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दौसा: कोरोना काल में निजी बस संचालक पुलिस से परेशान, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन - Private bus operators in bad condition

कोराना काल में सवारियां कम होने के चलते निजी बस संचालक परेशान हैं. उनका आरोप है कि प्रशासन उनकी बसों को स्टैंड पर ज्यादा देर खड़ी नहीं होने दे रहा है, जिसके चलते उनको सवारियां नहीं मिल रही हैं. उनका घर चलाना भी मुश्किल हो गया है. इस संबंध में उन्होंने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

Private bus operator,  Private bus operators not getting passengers
कोराना काल में सवारियां कम होने के चलते निजी बस संचालक परेशान हैं
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Published : Sep 2, 2020, 5:44 PM IST

दौसा. कोरोना काल में निजी बस संचालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. लोग बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यात्रा करने से बच रहे हैं. जिसके चलते सवारियां कम हो रही हैं और निजी बस संचालकों को लगातार घाटा हो रहा है. वहीं, निजी बस संचालकों का आरोप है कि कोरोना काल में प्रशासन भी उनकी बसों को स्टैंड पर ज्यादा देर खड़ी नहीं करने दे रहा है.

निजी बस संचालकों को घर चलाना हो रहा है मुश्किल

पढ़ें: SPECIAL: किडनी की बीमारी से ग्रसित आशा की गुहार, मदद करो सरकार

निजी बस संचालकों ने बुधवार को इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अपनी समस्या बताई. घनश्याम गुर्जर ने बताया कि शहर के बीचों-बीच गांधी सर्कल के पास जब बस लगाते हैं तो पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है. उनकी बसों को वहां लगने नहीं दिया जाता. जिसके चलते उन्हें सवारियां नहीं मिल रही हैं और लगातार घाटा हो रहा है. जबकि उसी जगह रोडवेज बसें घंटों खड़ी रहती हैं और उनमें सवारियां भरी जाती हैं.

बस ऑपरेटर्स का कहना है कि कोरोना काल में पहले से ही यात्री कम हैं और पुलिस प्रशासन भी अगर उन्हें बसें स्टैंड पर खड़ी नहीं करने देगा तो वो क्या खाएंगे. उनको अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है. हर महीने बसों की किश्तें जाती हैं. वो भी भरने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. निजी बस संचालकों ने कलेक्टर से इस संबंध में जल्द ही समाधान करने की अपील की है.

दौसा. कोरोना काल में निजी बस संचालकों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है. लोग बढ़ते संक्रमण को देखते हुए यात्रा करने से बच रहे हैं. जिसके चलते सवारियां कम हो रही हैं और निजी बस संचालकों को लगातार घाटा हो रहा है. वहीं, निजी बस संचालकों का आरोप है कि कोरोना काल में प्रशासन भी उनकी बसों को स्टैंड पर ज्यादा देर खड़ी नहीं करने दे रहा है.

निजी बस संचालकों को घर चलाना हो रहा है मुश्किल

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निजी बस संचालकों ने बुधवार को इस संबंध में जिला कलेक्टर को ज्ञापन देकर अपनी समस्या बताई. घनश्याम गुर्जर ने बताया कि शहर के बीचों-बीच गांधी सर्कल के पास जब बस लगाते हैं तो पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उन्हें परेशान किया जाता है. उनकी बसों को वहां लगने नहीं दिया जाता. जिसके चलते उन्हें सवारियां नहीं मिल रही हैं और लगातार घाटा हो रहा है. जबकि उसी जगह रोडवेज बसें घंटों खड़ी रहती हैं और उनमें सवारियां भरी जाती हैं.

बस ऑपरेटर्स का कहना है कि कोरोना काल में पहले से ही यात्री कम हैं और पुलिस प्रशासन भी अगर उन्हें बसें स्टैंड पर खड़ी नहीं करने देगा तो वो क्या खाएंगे. उनको अपना घर चलाना मुश्किल हो गया है. हर महीने बसों की किश्तें जाती हैं. वो भी भरने के लिए उनके पास पैसे नहीं हैं. निजी बस संचालकों ने कलेक्टर से इस संबंध में जल्द ही समाधान करने की अपील की है.

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