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दौसा: मंदिर बंद होने के बाद भी मेहंदीपुर बालाजी में जुटे हजारों भक्त, सोशल डिस्टेंसिंग की उड़ रही धज्जियां

पूर्वी राजस्थान के सबसे बड़े धार्मिक स्थल मेहंदीपुर बालाजी में दिल्ली, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश सहि कई अन्य राज्यों से श्रद्धालु दर्शन करने धाम पहुंच रहे हैं. कोरोना के चलते बालाजी मंदिर 18 मार्च से पूरी तरह बंद है. मंदिर में किसी को भी अंदर जाने की अनुमति नहीं है, लेकिन बावजूद इसके भी लगातार हजारों की संख्या में बच्चे, बुजुर्ग और महिला श्रद्धालुओं का आना लगातार जारी है.

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बालाजी मंदिर में उड़ रही सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां
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Published : Sep 26, 2020, 3:59 PM IST

मेहंदीपुर बालाजी (दौसा). बालाजी मंदिर परिसर के बाहर अधिक संख्या में एकत्रित हुए श्रद्धालुओं के पास न मास्क है और न ही दो गज की दूरी बनाए हुए हैं. श्रद्धालु किसी भी तरह सरकार द्वारा बताई गई गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे हैं. कोरोना कहर के बावजूद भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु दरबार में पहुंचकर मंदिर परिसर के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं, जिससे पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है.

सूचना होेने के बाद भी प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है. वहीं बाजारों और मंदिर के सामने बंद मंदिर के बाद भी प्रसादी की दुकान खोलकर बैठे दुकानदार, होटल, रेस्टोरेन्ट, गेस्ट हाउस और धर्मशाला संचालकों ने अपने यहां पर मास्क और सेनेटाइजर के किसी भी तरह के बचाव के उपायों की व्यस्था नहीं की है. वहीं राज्य सरकार द्वारा मंदिर में प्रसादी, माला और नारियल चढ़ाने व ले जाने पर कोरोना की वजह से पाबंदी लगाई गई है. लेकिन मेहंदीपुर बालाजी में मंदिर के सामने बैठे दुकानदार, समाज कंटक भक्तों को भ्रमित कर प्रसादी मंदिर के बाहर चड़वाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं, जिससे मंदिर के बाहर अन्न और प्रसाद सामग्री का दुरुपयोग के साथ ही प्रसाद के ढेर लग रहे हैं. इस प्रसादी से मंदिर प्रशासन के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई हैं और बंद मंदिर होने के बाद भी लगातार सामग्री चढ़ावे छुने से कोरोना संक्रमण एक दुसरे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में फैलने का खतरा निरंतर बना हुआ है. प्रसादी बेचने वाले दुकानदार और लपका गिरोह सक्रिय हो गए हैं और लोगों को फोन पर भ्रमित कर आने का निमंत्रण दे रहे हैं.

यह भी पढ़ें: दौसा: महुआ में महिला की हत्या का मामला, पुलिस ने महिला के पति को हिरासत में लिया

सरकार द्वारा कोरोना से जंग जीतने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस खतरे को लोकल प्रशासन द्वारा लगातार हल्के में लिया जा रहा है. प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं मेहंदीपुर बालाजी की दोनों जिले दौसा में सिकराय, बांदीकुई और महवा अथवा करौली जिले में हिंडौन, टोडाभीम, सपोटरा और नादौती सहित गांव में भी तेजी से कोरोना के मामले निकल रहे हैं.

यह भी पढ़ें: दौसाः पति ने पत्नी की हत्या कर जमीन में गाड़ा शव, पुलिस ने किया बरामद

मेहंदीपुर बालाजी की दोनों जिलों की सीमाएं जो दौसा और करौली जिले में आती है. इन सीमाओं पर श्रद्धालुओं को रोककर मंदिर बंद होने की सूचना देकर अपने गंतव्य स्थान पर समझाकर वापस लौटने देना चाहिए, जिससे इस कोरोना काल में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की कोरोना से सुरक्षा की जा सके. लेकिन मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बंद होने के बाद भी यह अव्यस्था जमीनी स्तर पर होती दिखाई तक नहीं दे रही है.

मेहंदीपुर बालाजी (दौसा). बालाजी मंदिर परिसर के बाहर अधिक संख्या में एकत्रित हुए श्रद्धालुओं के पास न मास्क है और न ही दो गज की दूरी बनाए हुए हैं. श्रद्धालु किसी भी तरह सरकार द्वारा बताई गई गाइडलाइन की पालना नहीं कर रहे हैं. कोरोना कहर के बावजूद भी हजारों की संख्या में श्रद्धालु दरबार में पहुंचकर मंदिर परिसर के बाहर इकट्ठा हो रहे हैं, जिससे पूरी तरह सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है.

सूचना होेने के बाद भी प्रशासन आंख मूंदे बैठा हुआ है. वहीं बाजारों और मंदिर के सामने बंद मंदिर के बाद भी प्रसादी की दुकान खोलकर बैठे दुकानदार, होटल, रेस्टोरेन्ट, गेस्ट हाउस और धर्मशाला संचालकों ने अपने यहां पर मास्क और सेनेटाइजर के किसी भी तरह के बचाव के उपायों की व्यस्था नहीं की है. वहीं राज्य सरकार द्वारा मंदिर में प्रसादी, माला और नारियल चढ़ाने व ले जाने पर कोरोना की वजह से पाबंदी लगाई गई है. लेकिन मेहंदीपुर बालाजी में मंदिर के सामने बैठे दुकानदार, समाज कंटक भक्तों को भ्रमित कर प्रसादी मंदिर के बाहर चड़वाकर अपना उल्लू सीधा कर रहे हैं, जिससे मंदिर के बाहर अन्न और प्रसाद सामग्री का दुरुपयोग के साथ ही प्रसाद के ढेर लग रहे हैं. इस प्रसादी से मंदिर प्रशासन के लिए मुसीबतें खड़ी हो गई हैं और बंद मंदिर होने के बाद भी लगातार सामग्री चढ़ावे छुने से कोरोना संक्रमण एक दुसरे श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों में फैलने का खतरा निरंतर बना हुआ है. प्रसादी बेचने वाले दुकानदार और लपका गिरोह सक्रिय हो गए हैं और लोगों को फोन पर भ्रमित कर आने का निमंत्रण दे रहे हैं.

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सरकार द्वारा कोरोना से जंग जीतने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं, लेकिन इस खतरे को लोकल प्रशासन द्वारा लगातार हल्के में लिया जा रहा है. प्रदेश में लगातार कोरोना के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं मेहंदीपुर बालाजी की दोनों जिले दौसा में सिकराय, बांदीकुई और महवा अथवा करौली जिले में हिंडौन, टोडाभीम, सपोटरा और नादौती सहित गांव में भी तेजी से कोरोना के मामले निकल रहे हैं.

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मेहंदीपुर बालाजी की दोनों जिलों की सीमाएं जो दौसा और करौली जिले में आती है. इन सीमाओं पर श्रद्धालुओं को रोककर मंदिर बंद होने की सूचना देकर अपने गंतव्य स्थान पर समझाकर वापस लौटने देना चाहिए, जिससे इस कोरोना काल में श्रद्धालुओं और स्थानीय लोगों की कोरोना से सुरक्षा की जा सके. लेकिन मेहंदीपुर बालाजी मंदिर बंद होने के बाद भी यह अव्यस्था जमीनी स्तर पर होती दिखाई तक नहीं दे रही है.

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