दौसा. कोरोना महामारी के चलते किसानों की स्थिति पहले ही दयनीय है. वह कर्ज लेकर जैसे-तैसे गुजारा कर रहे हैं. ऊपर से यह विद्युत वितरण निगम एग्रीकल्चर कनेक्शनों पर मनमाने बिलों का भार लादकर उनकी परेशानियों को और बढ़ा रहा है. मामला दौसा जिले का है जहां इन दिनों जयपुर विद्युत वितरण निगम के चंद अधिकारियों की मनमानी की वजह से किसान त्रस्त है.
बिजली विभाग किसानों का इस तरह शोषण कर रहा है कि लगभग 9 महीनों से किसानों को एग्रीकल्चर कनेक्शन के तहत हजारों रुपये के बिल थमाए जा रहे हैं, जबकि यह जिला डार्क जोन में है. किसानों का कहना है कि कुओं में पानी न के बराबर है और जब वे बिजली के बिल संबंधित जानकारी लेने के लिए सहायक अभियंता के कार्यालय में जाते हैं तो अधिकारी सीधे मुंह बात तक नहीं करते. किसान कई महीने से सहायक अभियंता कार्यलय के चक्कर लगा रहे हैं लेकिन सुनवाई नहीं हो रही है.
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बिजली विभाग की लूट का अंदाजा इस से ही लगाया जा सकता है कि कई लोगों ऐसे हैं जिनके घरों में या खेत पर कनेक्शन नहीं है लेकिन फिर भी उन्हें हजारों रुपए के बिल थमाए जा रहे हैं. किसान करतार सिंह ने बताया कि उनके खेत पर बने कुंए में तीन साल से मोटर नहीं है फिर भी 10 हजार रुपए का बिल थमा दिया गया. ऐसे जिले में एक दो नहीं बल्कि दर्जनों किसान हैं जो बिजली विभाग के शोषण का शिकार हैं या विभाग की लापरवाही से परेशान हैं. किसानों का कहना है कि बिजली विभाग द्वारा उनके ऊपर जबरन बिजली चोरी का आरोप लगाकर हजारों रुपए वीसीआर भर दिए जाते हैं जिनका कोई सुबूत नहीं होता.
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वहीं इस पूरे मामले को लेकर दौसा विधायक मुरारी लाल मीणा ने भी बिजली विभाग को लापरवाह और गैर जिम्मेदार ठहराते हुए किसानों का शोषण करने वाला बताया है. विधायक मीणा ने कहा कि बिजली विभाग की लापरवाहियों की शिकायत आ रही है. विभाग किसानों का शोषणकर उन्हें परेशान करने में लगा है. गलत तरीके से बिजली के बिल थमाया जा रहे हैं. किसानों के बेवजह के वीसीआर भरे जा रहे हैं. इस मुद्दे को लेकर दौसा बिजली विभाग की कार्यशैली से सरकार को भी अवगत करवा दिया है. स्थानीय अधिकारियों को भी कड़े निर्देश दिए गए हैं.