दौसा. नगर निगम द्वारा साफ सफाई में बरती जा रही लापरवाही का खामियाजा सदर थाने के कार्मिकों को भुगतना पड़ रहा है. बारिश के दौरान शहर के नालों में एकत्रित होने वाली गंदगी बारिश के पानी के साथ बहकर सदर थाने में जाकर भर जाती है. जिससे थाने में गंदगी के कारण बदबू सहित बदसूरती का आलम बना हुआ है.
थाना प्रभारी सहित थाने के सिपाहियों ने मिलकर थाने को खूबसूरत बनाने के लिए थाने में खाली पड़ी जगह में सैकड़ों टन मिट्टी डलवा कर उसमें पेड़-पौधे और घास लगाकर सुंदर गार्डन बनाने के लिए प्रयास किया था. लेकिन वह भी नगर परिषद की लापरवाही की भेंट चढ़ गया. मामले को लेकर सदर थाना प्रभारी रविंद्र सिंह का कहना है कि सदर थाने के आगे से जो पानी निकासी का नाला है वह नगर परिषद की नजरअंदाज करने के चलते उसकी सफाई नहीं हो रही.
जिससे बारिश के दौरान आने वाली शहर की गंदगी थाने में आकर भर जाती है. परिणाम स्वरुप प्लास्टिक पॉलीथिन और अन्य कई सारी गंदगी आकर थाने में जमा हो जाती है. जिससे थाने के परिसर में लगी घास भी पूरी तरह से नष्ट हो चुकी हैं. नगर परिषद द्वारा साफ सफाई के नाम पर हर महीने लाखों रुपए के बिल उठा लिए जाते हैं. उसके बावजूद शहर में साफ सफाई कहीं नजर नहीं आ रही.
थाना प्रभारी का कहना है कि मामले को लेकर उन्होंने कई बार नगर परिषद के कार्मिकों को अवगत करवा दिया लेकिन उसके बावजूद भी कोई कदम नहीं उठाया गया. हालात यह है कि हर बार बारिश के बाद सदर थाने के सिपाहियों को मिलकर पूरी थाने की गंदगी साफ करनी पड़ती है और फिर बारिश आने के बाद में वही गंदगी जमा हो जाती है. जिसके कारण थाने में लगे हुए पेड़-पौधे जीवित नहीं कर पा रहे.
इसके अलावा थाने के सिपाही सहित उनके परिजनों को रहने के लिए सही माहौल भी नहीं मिल पा रहा. थाना प्रभारी का कहना है कि आने वाली गंदगी और बदबू का के कारण रह रहे परिजन भी उससे बुरी तरह त्रस्त है.
कई बार नगर परिषद को फोन पर मौखिक शिकायत करने के बावजूद भी इस मामले की सुधार पर कोई कार्रवाई नहीं की गयी. उसके बावजूद उन्होंने नगर परिषद आयुक्त के नाम लिखित में थाने से लेटर भिजवा दिया. बावजूद इसके नगर परिषद की तरफ से अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की जा रही.