दौसा. नगर परिषद दौसा में सफाई कार्य को लेकर आए दिन कभी हड़ताल तो कभी गंदगी को लेकर कुछ ना कुछ विवाद होता रहता है, ऐसे में अब अस्थाई सफाई कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिलने के कारण कार्य का बहिष्कार कर हड़ताल शुरू कर दी है.
सफाई कर्मचारियों का कहना है कि सफाई ठेकेदारों की ओर से समय पर वेतन नहीं दिया जाता है, जिससे सफाई कर्मियों का परिवार का पालन पोषण करने में भी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. वेतन नहीं मिलने की शिकायत नगर परिषद आयुक्त और जिला कलेक्टर को कर चुके हैं उसके बावजूद भी हालात जस के तस बने हुए हैं और अस्थाई सफाई कर्मियों का भुगतान नहीं हो रहा है जिसके चलते शहर में गंदगी के ढेर लग गए हैं.
सफाई कर्मियों का कहना है कि एक से सवा लाख की आबादी के शहर में मात्र 300 से लेकर 400 सफाई कर्मचारी सफाई कार्य को संपादित कर रहे हैं जबकि इसके अनुपात में करीब एक हजार सफाई कर्मचारी होने चाहिए. कोराना काल में भी जहां लोग घरों में थे वहीं सफाई कर्मचारियों ने ही पूरे शहर की कमान संभाल रखी थी. उसके बावजूद भी आज तक ना तो इनका स्वास्थ्य परीक्षण हुआ, यहां तक कि उनके पास मुंह पर लगाने के लिए मास्क और हाथों के लिए सैनिटाइजर तक नहीं है.
ऐसी विषम परिस्थितियों में सफाई कर्मियों की ओर से सफाई कार्य को निरंतर करने के बावजूद भी उन्हें समय पर वेतन नहीं दिया जा रहा है. यहां तक की सफाई कर्मियों को सफाई के काम आने वाले संसाधन भी को भी खुद ही जुटाने पड़ते हैं. इन सबके बावजूद भी सफाई कर्मियों को समय पर वेतन नहीं मिलने के कारण उन्होंने कार्य का बहिष्कार कर हड़ताल की है.
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सफाई कर्मचारियों की यूनियन के नेताओं का कहना है कि इस पूरे मामले को लेकर नगर परिषद के अधिकारी भी मामले से पल्ला झाड़ते नजर आ रहे हैं जब कर्मचारियों को पैसा नहीं मिलने की समस्या को लेकर नगर परिषद आयुक्त के पास पहुंचे तो उन्होंने कहा कि यह मामला ठेकेदार का है और ठेकेदारी इस मामले का निस्तारण करेंगे हमने ठेकेदार को पूरा भुगतान कर दिया है.