दौसा. डॉ. अर्चना शर्मा सुसाइड केस में जांच अधिकारी संभागीय आयुक्त दिनेश यादव मंगलवार (Inquiry Officer Divisional Commissioner in lalsot dausa) को लालसोट पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिजनों से मिलकर पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली और पूरे मामले को लेकर न्याय का आश्वासन दिया. उन्होंने डॉक्टर के परिजनों को ढांढस बंधाते हुए कहा कि इस मामले में निष्पक्ष जांच होगी. जो भी दोषी हैं उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी. संभागीय आयुक्त दिनेश यादव ने कहा कि पूरे मामले को लेकर दौसा पुलिस अधीक्षक और सभी अधिकारियों से पूछताछ कर रिपोर्ट तैयार की जाएगी. सभी दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई भी की जाएगी. भविष्य में ऐसी घटनाएं नहीं हो इसको लेकर भी प्रयासरत हैं.
वहीं, लेडी डॉक्टर अर्चना शर्मा के पति सुनीत उपाध्याय और ससुर अशोक उपाध्याय ने पुलिस प्रशासन पर आरोप लगाया है. उन्होंने संभागीय आयुक्त दिनेश कुमार यादव को बताया कि घटनाक्रम के समय जब प्रसूता के शव को हॉस्पिटल के बाहर रखकर धरना प्रदर्शन किया जा रहा था, तब उन लोगों को पुलिस प्रशासन पानी पिला रहा था. अगर पुलिस प्रशासन था तो उन लोगों को वहां से हटाया जा सकता था. लेकिन वे उनको सहयोग करते हुए उनके डायरेक्शन में काम कर रहे थे.
प्रदर्शन कर रहे लोगों का दे रहे थे साथ: वहीं परिजनों ने तहसीलदार मदनलाल मीणा पर (dausa lady doctor suicide case) आरोप लगाते हुए कहा कि तहसीलदार ने धरना प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटाने की बजाय उनका सहयोग किया. इधर पूरे मामले को लेकर दौसा पुलिस अधीक्षक ने पूरे घटनाक्रम के मुख्य आरोपी बलिया जोशी की संपत्ति को कुर्क करने के आदेश जारी कर दिए हैं. पुलिस अधीक्षक ने एक आदेश जारी कर बताया कि डॉ अर्चना शर्मा सुसाइड प्रकरण के मुख्य आरोपी बल्ले जोशी को 10 अप्रैल तक पकड़ना होगा नहीं तो उसकी संपत्ति को कुर्क कर दिया जाएगा.
क्या है मामला?: सोमवार (28 मार्च 2022) को लालसोट स्थित निजी हॉस्पिटल में सिजेरियन डिलीवरी के बाद प्रसूता की मौत हो गई थी. जिसके बाद प्रसूता के परिजनों और स्थानीय नेताओं ने मिलकर अस्पताल प्रशासन के बाहर जमकर हंगामा और प्रदर्शन किया. इसके बाद अस्पताल संचालक दंपती के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज करवा दिया गया. कथित तौर पर पुलिस कर्मियों की जांच और नेताओं के हंगामे से प्रताड़ित हॉस्पिटल संचालक डॉ अर्चना शर्मा ने मंगलवार को सुसाइड (Dausa Lady Doctor Suicide Row) कर लिया. इस खबर के सामने आने के बाद दौसा सहित प्रदेश के सभी चिकित्सा सेवा से जुड़े लोगों में आक्रोश व्याप्त है. जिसके चलते दौसा जिले के सभी निजी अस्पतालों में कार्यों का बहिष्कार किया गया था.