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Special: दौसा में अनहोनी का कौन होगा जिम्मेदार, कई अग्निकांड होने के बाद भी नहीं फायर ब्रिगेड का इंतजाम - ईटीवी भारत हिन्दी न्यूज

दौसा जिला मुख्यालय में फायर ब्रिगेड के हालात इतने खस्ता है कि पिछले 5 वर्षों में एक के बाद एक कई बड़े अग्निकांड हो चुके हैं. जिसमें करोड़ों रुपए का माल जलकर खाक हो गया, लेकिन उसके बावजूद नगर परिषद प्रशासन फायर ब्रिगेड को लेकर आज भी सुस्त नजर आ रहा है.

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दौसा में फायर ब्रिगेड का हाल-बेहाल
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Published : Jun 28, 2020, 2:46 PM IST

दौसा. जिला मुख्यालय पर एक के बाद एक कई बड़े हादसे हुए, लेकिन इन हादसों के बाद भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं नगर परिषद के फायर ब्रिगेड विभाग की. दरअसल, जिला मुख्यालय पर फायर ब्रिगेड के हालात इतने खस्ता है कि पिछले 5 वर्षों में एक के बाद एक कई बड़े अग्निकांड हो चुके हैं. जिसमें करोड़ों रुपए का माल जलकर खाक हो गया, लेकिन उसके बावजूद नगर परिषद प्रशासन फायर ब्रिगेड को लेकर आज भी सुस्त नजर आ रहा है.

दौसा में फायर ब्रिगेड का हाल-बेहाल

नगर परिषद में फायर ब्रिगेड की 2 बड़ी और 1 छोटी गाड़ियां हैं. दोनों गाड़ियां पुरानी हो चुकी है. लेकिन मजबूरी के चलते उन्हें भी काम में लिया जाता है. ऐसे में जब कहीं आग लगने की सूचना मिलती है, उन्हीं खटारा वाहनों को रवाना कर दिया जाता है. जो या तो रवाना नहीं होते और रवाना होते हैं तो घटनास्थल तक नहीं पहुंचते पाते.

पढ़ेंः अलवर: टेंट के गोदाम में लगी आग, लाखों का सामान जलकर राख

नगर परिषद के पूर्व निरीक्षक शरद नागर का कहना है कि जिला मुख्यालय की एक बहुत बड़ी समस्या है. क्योंकि जिला मुख्यालय पर अब तक कई बड़े अग्निकांड हो चुके, लेकिन जब भी कोई बड़ा अग्निकांड या हादसा होता है तो जयपुर से दमकल बुलाई जाती है. जिसके आते-आते आग में सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है. निरीक्षक शरद नागर ने बताया कि सैंथल मोड़ पर एक टायरों की दुकान में आग लग चुकी. एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में भी कुछ वर्षों पूर्व भीषण आग लगी है. इसके साथ ही शहर के सोमनाथ रिको एरिया में एक ऑयल फैक्ट्री में भी बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें करोड़ों का नुकसान हुआ था.

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कबाड़ में तब्दील दमकल की गाड़ियां

कई बड़े हादसे हो चुके

वहीं एक साल पहले शहर के बीचों-बीच एक कपड़े के शोरूम और घर में तीन मंजिली इमारत में भीषण आग लगी थी. जिसने पूरी तीन मंजिला इमारत जलकर धराशाई हो गई और करोड़ों रुपए के नुकसान के साथ एक बच्ची भी उस में जलकर मौत की नींद सो गई. लेकिन सिर्फ एक दमकल के भरोसे वहां भी आग बुझाने का प्रयास किया गया जो कि नाकाम रहा. क्योंकि जयपुर से दमकल के आते-आते पूरी तीन मंजिला इमारत राख में तब्दील हो गई. ऐसे में दौसा जिला मुख्यालय की सबसे गंभीर समस्या है फायर स्टेशन.

पढ़ेंः बालोतरा: किराना दुकान में लगी भीषण आग, लाखों रुपए का सामान जलकर राख

नगर परिषद के पास सिर्फ 3 गाड़ियां

फायर स्टेशन को लेकर नगर परिषद आयुक्त सहित सुरेंद्र मीणा का कहना है कि दमकल की समस्या है. उन्होंने कहा कि हमारे पास तीन दमकल की गाड़ियां हैं. जिनमें से दो बड़ी और एक छोटी गाड़ी हैं, लेकिन दोनों बड़ी गाड़ियां बहुत पुरानी होने के कारण खराब हो जाती है. ऐसे में नई गाड़ियों के लिए सरकार से मांग की है. लेकिन कब तक मिलेगी इसकी कोई उम्मीद नहीं.

पिछले 5 साल में कई बड़े हादसे

कार्यवाहक अग्निशमन अधिकारी राहुल मल्होत्रा ने बताया कि जिला मुख्यालय पर पिछले 5 साल में कई बड़े हादसे हुए हैं. मानगंज में "आपणी दुकान" के नाम से फेमस कपड़े के शोरूम में 6 नवंबर 2018 को आग लगी थी. इसी के साथ ही एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में 21 नवंबर 2014 को आग लगी. जिनमें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ, लेकिन आग बुझाने के लिए जयपुर से दमकल बुलाई जाती है और वह पहुंचती है तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है.

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जिला मुख्यालय में सिर्फ 2 ही गाड़ियां

स्टाफ के पास अग्निशमन किट भी नहीं

दमकल की कीमत का अनुमान हैं कि बड़ी दमकल 10 से 12 लाख रुपए के बीच आती है. ऐसे में महज 24 लाख रुपए में दो बड़ी दमकल जिला मुख्यालय के लिए खरीदी जा सकती है. जिससे कि जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र में होने वाले बड़े अग्निकांड और भीषण हादसे पर काबू पाया जा सके. अग्निशमन अधिकारी राहुल मल्होत्रा ने बताया कि इनके अलावा अग्निशमन में में स्टाफ के लिए आग बुझाते समय के लिए पहनने वाले किट भी नहीं है.

दौसा. जिला मुख्यालय पर एक के बाद एक कई बड़े हादसे हुए, लेकिन इन हादसों के बाद भी प्रशासन सबक नहीं ले रहा है. जी हां, हम बात कर रहे हैं नगर परिषद के फायर ब्रिगेड विभाग की. दरअसल, जिला मुख्यालय पर फायर ब्रिगेड के हालात इतने खस्ता है कि पिछले 5 वर्षों में एक के बाद एक कई बड़े अग्निकांड हो चुके हैं. जिसमें करोड़ों रुपए का माल जलकर खाक हो गया, लेकिन उसके बावजूद नगर परिषद प्रशासन फायर ब्रिगेड को लेकर आज भी सुस्त नजर आ रहा है.

दौसा में फायर ब्रिगेड का हाल-बेहाल

नगर परिषद में फायर ब्रिगेड की 2 बड़ी और 1 छोटी गाड़ियां हैं. दोनों गाड़ियां पुरानी हो चुकी है. लेकिन मजबूरी के चलते उन्हें भी काम में लिया जाता है. ऐसे में जब कहीं आग लगने की सूचना मिलती है, उन्हीं खटारा वाहनों को रवाना कर दिया जाता है. जो या तो रवाना नहीं होते और रवाना होते हैं तो घटनास्थल तक नहीं पहुंचते पाते.

पढ़ेंः अलवर: टेंट के गोदाम में लगी आग, लाखों का सामान जलकर राख

नगर परिषद के पूर्व निरीक्षक शरद नागर का कहना है कि जिला मुख्यालय की एक बहुत बड़ी समस्या है. क्योंकि जिला मुख्यालय पर अब तक कई बड़े अग्निकांड हो चुके, लेकिन जब भी कोई बड़ा अग्निकांड या हादसा होता है तो जयपुर से दमकल बुलाई जाती है. जिसके आते-आते आग में सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है. निरीक्षक शरद नागर ने बताया कि सैंथल मोड़ पर एक टायरों की दुकान में आग लग चुकी. एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में भी कुछ वर्षों पूर्व भीषण आग लगी है. इसके साथ ही शहर के सोमनाथ रिको एरिया में एक ऑयल फैक्ट्री में भी बड़ा हादसा हुआ था, जिसमें करोड़ों का नुकसान हुआ था.

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कबाड़ में तब्दील दमकल की गाड़ियां

कई बड़े हादसे हो चुके

वहीं एक साल पहले शहर के बीचों-बीच एक कपड़े के शोरूम और घर में तीन मंजिली इमारत में भीषण आग लगी थी. जिसने पूरी तीन मंजिला इमारत जलकर धराशाई हो गई और करोड़ों रुपए के नुकसान के साथ एक बच्ची भी उस में जलकर मौत की नींद सो गई. लेकिन सिर्फ एक दमकल के भरोसे वहां भी आग बुझाने का प्रयास किया गया जो कि नाकाम रहा. क्योंकि जयपुर से दमकल के आते-आते पूरी तीन मंजिला इमारत राख में तब्दील हो गई. ऐसे में दौसा जिला मुख्यालय की सबसे गंभीर समस्या है फायर स्टेशन.

पढ़ेंः बालोतरा: किराना दुकान में लगी भीषण आग, लाखों रुपए का सामान जलकर राख

नगर परिषद के पास सिर्फ 3 गाड़ियां

फायर स्टेशन को लेकर नगर परिषद आयुक्त सहित सुरेंद्र मीणा का कहना है कि दमकल की समस्या है. उन्होंने कहा कि हमारे पास तीन दमकल की गाड़ियां हैं. जिनमें से दो बड़ी और एक छोटी गाड़ी हैं, लेकिन दोनों बड़ी गाड़ियां बहुत पुरानी होने के कारण खराब हो जाती है. ऐसे में नई गाड़ियों के लिए सरकार से मांग की है. लेकिन कब तक मिलेगी इसकी कोई उम्मीद नहीं.

पिछले 5 साल में कई बड़े हादसे

कार्यवाहक अग्निशमन अधिकारी राहुल मल्होत्रा ने बताया कि जिला मुख्यालय पर पिछले 5 साल में कई बड़े हादसे हुए हैं. मानगंज में "आपणी दुकान" के नाम से फेमस कपड़े के शोरूम में 6 नवंबर 2018 को आग लगी थी. इसी के साथ ही एक इलेक्ट्रॉनिक शोरूम में 21 नवंबर 2014 को आग लगी. जिनमें करोड़ों रुपए का नुकसान हुआ, लेकिन आग बुझाने के लिए जयपुर से दमकल बुलाई जाती है और वह पहुंचती है तब तक सब कुछ जलकर राख हो चुका होता है.

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जिला मुख्यालय में सिर्फ 2 ही गाड़ियां

स्टाफ के पास अग्निशमन किट भी नहीं

दमकल की कीमत का अनुमान हैं कि बड़ी दमकल 10 से 12 लाख रुपए के बीच आती है. ऐसे में महज 24 लाख रुपए में दो बड़ी दमकल जिला मुख्यालय के लिए खरीदी जा सकती है. जिससे कि जिला मुख्यालय और आसपास के क्षेत्र में होने वाले बड़े अग्निकांड और भीषण हादसे पर काबू पाया जा सके. अग्निशमन अधिकारी राहुल मल्होत्रा ने बताया कि इनके अलावा अग्निशमन में में स्टाफ के लिए आग बुझाते समय के लिए पहनने वाले किट भी नहीं है.

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