दौसा. राजस्थान के नवनिर्वाचित मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा विश्व विख्यात दौसा जिले की सिद्धपीठ आस्था धाम मेहंदीपुर बालाजी महाराज के अनन्य भक्त हैं. जयपुर से अपने गांव भरतपुर आते-जाते समय प्रदेश के नये मुखिया भजनलाल शर्मा दौसा जिले में स्थित बालाजी महाराज के दर्शन करके ही जाते हैं. मेहंदीपुर बालाजी में भजनलाल शर्मा की अनन्य आस्था है. बालाजी महाराज के साथ ही भजनलाल शर्मा सिद्धपीठ के महंत डॉक्टर नरेशपुरी महाराज के भी भक्त हैं
बालाजी में लोगों ने की आतिशबाजी : भजनलाल शर्मा को प्रदेश का नया मुखिया बनाने के बाद दौसा जिले सहित मेहंदीपुर बालाजी में भी लोगों में उत्साह देखा गया. स्थानीय लोगों ने कस्बे में आतिशबाजी कर जश्न मनाया और एक-दूसरे का मुंह मीठा कराकर खुशी का इजहार किया.
पहली बार विधायक बने भजनलाल शर्मा : भजनलाल शर्मा राजस्थान की सांगानेर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. वह भारतीय जनता पार्टी की राजस्थान ईकाई के प्रदेश महामंत्री का पद भी संभाल रहे थे. भरतपुर जिले से ताल्लुक रखने वाले 56 वर्षीय भजनलाल शर्मा ब्राह्मण समाज से आते हैं. खास बात ये है कि 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में वह पहली बार विधायक बने हैं. भजनलाल शर्मा को संघ और संगठन दोनों का करीबी माना जाता है.
विधायक दल की बैठक में चुना गया नेता : जयपुर में राजनाथ सिंह की अगुवाई में तीन पर्यवक्षकों द्वारा विधायक मंडल की बैठक बुलाई गई थी। इस बैठक में विधायकों ने भजनलाल शर्मा को अपना नेता चुना. खुद पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने नए मुख्यमंत्री के रूप में भजनलाल शर्मा के नाम का प्रस्ताव रखा.
भजनलाल शर्मा के रूप में नए सीएम के ऐलान के बाद अब राज्य से वसुंधरा राजे की विदाई मानी जा रही है. राजे ने 2 बार राज्य के सीएम पद की कमान संभाली है. भाजपा की ओर से पहले से ही इशारा कर दिया गया था कि, पार्टी किसी नए चेहरे को सीएम पद की कमान सौंप सकती है. इस कारण ये तय माना जा रहा था कि वसुंधरा इस बार सीएम नहीं बनेंगी.