दौसा. गरीब और मजदूर परिवारों को 100 दिन की गारंटी रोजगार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से महात्मा गांधी मनरेगा योजना शुरू की गई थी, जो अब भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती नजर आ रही है. जिसका एक बड़ा मामला बुधवार को सामने आया. दरअसल जिले के लालसोट उपखंड के टोडा ठेकला ग्राम पंचायत के दर्जनों लोग जिला कलेक्ट्रेट पर एकत्रित हो गए, जहां मनरेगा में हो रहे भ्रष्टाचार की जांच करवाने को लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन देने पहुंचे.
ग्रामीणों का कहना है कि 2016 से लेकर अब तक ग्राम पंचायत में मनरेगा में काफी भ्रष्टाचार व्याप्त है. जिन लोगों ने कभी मनरेगा में एक भी दिन काम नहीं किया उनके नाम से हजारों रुपए के फर्जी जॉब कार्ड बनाकर पैसे उठा लिए गए हैं. भ्रष्टाचार करने वाले लोग फर्जी जॉब कार्ड और फर्जी बैंक खातों से 100 दिन और 100 दिन से अधिक का रोजगार दिखा कर कई लोगों के नाम से लाखों रुपए का गबन कर चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि अधिकांश लोगों को तो यह भी पता नहीं है कि उनके जॉब कार्ड बने हुए हैं, जब वह जॉब कार्ड बनवाने के लिए ग्राम पंचायत पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनका जॉब कार्ड कई सालों पहले ही बन चुका है और उनके नाम से 100 दिन से अधिक का कार्य दिखाकर पैसे भी उठा लिए गए हैं.
पीड़ित मोहन लाल माली ने बताया कि उनके नाम से मनरेगा में कार्य करना दिखा कर उनके खाते में जब जॉबकार्ड के पैसे आए तो मनरेगा मेट ने यह बोल कर वापस निकलवा लिए कि हमने तुम्हारे खाते में कहीं से पैसा ट्रांसफर करवाया है जो हमें निकाल कर वापस दे दो. ऐसे एक दो नहीं बल्कि दर्जनों मामले हैं. जिसको लेकर टोडा ठेकला के ग्रामीणों ने अतिरिक्त जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपकर मामले की जांच करवाकर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की. मामले को लेकर अतिरिक्त जिला कलेक्टर ने बताया कि हम जल्द ही मामले की जांच कर दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई करेंगे.