मेहंदीपुर बालाजी (दौसा). बालाजी मंदिर बंद होने के बावजूद भी श्रद्धालुओं का आना-जाना लगातार जारी है. श्रद्धालु बालाजी मंदिर परिसर के बाहर सैकड़ों की संख्या में एकत्रित हो रहे हैं, जिनमें बुजुर्ग, बच्चे और महिलाएं शामिल हैं.
बालाजी मंदिर में श्रद्धालुओं के एकत्रित होने से सोशल डेस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है. ऐसे में कभी भी कोरोना का विस्फोट हो सकता है. इतनी अधिक संख्या में लोगों का हुजूम एक जगह इकट्ठा होना कोरोना को न्योता देने जैसा है. श्रद्धालुओं के इस तरह के हुजूम को देखते हुए मंदिर खोलने पर सोशल डिस्टेंसिंग और सरकार की गाइडलाइनों की पालना कैसे हो पाएगी. मंदिर खोलने के बाद श्रद्धालुओं की संख्या में और भी इजाफा होगा.
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प्रदेश सरकार लगातार कोरोना के ग्राफ को कम करने में लगी हुई है. बालाजी धाम दो जिलों में विभाजित है और दोनों ही जिलों के प्रशासन की उदासीनता के चलते बालाजी धाम में श्रद्धालुओं की आवाजाही पर रोक नहीं लग पाई है. दौसा और करौली प्रशासन को चाहिए कि मंदिर बंद होने तक बालाजी धाम की सीमा पर ही श्रद्धालुओं को रोककर मंदिर बंद होने की जानकारी देकर वापस भेज दें, जिससे मेहंदीपुर बालाजी धाम में अनेकों राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को रोका जा सके. यहां श्रद्धालुओं का जमावड़ा न जमे और कोरोना संक्रमण को श्रद्धालुओं में फैलने से रोका जा सके. लेकिन हो यह रहा है कि सैकड़ों की तादात में निजी गाड़ियों से कई राज्यों से श्रद्धालु मेहंदीपुर बालाजी में सीधा बालाजी दरबार में पहुंच रहे हैं और मंदिर परिसर के बाहर श्रद्धालुओं का जमावड़ा लगा हुआ है.