दौसा. कोरोना से जंग जीतने के लिए साफ सफाई की विशेष ध्यान रखने की हिदायत दी जाती है लेकिन जहां साफ-सफाई की सख्त आवश्यकता है, वहां गंदगी से हाल बेहाल है. दौसा जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में जहां कोरोना पॉजिटिव पेशेंट भर्ती और सफाई की सख्त आवश्यकता है लेकिन अस्पताल के वार्ड के हालात बद से भी बदतर हैं.
दौसा जिला अस्पताल के कोविड वार्ड के हालात गंदगी से बदतर होते जा रहे हैं. यहां पर गंदगी का आलम यह है कि लोग अपना जीवन बचाने के लिए आ रहे हैं पर गंदगी के कारण कई बीमारियों का खतरा उनपर मंडरा रहा है. जिला अस्पताल के कोविड वार्ड में साफ सफाई नहीं होने से सर्वाधिक संक्रमित होने का भय बना हुआ है. कोविड वार्ड में मरीजों के आसपास गंदगी के ढेर लगे हुए हैं. शौचालय के हालत देखे तो शौचालय में गंदगी के ढेर लगे हुए हैं, नल की टोटियां में पानी नहीं है. वॉश बेसिन में गंदगी भरी पड़ी है. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि यहां पर मरीजों को संक्रमित होने से बचाया नहीं जा सकता. जबकि इस कार्य के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से लंबी फौज है और लाखों रूपये बहाया जा रहा हैं. यहां तक कि भर्ती मरीजों का कहना है कि चिकित्सक भी आते नहीं है और उन्हें महज सफाई कर्मियों के भरोसे ही छोड़ रखा है, जहां पर संक्रमित होने से बचाने के प्रयास कम और खाना पूर्ति ज्यादा की जा रही है.
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सरकारी सिस्टम के दावो की असलियत जानने का प्रयास किया जाए तो सामने आता है कि अस्पतालों के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. ऐसे में कोरोना संक्रमित लोगों की जिंदगी दांव पर लगी हुई है और अस्पताल प्रशासन आंख मूंदकर सब कुछ जानकर भी अनजान बनकर बैठा हुआ है.