दौसा. राजस्थान में राज्य सरकार का गठन होते ही एक बार फिर से ईआरसीपी का मुद्दा पूर्वी राजस्थान में गर्माने लगा है. जिले के सिकराय उपखंड कार्यालय के बाहर पिछले 7 दिनों से किसानों का क्रमिक धरना जारी है. वहीं सिकराय सहित महुवा, बांदीकुई और दौसा में भी भारतीय किसान संघ की अलग-अलग इकाई धरना दे रही है. किसान संघ की मांग है कि ईआरसीपी ( पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना ) को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करें. साथ ही दौसा जिले के करीब 24 बांधों को डीपीआर में जोड़ा जाए, जिससे क्षेत्र के किसान रोजगार के अभाव में पलायन करने को मजबूर ना हो.
धरने में शामिल किसानों का आरोप है कि पिछले 7 दिनों से धरने पर बैठे हैं, लेकिन जिले का कोई भी बड़ा अधिकारी या कोई भाजपा-कांग्रेस का नेता उनसे मिलने तक नहीं आया. इस दौरान धरने में शामिल भारतीय किसान संघ के दौसा जिला अध्यक्ष तेजराम मीणा ने ईटीवी भारत से बातचीत में आरोप लगाया कि राज्य और केंद्र की सरकार ने उनकी मांगों को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई, तो मजबूर होकर किसानों को आंदोलन की राह पकड़नी पड़ेगी. उन्होंने बताया कि पूर्वी राजस्थान में बरसात नहीं होने से पानी का संकट गहरा रहा है. पानी की कमी के कारण खेती में भी पैदावार नहीं हो रही और ना ही पशुधन का पालन हो पा रहा है, जिसके कारण क्षेत्र के किसान पलायन कर रहे हैं.
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जयपुर में रखी गई संभाग की सभा : किसान संघ के जिला अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय किसान संघ की ओर से जयपुर में संभागीय बैठक बुलाई गई है. शुक्रवार को जयपुर में बैठक है. किसान संघ के पदाधिकारियों की ओर से मुख्यमंत्री से मिलने का समय भी मांगा गया है. इसके बाद पूर्वी राजस्थान के 13 जिलों में किसान संघ की कार्ययोजना बनाकर सभी 13 जिलों में धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा.
किसानों की क्या हैं प्रमुख मांगें : किसानों ने बताया कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने का वादा कर बीजेपी राज्य की सत्ता में आई है. ईआरसीपी का मुद्दा पिछले कई वर्षों से पूर्वी राजस्थान में चल रहा है. हमारी प्रमुख मांग है कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करने के साथ ही जिले के करीब 24 बांधों को सरकार डीपीआर में शामिल करे, जिससे जिले के किसानों को पानी की किल्लत से जूझना नहीं पड़े.
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मांगी डबल इंजन की सरकार, हमने दी ट्रिपल इंजन की : किसानों का कहना है कि बीजेपी ने हमसे डबल इंजन की सरकार मांगी थी, लेकिन अब हमने उन्हें केंद्र सहित राजस्थान और मध्यप्रदेश में ट्रिपल इंजन की सरकार देकर सत्ता में बैठाया है. भाजपा सरकार को किसानों की मांगों पर अमल करना चाहिए. इस दौरान उपखंड कार्यालय के बाहर चल रहे धरने में बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे.