दौसा. जिले में पिछले 2 महीने से दौसा रसोई चल रही है. दौसा रसोई को युवा समाजसेवी मनोज राघव ने 2 महीने पहले शुरू किया था. लॉकडाउन में पैदल चल रहे मजदूरों को भोजन उपलब्ध कराने के लिए यह शुरू किया था. राघव का अपने तीन अन्य साथियों के साथ शुरू किया गया यह मिशन सैकड़ों लोगों का पेट भरने का माध्यम बन गया. इस कार्य में मनोज राघव के साथ करीब 300 लोग जुड़ गए, सभी ने इसमें आर्थिक सहयोग दिया. जिसकी वजह से इस 2 माह में दौसा की रसोई से तकरीबन दो लाख लोगों को भोजन करवाया जा चुका है.
लॉकडाउन के दौरान पैदल चलने वाले राहगीरों, कोरोना योद्धाओं सहित कोरोना वार्डों में भी भोजन उपलब्ध करवाया गया. मनोज राघव का समाज सेवा का सपना यहीं से पूरा हुआ और सोशल मीडिया पर दौसा रसोई की मुहिम चलाकर उन्होंने सैकड़ों लोगों को जोड़कर उनसे इस रसोई में आर्थिक मदद भी ली. जिससे यह रसोई लंबे समय के लिए चलती रही.
शादियों में फ्री खानाः
मजदूरों का भार कम हुआ तो अब समाज सेवी मनोज राघव ने इस रसोई को जिले की बेटियों की शादी की ओर मोड़ दिया है. जिले में कहीं पर भी कोई गरीब परिवार अपनी बेटी की शादी करता है तो वह दौसा रसोई में संपर्क कर आने वाले बारातियों के लिए अच्छा खाना निःशुल्क ले सकता है.
दौसा रसोई के संचालक मनोज राघव का कहना है कि जिले में कहीं पर भी कोई भी गरीब परिवार अपनी बेटी की शादी करता है तो हम उसे बारातियों के लिए और उसके आने वाले मेहमानों के लिए दो मिठाई के साथ दो सब्जी, रोटी, दाल, चावल उपलब्ध करवाने का जिम्मा लेते हैं. यहीं नहीं मनोज राघव 11000 रुपए गरीब परिवार देते हैं ताकि शादी में किसी तरह की कोई दिक्कत न आए.
दहेज नहीं लिया तो फ्री मिलेगा खानाः
सबसे खास बात इस दौसा की रसोई की यह है कि अगर कोई युवा अपनी शादी में दहेज नहीं लेने का संकल्प करता है तो मनोज उन बेटों की शादी में भी खाने-पीने का पूरा जिम्मा उठाने के लिए तैयार है. जिसके चलते मनोज राघव ने दौसा रसोई से 23 मई को जिला मुख्यालय के समीप जिरोता गांव में बेटी की शादी में खाना उपलब्ध करवाया. मनोज राघव का कहना है कि यह मिशन आजीवन चलेगा.
अब लॉकडाउन के बाद रेलवे स्टेशन, अस्पताल सहित फुटपाथों पर जिंदगी जीने वाले लोगों के लिए दौसा रसोई से खाना उपलब्ध करवाया जाता रहेगा. समाजसेवी मनोज राघव का कहना है कि इस लॉकडाउन के बाद गरीब परिवारों के खुद के खाने पीने का संकट खड़ा हो गया है. ऐसे में वो शादी में मेहमानों के लिए खाने पीने का बंदोबस्त कैसे करेंगे, बस इसी सोच के साथ जिले की बहन बेटियों की शादी में खाना पहुंचाने की शुरुआत कर दी.