दौसा. जिले में इस बार कृष्ण जन्माष्टमी के दिन भक्तों को कृष्ण कन्हैया के दर्शन नहीं हो पाएंगे. मुख्यालय पर जन्माष्टमी के अवसर पर विगत कई वर्षों से कृष्ण जन्माष्टमी की धूम रहती है. जिसके चलते दौसा में भगवान कृष्ण के भगवान का गिरिराज धरण मंदिर, श्याम चरण धाम, दुर्गा मंदिर और गोविंद देवजी के मंदिर सहित कई छोटे-बड़े मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ हुआ करती थी.
बताते चलें कि जन्माष्टमी का त्योहार बड़ी धूमधाम से और बड़े हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है. इन दिनों मंदिरों में भक्तों का सैलाब उमड़ता है. शहर भर में विभिन्न समाजसेवियों और विद्यालय द्वारा भगवान कृष्ण राधा जी भगवान शिव राम जानकी सहित विभिन्न देवी देवताओं और भगवान की झांकियां सजाई जाती थी. शाम 7:00 बजे से लेकर भगवान के जन्म समय रात 12:00 बजे तक शहरवासी पूरे शहर में घूम घूमकर इन झांकियों के दर्शन किया करते थे.
पढ़ेंः बुधवार को मनाई जाएगी कृष्ण जन्माष्टमी, जानें शुभ मुहूर्त
रात 12:00 बजे धूमधाम से कृष्ण जन्मोत्सव मनाकर फिर अपने व्रत उपवास को पूरा करते थे. वहीं विद्या भारती शहर में दर्जनों की तादाद में ट्रैक्टर ट्रॉली में सभी भगवानों की अलग-अलग झांकियां सजाकर शहर में जुलूस की तरह निकाला करती थी. जिसमें हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का संदेश दिया जाता था. इन झांकियों मुस्लिम बच्चे भी अलग अलग भगवान का रूप सजा कर भाग लिया करते थे. मुस्लिम समाज के लोग उन झांकियों पर पुष्प वर्षा किया करते थे, लेकिन इस बार कोरोना के चलते सब कुछ धरा रह गया.
पढ़ेंः जन्माष्टमी विशेष: 303 साल में पहली बार अपने आराध्य के दर्शन नहीं कर पाएंगे जयपुरवासी
इस बार शहर में झांकियां सजेगी और ना ही झांकियां निकाली जाएगी. बल्कि सरकार की गाइडलाइन के चलते जिला मुख्यालय के सभी बड़े मंदिरों में दर्शन भी निषेध होंगे. जिसके चलते उप जिला कलेक्टर पुष्कर मित्तल ने सख्त निर्देश दिए हैं कि सोशल डिस्टेंस पालना करें जन्माष्टमी के दिन घर में ही भगवान की पूजा अर्चना करें. किसी भी मंदिर को नहीं खोला जाएगा. ऐसे में लोग घर से बाहर ना निकले जिसके चलते इस बार जन्माष्टमी का त्योहार लोगों के लिए पूर्णतया बाधित होगा. ऐसे में व्रत उपवास कर 12:00 बजे तक भगवान के जन्म उत्सव का इंतजार करने वाले लोग झांकियां देखकर अपना समय व्यतीत किया करते थे और भगवान के दर्शन किया करते थे. अब उन्हें भी घर में रहकर ही इंतजार करना पड़ेगा.