दौसा. लोकतंत्र के महाकुंभ लोकसभा चुनाव को लेकर किसी में इतनी दीवानगी हो सकती है. शायद सुनने और देखने में यकीन नहीं होगा. लेकिन दौसा में सोशल मीडिया पर वायरल हो रही एक फोटो ने ये सोचने को मजबूर कर दिया है कि क्या मतदाताओं के लिए मतदान अपनों की मौत से भी बड़ा हो सकता है.
दौसा जिले के पांचौली गांव के लोगों ने कुछ ऐसा ही इतिहास बना डाला है. जिस श्मशान भूमि पर किसी अपने को अग्नि देने के बाद लोगों की आंखों में आंसू होते हैं. उसी श्मशान में मतदान करने की अपील वो भी अनूठे अंदाज में. गांव वालों ने कुछ ऐसा ही किया है. अस्थियां एकत्रित करने गए इन लोगों ने शव की भस्म को फूलों से सजाया और फिर गुलाल से लिख दिया 6 मई को मतदान अवश्य करें.
सदमे और गम से भरे श्मशान घाट पर लोकतंत्र के सम्मान की ये तस्वीर अपने आप में अनूठी है. दुनिया में इससे बड़ा कोई उदाहरण नहीं हो सकता. इस फोटो को वायरल करने वाले शख्स लाखन सिंह पंचौली से जब फोन पर बात की गई तो उनका कहना था कि वृद्ध रामेश्वर जो कि लगभग 90 साल के थे उनका देहांत हो गया था. शव के संस्कार के बाद बुधवार प्रातः सभी लोग परंपरा के अनुसार यहां फूल (अस्थियां) एकत्रित करने पहुंचे थे.
घर परिवार और गांव के लोग वहां मौजूद थे, सभी ने इस जगह को मतदान का संदेश देने का इसलिए चुना क्योंकि मृतक कि यह आखिरी इच्छा भी थी और वे इस बार मतदान करना चाहते थे. लेकिन नियति को यह मंजूर नहीं था और मतदान की उनकी इच्छा अधूरी रह गई. इसलिए उनकी आखिरी इच्छा को पूरी करने के लिए ताकि उनके चले जाने से जो हुई 1 वोट की कमी हुई है उसे पूरा किया जा सके, यह संदेश दिया गया है.