दौसा. राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्यों को पीईईओ बनाने से नाराज प्रधानाचार्य ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को मुख्यमंत्री व शिक्षा मंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा है. जिसमें उन्होंने सीएम से पीईईओ के पद को असंवैधानिक बताते हुए इस पद को समाप्त करने की मांग रखी है. इस दौरान जिलेभर के तकरीबन 12 से अधिक प्रधानाचार्य मौजूद रहे.
प्रधानचार्यों ने ज्ञापन देते हुए बताया कि प्रशासन कोरोना महामारी के चलते शिक्षा विभाग में कार्यरत प्रधानाचार्य से विभिन्न तरह के कार्य करवा रहा है. उसके लिए हम तन मन से कार्य भी कर रहे हैं लेकिन प्रशासन ने पीईईओ को कोर समिति का अध्यक्ष बनाकर उसमें ग्राम विकास अधिकारी को संयोजक, पटवारी को सह संयोजक बनाया है. साथ ही अन्य विभागों के कार्मिक इसमें शामिल किए गए हैं. ऐसे में इस समिति के लोगों के कार्यों की जवाबदेही पीईईओ की तय की गई है. समिति के कार्यों की अपूर्णता और समय पर कार्य नहीं होने में संबंधित पीईईओ के खिलाफ कार्रवाई की जाती है लेकिन इस समिति के संयोजक व सह संयोजक और अन्य कार्मिक संबंधित पीईईओ के अनुसार कार्य नहीं करते हैं. इसीलिए हमेशा सही कार्य करने के बावजूद भी पीईईओ के खिलाफ कार्रवाई होती है.
यह भी पढ़ें. दौसाः 8 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म का आरोपी गिरफ्तार
विभिन्न विद्यालयों के प्रधानाचार्यों का कहना है कि शिक्षा मंत्री के आदेश के बाद भी प्रधानाचार्य और विभाग के शिक्षकों के कोवि-19 अतिरिक्त किसी भी कार्य में नहीं लगाया जाना चाहिए. इसके बावजूद भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा के पात्र व अपात्र व्यक्तियों की छंटनी में कार्य करने के लिए शिक्षकों व प्रधानाचार्यो की ड्यूटी लगाई गई है. प्रदेश में ऐसे कई उदाहरण है, जिसमें शिक्षकों की ड्यूटी प्रशासन द्वारा मनचाहे तरीके से किसी भी कार्य में लगाई गई है. जैसे मनरेगा में मॉनिटरिंग कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी, बाढ़ नियंत्रण में दैनिक रेल यात्रियों का डाटा संग्रहण सहित कई ऐसे कार्यों में शिक्षकों की ड्यूटी लगाई गई है, जो की पूरी तरह गलत है.
यह भी पढ़ें. पाली: घूसखोरों पर लगातार ACB का शिकंजा, अब डिस्कॉम कार्यालय का स्टोर कीपर 2 हजार की रिश्वत लेते गिरफ्तार
शिक्षा मंत्री ने भी इन सब को गलत मानते हुए कई बार निर्देशित किया है. इसलिए इन सब मांगों को लेकर प्रधानाचार्यों ने 6 सूत्री मांगों का मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. इस दौरान प्रधानाचार्य उन्होंने पीईईओ के पद को असंवैधानिक बताते हुए इस पद को समाप्त करने की मांग रखी.