धौलपुर. जिले के बाड़ी उपखंड पर स्थित राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों की महिला शिक्षिकाओं के 10 दिवसीय गैर आवासीय प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह का आयोजन बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा के मुख्य आतिथ्य में आयोजित किया गया. वहीं, कार्यक्रम की अध्यक्षता धौलपुर जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने की. जिला कलेक्टर और बाड़ी विधायक ने प्रतिभागियों को प्रमाण-पत्र प्रदान किए.
कार्यक्रम की शुरुआत अतिथियों ने मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर की. इस दौरान गैर सरकारी एसकेएम विद्यालय की महिला शिक्षिका सोनम शर्मा ने निर्भया कांड पर अभिनय के माध्यम से अपने विचार साझा कर कहा कि-'पापा की परी थी, आत्मरक्षा की कमी थी, इसी वजह से सुनसान सड़क पर मरी पड़ी थी. इसी तरह कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने अपने प्रशिक्षण संबंधी विचार और अनुभव साझा किए और कार्यक्रम मंच का संचालन शिक्षक राजेश कुमार शर्मा और सतीश अग्रवाल ने किया.
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इस दौरान मुख्य अतिथि बाड़ी विधायक गिर्राज सिंह मलिंगा ने कहा कि जिला उन्नति की राह पर चल पड़ा है. बालिकाओं के संबलन के लिए आत्मरक्षा प्रशिक्षणों का आयोजन होने से उन्हें एक नई ऊर्जा मिलेगी. उन्होंने कहा कि 6 जनवरी से 15 जनवरी तक 10 दिवसीय आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया है, जो बेहद ही प्रशंसनीय कार्य है. वहीं, प्रशिक्षण समापन समारोह कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जिला कलेक्टर राकेश कुमार जायसवाल ने कहा कि जिले में बालिकाओं एवं महिलाओं को सबल बनाने के क्षेत्र में ब्लॉकवार आत्मरक्षा शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. इन शिविरों के माध्यम से गुड-टच, बैड-टच और किशोर-किशोरियों के स्वास्थ्य के संबंध में आवश्यक जानकारी देने के लिए जागरूकता पैदा करने की पहल भी की जा रही है. सेल्फ डिफेंस मार्सल आर्ट की गतिविधियों का आयोजन भी किया जा रहा है, जिससे ज्यादा से ज्यादा बालिकाएं आत्मरक्षा कर सकें.
जिला कलेक्टर ने कहा कि स्कूलों के प्रारंभ होने पर छोटे-छोटे समूह में इस प्रशिक्षण का लाभ बच्चियों को मिले. वहीं, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि मनोवैज्ञानिक विकास के लिए किशोर-किशोरी स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन कर बच्चों को लाभ दिलाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस तरह के आयोजन से महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा. बालिकाओं को आत्मरक्षा में मदद मिलेगी. जिस दिन बेटियां अपनी हिफाजत को लेकर आश्वस्त हो जाएंगी, उसी दिन सही मायने में देश शक्तिशाली होगा और हमारी समृद्धि यात्रा आरंभ होगी.
जिला कलेक्टर ने कहा कि आत्मरक्षा प्रशिक्षण से जिले की बेटियां सशक्त और सक्षम बनेंगी. जिले में सकारात्ममक माहौल बनेगा. बेटियां शारीरिक हिंसा के खौफ से आजाद हों, इन प्रयासों के सकारात्मक और उत्साहवर्द्धक परिणाम आने की आशा हैं. धौलपुर जिला प्रदेश के सबसे पिछड़े जिलों में से एक हैं. यहां महिलाओं की स्थिति खास तौर से चिंतनीय है. लिंगानुपात भी अन्य जिलों के मुकाबले बेहद कम है. समाज विरोधी और विकृत मानसिकता वाले लोगों के डर से से महिलाएं सूर्यास्त के बाद घर से बाहर निकलने से बचती हैं, उनमें सुरक्षा का माहौल पैदा होगा.
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वहीं, स्थानीय विद्यालय के प्रधानाचार्य हरिओम सिंह सिकरवार ने आत्मरक्षा प्रशिक्षण की रूपरेखा के बारे में बताया और कहा कि इस प्रशिक्षण के माध्यम से निश्चित ही बालिकाओं और महिलाओं में आत्मरक्षा का भाव पैदा होगा. उन्होंने कहा कि इस प्रशिक्षण से 101 महिला शिक्षिकाओं ने लाभ प्राप्त किया है. मार्शल आर्ट के दक्ष प्रशिक्षक माता प्रसाद शर्मा उर्फ टाइगर ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य में धौलपुर जिले में सबसे बेहतरीन प्रशिक्षण कार्यक्रम जिले में चल रहा है. उन्होंने अपनी ऊर्जा बढ़ाने के लिए मेडिटेशन के बारे में बताया और रहल विद्यालय के प्रधानाध्यापक पारस राम भामाशाह के माध्यम से 31 ट्रैक सूट का वितरण किया गया. उन्हें कलेक्टर और विधायक ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. कार्यक्रम में बाड़ी तहसीलदार पुरुषोत्तम लाल जांगिड़, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी सियाराम मीणा, एडीपीसी मुकेश गर्ग, उड़ान की नीलम दुबे, एसीबीई-ओ महेश कुमार मंगल, व्याख्याता दिलीप चाहर, भंवर सिंह मीणा,विनोद, पुष्पेंद्र शर्मा, चरण सिंह मीणा, अमर सिंह मीणा और आरपी अशोक शर्मा सहित अन्य लोग मौजूद रहे.