दौसा. दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे को लेकर किसानों के मुआवजे का विवाद दिनों दिन बढ़ता ही जा रहा है. जिसको लेकर जिले के किसान आए दिन प्रशासन, राजनेता यहां तक कि सरकार तक के चक्कर लगा रहे हैं. लेकिन किसानों के मुआवजे को लेकर कोई भी संतुष्टि पूर्वक समाधान निकलता नजर नहीं आ रहा. अब किसानों ने रविवार को दौसा सांसद जसकौर मीणा से मुलाकात कर उचित मुआवजा दिलवाने की मांग रखी.
एक तरफ किसानों का कहना है कि सरकार जो उन्हें मुआवजा दे रही है. वह डीएलसी दर का 4 गुना तक मुआवजा देने की बात कह रही है. वहीं किसानों को जो मुआवजा मिल रहा है वह जिले भर में किसी भी किसान को डीएलसी दर से ढाई गुना से अधिक मुआवजा नहीं मिल रहा. जिसके चलते किसानों की 10 बीघा भूमि मुआवजे में जाने के बाद भी उसकी जो कीमत मिलती है उसमें वह 100 वर्ग गज का प्लॉट खरीद कर कहीं रहने के लिए आवास भी नहीं बना सकता. ऐसे हालात में किसान अपनी जमीन दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के लिए देने के लिए तैयार नहीं है.
मामले को लेकर सांसद मीणा का कहना है कि खासतौर पर उन्होंने किसानों से मुलाकात करने के लिए ही दौसा जिला परिषद में सांसद कार्यालय पर जनसुनवाई का कार्यक्रम रखा था. जिसके चलते उन्होंने किसानों से मुलाकात की है और उन्होंने इस मुद्दे को लोकसभा में भी उठाया है. दौसा के किसानों के मुआवजे व दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस हाईवे के निर्माण को लेकर उन्होंने केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर मामले से अवगत कराया है.
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सांसद जसकौर मीणा का कहना है कि जल्द ही इस मामले को लेकर राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत व चीफ सेक्रेटरी से भी मुलाकात कर किसानों को सही मुआवजा दिलवाने के प्रयास करेगी. उन्होंने कहा कि राजस्थान सरकार की कुछ गलत नीतियों के चलते किसानों के यह हालात हो गए. जिनसे कि उन्हें सही मुआवजा नहीं मिल रहा. किसान जगह-जगह चक्कर लगाने को मजबूर है. सांसद का कहना है कि वह किसानों का दर्द समझती है कि किसी की जमीन जाती है किसी का मकान टूटता है तो उसको कितना दर्द होता है.