ट्रीमर की सहायता से ग्रामीणों को सुरक्षित निकालने के लिए रेस्क्यू अभियान चला रहा है.
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राजस्थान के कोटा, झालावाड़ और बूंदी जिले से दौरा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत धौलपुर पहुंचे. जहां मुख्यमंत्री गहलोत ने हेलीकॉप्टर से चंबल नदी के किनारे सर मथुरा, बाड़ी, धौलपुर और राजाखेड़ा के गांव का दौरा किया और हालातों का जायजा लिया. जलभराव और बाढ़ की चपेट में आए गांव का दौरा कर मुख्यमंत्री पुलिस लाइन पहुंचे. जहां जिला स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चंबल नदी के किनारे के गांव पानी की चपेट में आ रहे हैं. हालांकि, प्रशासन ने पहले उन ग्रामीणों को चेतावनी दी थी लेकिन लोगों ने घरों को खाली नहीं किया.
मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि यह सरकार की पूरी जिम्मेदारी है कि उन लोगों को किसी तरह से सुरक्षित रखा जाए. गहलोत ने कहा कि राजस्थान के कोटा, झालावाड़ और बूंदी जिले का भी दौरा किया है. जो गांव चंबल के किनारे बसे हुए है वहां ज्यादा दिक्कत हो रही है. इस आपदा से निपटने के लिए राजस्थान की सरकार और प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद है.
यह बाढ़ बिहार और असम जैसे हालात पैदा नहीं करेगी. आराम से स्थिति संभल जाएगी और सम्भली हुई है. बाढ़ आपदा से प्रभावित लोगों का सर्वे कराया जाएगा और उनको पूरी तरह से मदद दी जाएगी. उसके अलावा किसानों की खरीफ फसल की बर्बादी और मवेशी की भी सरकार द्वारा पूरी जिम्मेदारी के साथ व्यवस्था कराई जाएगी.
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मुख्यमंत्री गहलोत ने कहा कि राजस्थान में अब तक 54 लोग मारे जा चुके हैं. लेकिन धौलपुर जिले में अभी ऐसी स्थिति नहीं है. चंबल नदी में कैनाल के जवाब पर गहलोत ने कहा कि अभी इसकी घोषणा हुई है. मध्य प्रदेश सरकार से वार्ता कर इसके लिए काम किया जाएगा. बाढ़ आपदा में प्रभावित लोगों का सर्वे कराया जाएगा उसके बाद सरकार पीड़ितों को पैकेज की व्यवस्था करेगी.