दौसा. कोरोना वायरस के संक्रमण के बीच जहां जिला प्रशासन जिले में जगह-जगह आइसोलेशन वार्ड बनाकर चिकित्सा व्यवस्थाओं में जुटा है. वहीं चिकित्सा विभाग की लापरवाही का दंश झेल रहा है जिले का सिकंदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र. दो-दो हाईवे के किनारे बने सामुदायिक केंद्र में आए दिन दुर्घटनाओं के केस तो आते ही हैं. साथ में कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते और मौसमी बीमारियों के मरीजों की तादाद भी इन दिनों बढ़ी हुई है. ऐसे में यह सारा भार महज एक चिकित्सक अपने कंधों पर लिए बैठे हैं.
बता दें कि, फरवरी माह में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र सिकंदरा में कई चिकित्सक कार्यरत थे. लेकिन दो महिला चिकित्सकों के मैटरनिटी लीव चाइल्ड केयर लीव पर चले जाने, दो चिकित्सकों को आइसोलेशन वार्ड दौसा मुख्यालय पर लगा देने के बाद सिकंदरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का सारा भार एक चिकित्सक महेश गुर्जर के कंधों पर आ गया है. ऐसे में मौसमी बीमारियां, हाईवे पर होने वाली दुर्घटनाएं, कोरोना संक्रमण के खतरों के मरीजों सैकड़ों की तादाद में हर रोज स्वास्थ्य केंद्र पर आ रहें है.
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वहीं स्वास्थ्य विभाग 1 महीने से इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है. इस मामले को लेकर सीएमएचओ ओ पी वर्मा का कहना है कि कुछ महिला चिकित्सकों के छुट्टी पर चले जाने और दो चिकित्सकों को आइसोलेशन वार्ड में लगा देने की वजह से इस तरह के हालात पैदा हुए हैं. लेकिन अभी जिले को 5 नए चिकित्सक और मिले हैं. जिनमें से कुछ चिकित्सकों को सिकंदरा स्वास्थ्य केंद्र पर लगाकर इन हालात से निजात पाने का प्रयास किया जाएगा. लेकिन चिकित्सा विभाग की अनदेखी के चलते सिकंदरा सहित आसपास के दर्जनभर गांवों के लोगों को पिछले 1 महीने से सही समय पर इलाज नहीं मिल पा रहा.