दौसा: राज्य सरकार ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अहम योजना चला रही है. प्रशासन शहरों/गांवों के संग अभियान गहलोत सरकार की महत्वाकांक्षी योजना (Rajasthan Government Flagship Program) है. दावा किया जाता है कि जरूरतमंदों को इसका लाभ भी मिल रहा है. लेकिन भाजपा MP (Rajyasabha MP Kirori Lal Meena) को ऐसा नहीं लगता. राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा इससे इत्तेफाक नहीं रखते. कहते हैं ये तो ढकोसला (Gag) है.
मीणा घुमंतू जातियों के हवाले से अभियान की सफलता पर प्रशन चिन्ह लगाते हैं. कहते हैं- इस अभियान के जरिए घुमंतू जाति (Demand For Nomadic Tribes) के लोगों को जो निशुल्क पट्टा देने की घोषणा की गई थी वह कहीं नजर नहीं आ रही. इसे मुद्दा बना सांसद मीणा सड़क पर हैं. उन्होंने सैकड़ों की तादाद में घुमंतू जाति के लोगों को पट्टा दिलवाने की मांग को लेकर दौसा के लोहार बस्ती से नगर परिषद के लिए पैदल कूच किया.
मीडिया से रूबरू होते हुए राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा (Rajyasabha MP Kirori Lal Meena) ने कहा कि आज संविधान दिवस है. संविधान में सभी को बराबर का जीवन जीने का हक दिया है. ऐसे में यदि कोई पिछड़ा हुआ है तो उसके उत्थान के लिए सभी को सहयोग कर उसे आगे बढ़ाना चाहिए.
मीणा ने कहा कि राज्य सरकार ने प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत 22 विभागों के अलग-अलग कार्यों के लिए लोगों को राहत देने के लिए अभियान चला रखा है. इसमें मुख्यत पट्टे बनाने का कार्य प्राथमिकता से चलाया जा रहा है. मीणा याद दिलाते हैं कि अभियान को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) ने अपने बजट घोषणा में कहा था कि घुमंतू जातियों- गाड़िया लोहार, बंजारा, बावरिया नट और को ग्रामीण क्षेत्रों में 150 व शहरी क्षेत्र में 50 वर्ग गज के पट्टे निशुल्क उपलब्ध करवाए जाएंगे.
मीणा कहते हैं कि दौसा की बात करें तो यहां भ्रष्टाचार के चलते इन जातियों को एक भी पट्टा नहीं उपलब्ध कराया गया है. ऐसे में मुख्यमंत्री की घोषणा ढकोसला लगती है. सांसद मीणा दावा करते हैं कि ये पैदल यात्रा प्रशासन शासन के लिए एक चेतावनी है. अगर इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता है तो वो धरने पर बैठ जायेंगे.