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ऑक्सीजन की कमी से निजी एम्बुलेंस सेवाएं भी बाधित, मरीज परेशान - Patient in problem

कोरोना संक्रमण के दौर में ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर लगातार दिक्कतें बढ़ रही हैं. हालात ये हैं कि एंबुलेंस में भी ऑक्सीजन की सुविधा नहीं होने के कारण चालक भी मरीजों को अस्पताल ले जाने से बच रहे हैं.

निजी एम्बुलेंस सेवाएं भी बाधित,  मरीज परेशान, Oxygen problem in Dausa,  Private ambulance services also disrupted, Patient in problem
दौसा में ऑक्सीजन की दिक्कत
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Published : May 6, 2021, 5:27 PM IST

दौसा. बांदीकुई राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सीमित संसाधन के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी दिक्कत ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हो रही है. जिले के अधिकांश राजकीय अस्पतालों में लोग निजी स्तर पर एंबुलेंस लाकर मरीजों को सुविधा पहुंचा रहे लेकिन वर्तमान समय में एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन किट होना आवश्यक है. जिले में संचालित निजी एंबुलेंसो में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने से अब मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में निजी एंबुलेंस चालक गंभीर मरीजों को अस्पताल लेकर जाने से भी कतरा रहे हैं.

पढ़ें: शाही गाड़ी पर कोरोना का साया, 38 वर्षों में पहली बार पूरे सत्र नहीं चली 'पैलेस ऑन व्हील्स'

सबसे बडी़ दिक्कत ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हो रही है. बुधवार को तीन कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम होने पर सीएचसी पहुंचे. उन्हें वहां ऑक्सीजन दी गई लेकिन स्थिति ज्यादा खराब होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. कुछ ऐसे मरीज भी पहुंचे जो कोरोना पॉजिटिव नहीं थे, लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल कम था. उनका भी प्राथमिक उपचार कर ऑक्सीजन दिया गया. इनमें से कुछ की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल भेज दिया गया.

वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के चलते निजी एंबुलेंस संचालकों ने भी हाथ खड़े कर दिए. परिजन निजी एम्बुलेंस चालकों से रेफर मरीज को ले चलने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन चालकों ने मजबूरी जाहिर करते हुए ऑक्सीजन सिंलेडर नहीं मिलने की बात कही. एम्बुलेंस चालकों का कहना है कि ऑक्सीजन की किल्लत के चलते मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए प्रशासनिक स्वीकृति लेना जरूरी है. ऐसे में उनको प्राणवायु मिलना मुश्किल हो गया है. इन हालातों के चलते बुधवार को कई गंभीर मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा.

दौसा. बांदीकुई राजकीय सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पर सीमित संसाधन के चलते मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. सबसे बड़ी दिक्कत ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हो रही है. जिले के अधिकांश राजकीय अस्पतालों में लोग निजी स्तर पर एंबुलेंस लाकर मरीजों को सुविधा पहुंचा रहे लेकिन वर्तमान समय में एंबुलेंस में ऑक्सीजन सिलेंडर व ऑक्सीजन किट होना आवश्यक है. जिले में संचालित निजी एंबुलेंसो में ऑक्सीजन सिलेंडर नहीं होने से अब मरीजों को काफी परेशानी हो रही है. ऐसे में निजी एंबुलेंस चालक गंभीर मरीजों को अस्पताल लेकर जाने से भी कतरा रहे हैं.

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सबसे बडी़ दिक्कत ऑक्सीजन सिलेंडर को लेकर हो रही है. बुधवार को तीन कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन लेवल कम होने पर सीएचसी पहुंचे. उन्हें वहां ऑक्सीजन दी गई लेकिन स्थिति ज्यादा खराब होने पर जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया. कुछ ऐसे मरीज भी पहुंचे जो कोरोना पॉजिटिव नहीं थे, लेकिन उनका ऑक्सीजन लेवल कम था. उनका भी प्राथमिक उपचार कर ऑक्सीजन दिया गया. इनमें से कुछ की हालत गंभीर होने पर जिला अस्पताल भेज दिया गया.

वहीं ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी के चलते निजी एंबुलेंस संचालकों ने भी हाथ खड़े कर दिए. परिजन निजी एम्बुलेंस चालकों से रेफर मरीज को ले चलने के लिए गुहार लगाते रहे, लेकिन चालकों ने मजबूरी जाहिर करते हुए ऑक्सीजन सिंलेडर नहीं मिलने की बात कही. एम्बुलेंस चालकों का कहना है कि ऑक्सीजन की किल्लत के चलते मेडिकल ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए प्रशासनिक स्वीकृति लेना जरूरी है. ऐसे में उनको प्राणवायु मिलना मुश्किल हो गया है. इन हालातों के चलते बुधवार को कई गंभीर मरीजों को घंटों इंतजार करना पड़ा.

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