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दौसा जिला अस्पताल में लगे कोरोना जांच बूथ, अब निडर होकर काम कर रहे हैं टेक्नीशियन

कोरोना मरीजों के सैंपल लेने वाले लैब टेक्नीशियन को सुरक्षित करने के लिए सरकार की ओर से दौसा जिला अस्पताल में कोविड-19 टेस्ट बूथ उपलब्ध करवाए हैं. इससे लैब टेक्नीशियन अधिक सुरक्षित और निडर होकर काम कर रहे हैं.

covid-19 Test Booth, दौसा जिला अस्पताल
दौसा जिला अस्पताल में लगे कोरोना जांच बूथ
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Published : May 5, 2020, 4:29 PM IST

दौसा. कोरोना महामारी से पूरी दुनिया संकट में है. पिछले दिनों देश में अनेक डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी और लैब टेक्नीशियन भी कोरोना की जद में आए हैं. ऐसे में सरकार ने कोरोना मरीजों के सैंपल लेने वाले लैब टेक्नीशियनों को सुरक्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. पहले दौसा जिले में कोविड 19 टेस्ट बूथ नहीं था, लेकिन अब सरकार ने दो कोविड-19 टेस्ट बूथ उपलब्ध कराए हैं.

दौसा जिला अस्पताल में लगे कोरोना जांच बूथ

कोविड-19 टेस्ट बूथ उपलब्ध होने से अब लैब टेक्नीशियन सुरक्षित होकर कोरोना मरीजों के सैंपल कलेक्ट कर सकेंगे. पहले लैब टेक्नीशियन अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों के सैंपल लेते थे, लेकिन अब जांच बूथ हैं. जिसमें लैब टेक्नीशियन सुरक्षित होकर कोविड-19 बूथ के माध्यम से सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. जिससे कोरोना जांच में लगे लैब टेक्नीशियनों में पूरी तरह निडर होकर काम करने की भावना पैदा हो रही है.

पढ़ें- करौली: पीहर में रह रही विवाहिता ने जहर खाकर दी जान, ससुराल पक्ष पर दहेज मांगने का आरोप

कोरोना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि जिले में जिला कोरोना बूथ लगने से कई तरह के फायदे हुए हैं. पहले कोरोना का सैंपल लेते समय संक्रमित व्यक्ति को अचानक खांसी या छीक आ जाने से लैब टेक्नीशियन को संक्रमण होने का खतरा बना रहता था. अब जांच बूथ से सैंपल लेने वाला टेक्नीशियन पूरी तरह सुरक्षित है, जिससे कि टेक्नीशियन में आत्मविश्वास की भावना पैदा हुई है.

पढ़ें- कोटा में कोरोना का कोहराम, 1 दिन में तीसरी मौत

साथ ही बताया कि सैंपल लेने से उनका डर खत्म हुआ है. वहीं सैंपल के लिए जो पीपीई किट भिजवाए जा रहे थे, उसका भी खर्चा नहीं होगा. सैंपल बूथ लगने से जिला अस्पताल को सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि कोरोना के सैंपल की तादाद भी बढ़ गई है. अब टेक्नीशियन कम समय में बूथ के माध्यम से अधिक सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं.

दौसा. कोरोना महामारी से पूरी दुनिया संकट में है. पिछले दिनों देश में अनेक डॉक्टर, नर्सिंगकर्मी और लैब टेक्नीशियन भी कोरोना की जद में आए हैं. ऐसे में सरकार ने कोरोना मरीजों के सैंपल लेने वाले लैब टेक्नीशियनों को सुरक्षित करने के लिए बड़ा कदम उठाया है. पहले दौसा जिले में कोविड 19 टेस्ट बूथ नहीं था, लेकिन अब सरकार ने दो कोविड-19 टेस्ट बूथ उपलब्ध कराए हैं.

दौसा जिला अस्पताल में लगे कोरोना जांच बूथ

कोविड-19 टेस्ट बूथ उपलब्ध होने से अब लैब टेक्नीशियन सुरक्षित होकर कोरोना मरीजों के सैंपल कलेक्ट कर सकेंगे. पहले लैब टेक्नीशियन अपनी जान जोखिम में डालकर कोरोना मरीजों के सैंपल लेते थे, लेकिन अब जांच बूथ हैं. जिसमें लैब टेक्नीशियन सुरक्षित होकर कोविड-19 बूथ के माध्यम से सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं. जिससे कोरोना जांच में लगे लैब टेक्नीशियनों में पूरी तरह निडर होकर काम करने की भावना पैदा हो रही है.

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कोरोना के जिला नोडल अधिकारी डॉ. दीपक शर्मा का कहना है कि जिले में जिला कोरोना बूथ लगने से कई तरह के फायदे हुए हैं. पहले कोरोना का सैंपल लेते समय संक्रमित व्यक्ति को अचानक खांसी या छीक आ जाने से लैब टेक्नीशियन को संक्रमण होने का खतरा बना रहता था. अब जांच बूथ से सैंपल लेने वाला टेक्नीशियन पूरी तरह सुरक्षित है, जिससे कि टेक्नीशियन में आत्मविश्वास की भावना पैदा हुई है.

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साथ ही बताया कि सैंपल लेने से उनका डर खत्म हुआ है. वहीं सैंपल के लिए जो पीपीई किट भिजवाए जा रहे थे, उसका भी खर्चा नहीं होगा. सैंपल बूथ लगने से जिला अस्पताल को सबसे बड़ा फायदा यह हुआ है कि कोरोना के सैंपल की तादाद भी बढ़ गई है. अब टेक्नीशियन कम समय में बूथ के माध्यम से अधिक सैंपल कलेक्ट कर रहे हैं.

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