दौसा. अशोक गहलोत के 'सीएम पद मुझे छोड़ नहीं रहा है' वाले बयान पर सचिन पायलट का दो-टूक जवाब सामने आया है. गुरुवार को दौसा जिले के सिकराय में पायलट ने कहा कि कौन किस पद पर बैठता है, इसका निर्णय हमारे यहां कांग्रेस अध्यक्ष करते हैं. पायलट ने कहा कि विधायक और आलाकमान मिलकर मुख्यमंत्री का नाम तय करेंगे. कौन किस पद पर बैठेगा, ये पार्टी तय करती है. पायलट शुक्रवार को पूर्वी राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर जारी कांग्रेस की यात्रा के समापन पर प्रियंका गांधी की ओर से होने वाली जनसभा की तैयारियों का जायजा लेने के लिए पहुंचे थे. यहां मीडिया के सीएम गहलोत के मुख्यमंत्री पद को लेकर दिए बयान पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि आपने आज सुना नहीं मुख्यमंत्री ने क्या बोला है. हमारे अंदर जो प्यार मोहब्ब्त है, वो एक मिसाल बन चुकी है. इस प्यार मोहब्बत से विरोधी घबराए हुए हैं और पत्रकार भी चिंतित हैं कि आखिर अब खबरें कहां से आएंगी.
मैंने टिकट का विरोध नहीं किया - असल में गुरुवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आईसीसी में आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा था कि भूलो और आगे बढ़ो की तर्ज पर उन्होंने सरकार गिराने की साजिश में शामिल विधायकों को भी माफ कर दिया है. गहलोत ने कहा था कि उन्होंने सचिन पायलट खेमे से किसी भी विधायक के टिकट का विरोध नहीं किया है. इस बीच मुख्यमंत्री के बयान पर जवाब देते हुए सचिन पायलट ने कहा कि उनकी ओर से भी सोनिया गांधी की अवमानना करने वालों की टिकट का कोई विरोध नहीं किया गया.
पायलट ने आगे कहा कि मैंने मानेसर जाने वालों में किसी की टिकट पर ऑब्जेक्शन नहीं किया. साथ ही उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी की अवमानना जिसने भी की हो, लेकिन वो किसी भी जिताऊ उम्मीदवार का विरोध नहीं किए हैं. पार्टी को जीत चाहिए और हम सब मिलकर चुनाव जीतने के लिए मैदान में डटे हुए हैं.