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मेंहदीपुर बालाजी में किसान महापंचायत आयोजित, सरकार को दी दिल्ली कूच की चेतावनी - Farmer protest against agriculture law

मेंहदीपुर बालाजी मीना भगवान मंदिर पर महापंचायत में किसानों ने आंदोलन के पक्ष में हुंकार भरी है. किसानों ने दिल्ली कूच की चेतावनी दी है. किसानों ने सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम दिया है.

Kisan Mahapanchayat in Mehandipur Balaji, दौसा न्यूज
मेंहदीपुर बालाजी में किसान महापंचायत
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Published : Feb 2, 2021, 10:48 AM IST

मेहंदीपुर बालाजी (दौसा). मेहंदीपुर बालाजी मीन भगवान पर सोमवार महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें में किसानों ने तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए आवाज बुलंद किया. जिसमें आसपास के जिलों के हजारों किसान शामिल हुए.

किसान महापंचायत में प्रवक्ताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की है. महापंचायत में जय जवान-जय किसान, किसान एकता जिंदाबाद, भारत माता की जय के नारों से महापंचायत स्थल गुंजायमान रहा.

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रदेश महासचिव नरेश मीना ने किसान महापंचायत को समर्थन देते हुए किसानों से दिल्ली कूच में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्नान किया. वहीं बनवारी लाल सांथा ने दौसा सासंद जसकौर मीना की ओर से खालिस्तानी और आतंकवादी बोलने पर कड़े शब्दों में निंदा की. महापंचायत में महिलाओं ने भी बढ़-चढकर भाग लिया.

यह भी पढ़ें. आंदोलनकारी किसान छह फरवरी को करेंगे देशव्यापी चक्का जाम

किसान महापंचायत में ठीकरिया सरपंच कमलेश मीना, सीमला सरपंच शिवचरण योगी, पाड़ली सरपंच अर्चना मीना ने किसान महापंचायत पर होने वाले खर्चों का भार उठाया. स्थानीय सरपंचों ने दिल्ली कूच में होने वाले खर्चों को वहन करने की जिम्मेदारी ली. किसान महापंचायत को किसान नेता हिम्मत सिंह पाडली, सुरेन्द्र गुर्जर, कैलाश प्रोफेसर सीकर, रमेश मीना रिटायर्ड आईएएस, हरसहाय मीना रिटायर्ड डीएसपी, हरकेश गढखेड़ा, कलमीराम मीना, मनीराम खेड़ी, मुकेश झूथाहेडा आदि ने महापंचायत में अपने विचार व्यक्त किए.

5 दिन का दिया अल्टीमेटम

किसान संयुक्त मोर्चा के रवन सीमला ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि कानून को वापिस नहीं लिए तो 5 दिन बाद दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी है.

हठधर्मिता छोड़े केंद्र सरकार

सी.एल. मीना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हिटलर शासक बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार किसानों का गला घोंटकर पूंजीपतियों की झोली भर रही है. मोदी सरकार को किसानो के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए अपनी हटधर्मिता छोड़कर कृषि बिलों को वापस लेना चाहिए. वहीं किसान महापंचायत शांतिपूर्ण संपन्न होने पर सभी का आभार व्यक्त किया.

चप्पे-चप्पे पुलिस मुस्तैद

किसान महापंचायत में बडी संख्या में किसानों के आने को लेकर कोई अप्रिय घटना नहीं होने को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद रही. किसान महापंचायत शांतिपूर्ण संपन्न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली.

मेहंदीपुर बालाजी (दौसा). मेहंदीपुर बालाजी मीन भगवान पर सोमवार महापंचायत का आयोजन किया गया. जिसमें में किसानों ने तीनों नए कृषि कानूनों को रद्द करने के लिए आवाज बुलंद किया. जिसमें आसपास के जिलों के हजारों किसान शामिल हुए.

किसान महापंचायत में प्रवक्ताओं ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कृषि कानून को वापस लेने की मांग की है. महापंचायत में जय जवान-जय किसान, किसान एकता जिंदाबाद, भारत माता की जय के नारों से महापंचायत स्थल गुंजायमान रहा.

राजस्थान विश्वविद्यालय के पूर्व प्रदेश महासचिव नरेश मीना ने किसान महापंचायत को समर्थन देते हुए किसानों से दिल्ली कूच में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने का आह्नान किया. वहीं बनवारी लाल सांथा ने दौसा सासंद जसकौर मीना की ओर से खालिस्तानी और आतंकवादी बोलने पर कड़े शब्दों में निंदा की. महापंचायत में महिलाओं ने भी बढ़-चढकर भाग लिया.

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किसान महापंचायत में ठीकरिया सरपंच कमलेश मीना, सीमला सरपंच शिवचरण योगी, पाड़ली सरपंच अर्चना मीना ने किसान महापंचायत पर होने वाले खर्चों का भार उठाया. स्थानीय सरपंचों ने दिल्ली कूच में होने वाले खर्चों को वहन करने की जिम्मेदारी ली. किसान महापंचायत को किसान नेता हिम्मत सिंह पाडली, सुरेन्द्र गुर्जर, कैलाश प्रोफेसर सीकर, रमेश मीना रिटायर्ड आईएएस, हरसहाय मीना रिटायर्ड डीएसपी, हरकेश गढखेड़ा, कलमीराम मीना, मनीराम खेड़ी, मुकेश झूथाहेडा आदि ने महापंचायत में अपने विचार व्यक्त किए.

5 दिन का दिया अल्टीमेटम

किसान संयुक्त मोर्चा के रवन सीमला ने बताया कि केंद्र सरकार के कृषि कानून को वापिस नहीं लिए तो 5 दिन बाद दिल्ली कूच करने की चेतावनी दी है.

हठधर्मिता छोड़े केंद्र सरकार

सी.एल. मीना ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को हिटलर शासक बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार किसानों का गला घोंटकर पूंजीपतियों की झोली भर रही है. मोदी सरकार को किसानो के आंदोलन को ध्यान में रखते हुए अपनी हटधर्मिता छोड़कर कृषि बिलों को वापस लेना चाहिए. वहीं किसान महापंचायत शांतिपूर्ण संपन्न होने पर सभी का आभार व्यक्त किया.

चप्पे-चप्पे पुलिस मुस्तैद

किसान महापंचायत में बडी संख्या में किसानों के आने को लेकर कोई अप्रिय घटना नहीं होने को लेकर चप्पे-चप्पे पर पुलिस मुस्तैद रही. किसान महापंचायत शांतिपूर्ण संपन्न होने पर पुलिस प्रशासन ने राहत की सांस ली.

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