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ईआरसीपी मुद्दे को लेकर किसानों का धरना, जिले के बांधों को डीपीआर में जोड़ने की मांग

दौसा के सिकराय उपखंड़ में किसानों ने ईआरसीपी के मुद्दे को लेकर धरना दिया है. किसानों ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने और सिकराय क्षेत्र के बांधों को डीपीआर में शामिल करने की मांग की है.

Farmers protest over ERCP in Dausa
ईआरसीपी मुद्दे को लेकर किसानों का धरना
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 16, 2023, 5:56 PM IST

दौसा. राज्य में नई सरकार का गठन होते ही ईआरसीपी का मुद्दा फिर से तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है. दौसा जिले के सिकराय उपखंड़ में शनिवार को भारतीय किसान संघ की ओर से धरने की शुरुआत की गई. किसान संघ ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने और सिकराय क्षेत्र के बांधों को डीपीआर में शामिल करवाने की मांग की है.

धरने के दौरान प्रत्येक दिन अलग-अलग इकाई भाग लेगी. इससे पहले भारतीय किसान संघ की ओर से 13 दिसंबर को राज्यपाल के नाम सिकराय उपखंड़ अधिकारी राकेश कुमार मीना को भी ज्ञापन सौंपा गया था. भारतीय किसान संघ के जिला कोषाध्यक्ष केशुराम मीना ने बताया कि पिछले 30 सालों से क्षेत्र के बांधों और कुओं में पानी सूख गया है. पानी की कमी से किसानों पर छाया रोजी-रोटी का संकटक्षेत्र में पानी की कमी से खेती पर प्रभाव पड़ा है.

पढ़ें: पूर्वी राजस्थान के लिए 'भागीरथ' साबित हो सकते हैं भजनलाल! प्रदेश में भाजपा सरकार बनने के बाद अब 13 जिलों की जीवनदायनी ईआरसीपी को मिल सकती है हरी झंडी

किसानों पर रोजी-रोटी के लिए संकट खड़ा हो गया है. जिसके कारण क्षेत्र में किसान वर्ग पलायन कर रहा है. वे दूर-दराज रहकर मजदूरी करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान की पिछली सरकार ने ईआरसीपी के लिए 14 हजार करोड़ का बजट बनाया है. इसका सदुपयोग करते हुए ईआरसीपी योजना को शुरू किया जाए. जिससे करीब 2 साल में पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के बांधों में पानी की आवक हो जाएगी. पानी की आवक होने से क्षेत्र का किसान गांव में रहकर ही अपना जीवनयापन कर पाएगा. अगर इस योजना का लाभ किसान को नहीं मिला तो, पानी की कमी के कारण क्षेत्र का किसान पलायन करने को मजबूर होगा. इस दौरान धरने में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.

दौसा. राज्य में नई सरकार का गठन होते ही ईआरसीपी का मुद्दा फिर से तूल पकड़ता हुआ नजर आ रहा है. दौसा जिले के सिकराय उपखंड़ में शनिवार को भारतीय किसान संघ की ओर से धरने की शुरुआत की गई. किसान संघ ने ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना में शामिल करने और सिकराय क्षेत्र के बांधों को डीपीआर में शामिल करवाने की मांग की है.

धरने के दौरान प्रत्येक दिन अलग-अलग इकाई भाग लेगी. इससे पहले भारतीय किसान संघ की ओर से 13 दिसंबर को राज्यपाल के नाम सिकराय उपखंड़ अधिकारी राकेश कुमार मीना को भी ज्ञापन सौंपा गया था. भारतीय किसान संघ के जिला कोषाध्यक्ष केशुराम मीना ने बताया कि पिछले 30 सालों से क्षेत्र के बांधों और कुओं में पानी सूख गया है. पानी की कमी से किसानों पर छाया रोजी-रोटी का संकटक्षेत्र में पानी की कमी से खेती पर प्रभाव पड़ा है.

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किसानों पर रोजी-रोटी के लिए संकट खड़ा हो गया है. जिसके कारण क्षेत्र में किसान वर्ग पलायन कर रहा है. वे दूर-दराज रहकर मजदूरी करने को मजबूर हैं. उन्होंने कहा कि राजस्थान की पिछली सरकार ने ईआरसीपी के लिए 14 हजार करोड़ का बजट बनाया है. इसका सदुपयोग करते हुए ईआरसीपी योजना को शुरू किया जाए. जिससे करीब 2 साल में पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों के बांधों में पानी की आवक हो जाएगी. पानी की आवक होने से क्षेत्र का किसान गांव में रहकर ही अपना जीवनयापन कर पाएगा. अगर इस योजना का लाभ किसान को नहीं मिला तो, पानी की कमी के कारण क्षेत्र का किसान पलायन करने को मजबूर होगा. इस दौरान धरने में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.

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