दौसा. गोवंश बचाने को लेकर गोवंश संरक्षण समिति ने सरकार के नाम अपनी 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन सौंपा. इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के प्रांत प्रभारी प्यारे लाल मीणा ने बताया कि बताया कि राजस्थान मुद्रांक अधिनियम 1998 की धारा 3ख के तहत स्टांप विक्रेता 10% सर चार्ज एवं शराब बिक्री से प्राप्त वेट राशि के सर चार्ज को गोवंश संरक्षण व संवर्धन के लिए उपयोग किया जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार द्वारा मुद्रा अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद यह राशि आपदा प्रबंधन में भी खर्च की जाएगी.
उन्होंने कहा कि इससे सरकार की मंशा स्पष्ट हो जाती है कि इस राशि का गोवंश संरक्षण एवं संवर्धन पर ही व्यय किए जाने की अनिवार्यता समाप्त हो गई है. विहिप नेता प्यारेलाल ने बताया कि सरकार ने इस अधिनियम में परिवर्तन करके अपनी गौ संरक्षण एवं संवर्धन के लिए असंवेदनशीलता को जाहिर कर दिया है. ऐसे में गोवंश संरक्षण संघर्ष समिति ने अपने 12 सूत्री मांग पत्र को लेकर सरकार से मांग की है कि राजस्थान सरकार गौ संरक्षण एवं संवर्धन अधिनियम 2016 एवं राजस्थान स्टांप अधिनियम 1988 की धारा 3 ख के के अधीन संग्रहित प्राप्त राशि जो कि गौ माता और उसकी नस्ल के संरक्षण और संवर्धन के प्रयोजन के लिए उपयोग की जा रही थी, उस संशोधन को निरस्त करें व उसे पूर्व की भांति यथावत रखें एवं गौ संरक्षण के लिए वित्तीय वर्ष में 180 दिनों में दी जाने वाली राशि 365 दिन के लिए दी जाए.
वहीं प्रदेश में पंजीकृत गौशालाओं को 200 गौशालाओं का अनुदान दिए जाने की बाध्यताओं को समाप्त करते हुए सभी पंजीकृत गौशालाओं को अनुदान दिया जाए. वहीं विश्व हिंदू परिषद के धर्म प्रचार मंत्री रोहित कुमार विजय ने बताया कि सरकार को गौशालाओं को दी जाने वाली अनुदान राशि के भुगतान नियमों का सरलीकरण किया जाए. राज्य में गौशालाओं को अनुदान देने लिए बनाई गई राज्य स्तरीय जिला स्तरीय समितियों में गौशालाओं के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाए. गोचर भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाया जाए और उसे गौ संवर्धन संरक्षण हेतु आरक्षित किया जाए. इस तरह की 12 सूत्री मांगों का ज्ञापन जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री के नाम सौंपा.