दौसा. जिले में सोमवार को सिकराय विधानसभा क्षेत्र के घूमना गांव में पहाड़ी क्षेत्र से पकड़कर ग्रामीणों ने एक पैंथर शावक को खूंटे से बांध दिया. कई घंटों तक खूंटे से बंधे रहने के बाद पैंथर के शावक ने इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. घूमणा गांव में माधोसागर बांध के समीप गड़ोली ढाणी के पहाड़ के समीप झाड़ियों में सोमवार सुबह घायलावस्था में पड़े पैंथर के शावक को देख ग्रामीण उसे घर ले आए और खूंटे से बांधकर पानी पिलाया.
जिसके बाद वो थोड़ा घूमा, जिससे बाद सूचना पर वन विभाग की टीम शावक को गीजगढ़ पशु चिकित्सालय में लेकर गई, जहां इलाज के दौरान शावक ने दम तोड़ दिया. बाद में वन चौकी के समीप दाह संस्कार किया गया.
ग्रामीणों ने बताया कि गडोली ढाणी के समीप झाड़िओं में घायलावस्था में पैंथर का शावक दिखाई दिया. इस पर मौके पर दर्जनों लोगों की भीड़ जमा हो गई, लोगों ने वन विभाग को सूचना देकर शावक को उठाकर ले आए और उसको खूंटे से बांधकर पानी पिलाया तो उसने मूवमेंट शुरू भी किया. उसके बाद वहां पहुंचे वन विभाग कर्मचारी इलाज के लिए पशु चिकित्सालय गीजगढ़ लेकर आए. जहां इलाज के कुछ समय बाद ही पैंथर के शावक ने दम तोड़ दिया. प्रथम दृष्टया मौत प्यास के कारण बताई जा रही है.
पशु चिकित्साधिकारी डॉ. हीरालाल बैरवा ने बताया कि पैंथर के शावक की उम्र दो से तीन माह के बीच थी. शव का मेडिकल बोर्ड की ओर से पोस्टमार्टम किया गया है शावक की मौत का खुलासा बोर्ड की ओर से किए गए पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के आने बाद ही लग सकेगा.
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वन विभाग की गीजगढ़ चौकी प्रभारी फोरेस्टर गिरधारीलाल मीना ने बताया कि पैंथर का शावक पानी पीने के लिए नीचे उतरा था. वो पानी के टैंक के पास पहुंच गया था. लेकिन शावक छोटा होने के कारण उसको पानी नहीं मिला. इससे वह घायल हो गया. ग्रामीणों ने तो उसको पानी भी पिलाया लेकिन वह बच नहीं पाया. बकरी के खूंटे से उसे इसलिए बाँधा कि वह भाग नहीं जाए. तीन चिकित्सको से पोस्टमार्टम कराया तो उन्होंने भी मौत प्यास से बताई. गीजगढ़ पुलिस चौकी के पुलिस कर्मी ने बताया कि शावक की मौत प्यास से ही हुई है.