धौलपुर. पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट की जन संघर्ष यात्रा के समापन के अवसर पर जयपुर में हुई सभा में भरतपुर संभाग से तीन विधायक शामिल हुए. धौलपुर के बाड़ी विधानसभा से गिर्राज सिंह मलिंगा, बसेड़ी से खिलाड़ी लाल बैरवा एवं भरतपुर के रूपवास विधानसभा क्षेत्र से भरोसी लाल जाटव की भी खुले मंच पर एंट्री हुई है. गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा का सचिन पायलट के पाले में पहुंच जाने से सियासी पारा चढ़ गया है.
मलिंगा एवं बैरवा की सचिन पायलट के मंच पर एंट्री होने से जिले की सियासत में भी खेमेबाजी देखने को मिल रही है. जिले के 4 विधानसभा क्षेत्र में बाड़ी से गिर्राज सिंह मलिंगा और बसेड़ी से खिलाड़ी लाल बैरवा सचिन पायलट गुट में सार्वजनिक तौर पर शामिल हो चुके हैं. वहीं राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा मुख्यमंत्री अशोक गहलोत गुट के नजदीकी बन गए हैं. भाजपा से निष्कासित धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह अशोक गहलोत गुट में 7 मई को हुई राजाखेड़ा में मुख्यमंत्री की सभा में शामिल हो गईं. राजस्थान प्रदेश की गुटबाजी का असर धौलपुर कांग्रेस पार्टी में भी देखा जा रहा है.
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विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा और खिलाड़ी लाल बैरवा एक गुट बन गया है. वहीं राजाखेड़ा विधायक रोहित बोहरा दूसरा गुट बन गया है. धौलपुर विधायक शोभारानी कुशवाह ने जिला स्तर पर अभी तक किसी भी गुट में अपनी सक्रियता नहीं दिखाई है. विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा, खिलाड़ी लाल बैरवा एवं रोहित बोहरा गुट में मौजूदा वक्त में जोरदार सियाशी अदावत देखी जा रही है. 9 मई को राजाखेड़ा में राजपूत समाज के एक कार्यक्रम विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने बिना नाम लिए विधायक रोहित बोहरा एवं उनके पिता पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह पर जोरदार जुबानी हमला बोला था. मलिंगा ने राजपूत समाज के लोगों से चुनाव में हराने तक की अपील भी की थी.
मानेसर की घटना से हुई सियाशी अदावतः वर्ष 2020 में अशोक गहलोत सरकार से बगावत कर पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट के साथ मानेसर गए विधायक रोहित बोहरा की सियासी दुश्मनी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा से हो गई. तत्कालीन समय पर गिर्राज सिंह मलिंगा एवं खिलाड़ी लाल बैरवा गहलोत के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ खड़े रहे थे. हालांकि समय रहते विधायक रोहित बोहरा, चेतन डूडी एवं दानिश अबरार गहलोत के खेमे में ही मानेसर से लौटकर शामिल हुए थे. वर्ष 2020 से ही मलिंगा, बैरवा एवं बोहरा गुट जिले में अलग-अलग बन गए.
प्रदेश से लेकर ब्लॉक इकाई तक कांग्रेस पार्टी में भारी गुटबाजी देखी जा रही है. गुटबाजी का सबसे बड़ा असर आगामी दिसंबर में होने वाले विधानसभा चुनाव पर पड़ सकता है. कांग्रेस पार्टी ने अगर मलिंगा एवं बैरवा को दरकिनार किया, तो राजपूत एवं एससी समाज का बड़ा खेमा कांग्रेस से खिसक सकता है. मलिंगा एवं बैरवा दोनों ही नेताओं को अपने-अपने समाज का बड़े कद का नेता माना जाता है. धौलपुर जिले की चारों विधानसभा क्षेत्र में राजपूत समाज एवं एससी वोट भारी तादाद में दखल रखता है.