दौसा. जिले में प्रसव के बाद इलाज के दौरान महिला और नवजात की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल के सामने जमकर हंगामा किया. आक्रोशित परिजनों ने शव को सड़क पर रखकर प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारियों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही से मौत का आरोप लगाया है.
जानकारी के अनुसार नीचुनिया गांव सविता मीणा को प्रसव पीड़ा होने पर 4 दिसंबर को दौसा के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां प्रसव के दौरान नवजात की मौत हो गई और प्रसूता की हालत गंभीर है. जिसके बाद हॉस्पिटल के चिकित्सकों ने उसे पहले दौसा के सरकारी अस्पताल में और उसके बाद जयपुर रेफर कर दिया. 3 दिन उपचार के बाद बुधवार सुबह प्रसूता सविता मीणा की भी मौत हो गई. मौत के बाद परिजनों का गुस्सा फूट पड़ा और वे जयपुर से शव लेकर दौसा के निजी अस्पताल पहुंचे. परिजनों ने शव को अस्पताल के बाहर सड़क पर रखकर जमकर हंगामा किया.
परिजनों ने सड़क जाम कर के डेढ़ घंटे तक प्रदर्शन किया. इस दौरान मृतक महिला के रिश्तेदार भी वहां पहुंच गए. प्रदर्शन में शामिल 2 परिजनों की तबीयत भी खराब हो गई. सूचना मिलने के बाद कोतवाली पुलिस व चिकित्सा विभाग के अधिकारी पहुंचे और परिजनों से समझाईस कर अस्पताल मोर्चरी में रखवाया.
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मामले को लेकर दौसा कोतवाल सुगन सिंह ने बताया कि महिला को प्रसव पीड़ा के बाद निजी अस्पताल में भर्ती करवाया था, जहां प्रसव के दौरान बच्चे की मौत हो गई और महिला की हालत गंभीर हो गई. उसके बाद चिकित्सकों ने उसे जयपुर रेफर कर दिया है. जयपुर इलाज के दौरान महिला की मौत हो गई. परिजनों की रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी.