दौसा. चिकित्सा विभाग की एक और घोर लापरवाही सामने आई है. जिसमें 18 साल से उपर वाले लोगों को लगाई जा रही है कोरोना वैक्सीन में एक वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन लगवाने आई एक महिला को विभाग के कार्मिकों ने 10 मिनट में ही कोरोना वैक्सीन की डबल डोज लगा दी. गनीमत यह रही कि महिला को कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ. वह फिलहाल पूरी तरह सुरक्षित है.
शायद देश में पहला ही मामला होगा जहां वैक्सीन लगवाने आई महिला को कार्मिकों ने को वैक्सीन कि 10 मिनट में ही डबल डोज लगा दी, गनीमत यह रही कि महिला को कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ, लेकिन इससे विभाग के कार्य की घोर लापरवाही सामने आती है. चिकित्सा विभाग की लापरवाही का नमूना नांगल बैरसी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का है. जहां खैरवाल निवासी रामचरण शर्मा अपनी पत्नी किरण शर्मा के साथ नंगल बेरसी स्वास्थ्य केंद्र पर कोरोना वैक्सीन लगवाने आए. कोवैक्सीन लगवा कर जब घर पहुंचे तो किरण शर्मा ने अपने परिजनों को बताया कि उसे दो डोज लगी है.
पहली डोज जब वह महिला वैक्सीनेशन सेंटर में बैठी तो एएनएम ने लगा दी और कुछ समय बाद दूसरी एएनएम आई जिसने आधार कार्ड मांगा और आधार कार्ड नंबर की एंट्री करवा कर उसने भी एक और डोज लगा दी. मामले को लेकर किरण के पति रामचरण में जब प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के कर्मियों से इस बारे में कहा तो उन्होंने पूरे मामले से इनकार कर दिया, लेकिन गनीमता रही की डबल डोज लगने के बाद भी किरण शर्मा को कोई साइड इफेक्ट नहीं हुआ.
सीएमएचओ ने किया इनकार
वहीं महिला के डबल डोज लगने वाले मामले को लेकर सीएमएचओ डॉ. मनीष चौधरी ने ईटीवी भारत को बताया कि महिला किरण शर्मा को सिर्फ एक ही डोज लगी है. पहली बार में जब उसे टीका लगाया गया तो उसकी नस में टीका लग जाने के कारण ब्लड आ गया था. जिसके बाद उसे निकाल कर ( प्रीक ) किया गया और दूसरी बार में लगाया गया. जिस वजह से महिला को ऐसा महसूस हुआ कि उसे 2 टीके लगाए गए हैं. सीएमएचओ डॉ. चौधरी का कहना है कि किसी किसी व्यक्ति को टीका नस में लग जाने की वजह से ब्लड आने की शिकायत हो जाती है जिस वजह से उसे दूसरी बार में लगाया जाता है.
वहीं, महिला के डबल डोज लगने वाले मामले को लेकर सीएमएचओ डॉ. मनीष चौधरी का कहना है कि महिला किरण शर्मा को सिर्फ एक ही डोज लगी है. पहली बार में जब उसे टीका लगाया गया तो उसकी नस में टीका लग जाने के कारण ब्लड आ गया. जिसके बाद उसे निकाल कर ( प्रीक ) किया गया और दूसरी बार में लगाया गया, जिस वजह से महिला को ऐसा महसूस हुआ कि उसे 2 टीके लगाए गए हैं. सीएमएचओ डॉ. चौधरी का कहना है कि किसी किसी व्यक्ति को टीका नस में लग जाने की वजह से ब्लड आने की शिकायत हो जाती है जिस वजह से उसे दूसरी बार में लगाया जाता है.