दौसा. राज्यसभा सांसद डॉ किरोड़ी लाल मीणा ने शनिवार को दौसा में पूर्व डिप्टी सीएम सचिन पायलट को लेकर बड़ा बयान (Kirori Lal Meena Statement on Pilot) दिया है. उन्होंने कहा कि उन्हें अपमान सहन नहीं करना चाहिए. यदि सचिन पायलट स्वाभिमानी हैं तो पुख्ता तरीके से जवाब दें.
किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि कांग्रेस के नेता सचिन पायलट को नकारा, निकम्मा और गद्दार कह रहे हैं. ऐसे में सचिन पायलट को आत्मचिंतन करने की जरूरत है. क्योंकि कांग्रेस की नजर में सचिन पायलट गद्दार और नकारा हैं तो ऐसी अपमानजनक स्थिति में उन्हें वहां नहीं रहना चाहिए. कोई ना कोई निर्णय खुद के लिए और पूर्वी राजस्थान के हित में लेना चाहिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि सचिन पायलट खुद निर्णय करें कि वह आप में जाएंगे या बीजेपी और बसपा को अपनाएंगे या फिर खुद की पार्टी बनाएंगे.
लेकिन यदि स्वाभिमानी हैं तो जवाब जरूर देना चाहिए. इस दौरान सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कांग्रेस के झगड़े पर कांग्रेस पार्टी (Kirori Lal Meena Slams Congress Party) पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि जनता सैंडविच बनी हुई है. प्रशासन बेलगाम हो चुका है, भ्रष्टाचार चरम पर है और आम जनता त्रस्त है. इस दौरान उन्होंने कहा कि राजस्थान में तीसरा मोर्चा फिलहाल संभव नहीं है. क्योंकि राजस्थान की जनता अभी तीसरे मोर्चे पर विश्वास नहीं करती है, इसलिए तीसरे मोर्चे का कोई स्कोप नहीं है.
गहलोत पर सांसद का हमला : प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से चल रहे सियासी संग्राम के बाद पहली बार (Kirori Lal Meena On CM Gehlot) बीजेपी नेता राज्यसभा किरोड़ी लाल मीणा ने दौसा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर बड़ा हमला बोला. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पद का लोभ नहीं होने की बात कहते हैं, लेकिन एक साल के सीएम बने रहने के लिए पूरा ड्रामा भी उन्होंने कराया. सांसद ने कहा कि बिना मुख्यमंत्री की शह से शांति धारीवाल इतना बोल नहीं सकते थे. महेश जोशी व्हिप जारी कर शांति धारीवाल के घर बैठक नहीं बुला सकते थे और प्रताप सिंह खाचरियावास बढ़-चढ़कर बयानबाजी नहीं कर सकते थे.
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उन्होंने कहा कि बिना मुख्यमंत्री के इशारे व सहयोग से प्रदेश में यह सियासी ड्रामा संभव नहीं था. इस दौरान उन्होंने कहा कि गांधी परिवार की बात मानने का दावा करने वाले अशोक गहलोत ने गांधी परिवार की बात नहीं मानी. पद का लोभ नहीं होने की बात कहने वाले मुख्यमंत्री ने पद का लोभ दिखाया और अनुशासन की बात करने वाले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पूरे सियासी ड्रामे में अनुशासनहीनता की. इस दौरान राज्यसभा सांसद डॉ किरोडी लाल मीणा ने विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी पर भी कटाक्ष किया और कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को यह बात सार्वजनिक करनी चाहिए कि कितने विधायकों व मंत्रियों ने इस्तीफे दिए. उन्हें इस्तीफे स्वीकार करने चाहिए.
उन्होंने कहा कि इस्तीफा देने वाले मंत्री ट्रांसफर-पोस्टिंग और मीटिंग ले रहे हैं. ऐसे में उन पर पाबंदी लगाई जाए. वरना यह माना जाएगा कि सीपी जोशी भी इस ड्रामे में शामिल हैं. जब मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दिल्ली गए थे तो उनके हाथ का एक पर्चा सार्वजनिक हो गया था, इस मामले में सांसद किरोड़ी लाल मीणा ने कहा कि मुख्यमंत्री पर्चा लीक कराने में माहिर हैं पहले रीट, जेईएन और एसआई का पर्चा लीक हुआ और अब अपने फायदे के लिए सियासी पर्चा लीक करा दिया.