दौसा. विद्यार्थी मित्रों ने शुक्रवार को जिला कलेक्ट्रेट पर एकत्रित होकर सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए विरोध-प्रदर्शन किया. साथ ही अपनी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन दिया. विद्यार्थी मित्रों का कहना है कि ज्ञापन के जरिए सीएम को चुनाव पूर्व किए गए वादों को याद दिलाने का प्रयास किया गया है.
राजस्थान विद्यार्थी मित्र पंचायत सहायक संघ के जिला संरक्षक सुरेंद्र जांगिड़ ने बताया कि विद्यार्थी मित्र व पंचायत सहायक संघ के प्रदेश कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार सभी जिला मुख्यालय ने सरकार के नाम ज्ञापन दिया है. एक सूत्री ज्ञापन लेकर सरकार से मांग की है कि कांग्रेस पार्टी ने चुनाव से पूर्व यह वादा किया था कि सभी संविदा कर्मियों को स्थायी कर उन्हें राज्य कर्मचारी का दर्जा दिया जाएगा.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने सरकार बनते ही विद्यार्थी मित्र, पंचायत सहायक, पैराटीचर शिक्षा कर्मियों सहित अन्य सभी संविदा कर्मियों को स्थायी करने के लिए एक कमेटी का गठन भी किया था, लेकिन 2 साल निकल जाने के बाद भी रिपोर्ट सब कमेटी के पास ही है. सब कमेटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं भेजी. ऐसे में पंचायत सहायक व विद्यार्थी मित्र 2 साल से दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं. सब कमेटी अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंप रही, जिसके चलते हजारों शिक्षा विद्यार्थी मित्रों व पंचायत सहायकों का भविष्य अधर में लटका हुआ है.
सुरेश जांगिड़ ने कहा कि सरकार से मांग करते हैं कि चुनाव से पूर्व किए गए अपने वादे को याद करते हुए सरकार विद्यार्थी मित्रों व पंचायत सहायकों को राज्य कर्मचारी का दर्जा देकर उन्हें स्थायी वेतन भत्ते प्रदान करें. जिससे कि वह अपना गुजर-बसर कर सकें. सुरेंद्र जांगिड़ ने बताया कि दीवाली से पहले विद्यार्थी मित्रों को स्थायी समाधान नहीं किया तो आगामी चुनाव में कांग्रेस पार्टी को सबक सिखाया जाएगा.