दोसा. कोरोना संक्रमण के चलते हुए लॉकडाउन में जिले के किसानों को बहुत नुकसान हो रहा है. जिले के किसानों का कहना है कि इस बार सब्जी की पैदावार अच्छी हुई है. लेकिन पहले तो शुरुआती दौर में ओलों की मार की वजह से फसल चौपट हो गई. वहीं उसके बाद जैसे तैसे फसल वापस तैयार की तो फसल अच्छी पैदावार हुई. लेकिन लॉकडाउन के चलते फसलों को बिक्री की मार झेलनी पड़ रही है. जिस वजह से फसल खेतों में ही सड़ रही है.
वहीं दौसा के महवा क्षेत्र में विभिन्न राज्यों से आकर सब्जी उत्पादन करने वाले काश्तकारों पर यह लॉकडाउन भारी पड़ रहा है. जिसके तहत काश्तकारों को इस बार सब्जियों की लागत भी नहीं मिल पा रही है. लॉकडाउन के कारण बाजार में भले ही सब्जियों के दाम काफी अधिक हों, लेकिन मंडी में सब्जी उत्पादकों से उनकी सब्जी औने पौने दाम पर ही खरीदी जा रही हैं. साथ ही मंडी में ग्राहक नहीं होने से सब्जी नहीं बिक पा रही हैं.
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वहीं जिले के दर्जनों गांव ऐसे हैं जिन में उत्तरप्रदेश सहित अन्य स्थानों से बड़ी संख्या में काश्तकार आकर सब्जी उगाते हैं. यह काश्तकार स्थानीय किसान से उनकी जमीन किराए पर लेकर भारी मात्रा में लौकी, कद्दू, टमाटर, मिर्च, करेला सहित अन्य सब्जी लगाते है. जहां से उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश, दिल्ली, जयपुर सहित अन्य स्थानों पर मंडियों में सब्जी भेजी जाती है. लेकिन लॉकडाउन के चलते यहां ग्राहक नहीं आने से सब्जी नहीं बिक रही है. वहीं जो सब्जी बिक रही हैं, उसके काफी कम दाम मिल रहे हैं.
इसी पर सजानपुर से आए कास्तकार असलम ने बताया कि जितने की सब्जी नहीं बिक रही है, उससे अधिक जमीन का किराया लग रहा है. लॉकडाउन के कारण मंडियों में सब्जी नहीं पहुंच रही हैं. जिससे इस साल भारी नुकसान हो रहा है. जिसके चलते किसान किराए पर जमीन लेकर खेती करने वाले किरायेदारों का किराया चुकाने में भी असमर्थ नजर आ रहे हैं.