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दौसा में फूड पॉइजनिंग के मामले के बाद चेता प्रशासन, हलवाई दुकानों से सैंपल किए इक्ट्ठे - Dausa Hindi News

दौसा में फूड पॉइजनिंग से 12 से अधिक लोग बीमार हो गए थे. जिसके बाद शुक्रवार को जिला चिकित्सा अधिकारी मनीष चौधरी और फूड इंस्पेक्टर ने क्षेत्र की हलवाई दुकानों पर गाजर के हलवा का सैंपल लिया.

दौसा में फूड पॉइजनिंग, Dausa Hindi News
दौसा में हलवाई दुकानों से सैंपल किए इक्ट्ठे
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Published : Mar 12, 2021, 8:35 PM IST

दौसा. जिले में फूड पॉइजनिंग से 12 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. जिसके बाद शुक्रवार को जिला चिकित्सा अधिकारी मनीष चौधरी और फूड इंस्पेक्टर बांदीकुई पहुंचे. जहां उन्होंने दुकानों में गाजर के हलवा के सैंपल लिए.

दौसा में हलवाई दुकानों से सैंपल किए इक्ट्ठे

बता दें कि बांदीकुई उपखंड मुख्यालय में फूड प्वाइजनिंग से तकरीबन 12 से अधिक लोगों की तबीयत खराब हो गई. शिवरात्रि के मौके पर कुछ लोगों ने बाजार से गाजर का हलवा लाकर खाया था, उसके बाद एक-एक करके खाने वाले लोगों की तबीयत खराब हो गई. ऐसे में तकरीबन 2 परिवारों के 9 लोगों की तबीयत बिगड़ गई. जिनमें से 9 लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांदीकुई में भर्ती करवाया गया तो बाकी अन्य लोगों ने निजी स्तर पर अपना इलाज लिया. जब मामला मीडिया में आया तो शुक्रवार को जिला चिकित्सा अधिकारी मनीष चौधरी और फूड इंस्पेक्टर बांदीकुई पहुंचे. हलवाई बाजार की दुकानों में गाजर का हलवा बनने वाली दुकानों का सैंपल लेकर दिखावे की कार्रवाई की.

यह भी पढ़ें. दौसा में शिवरात्री पर बाजार से हलवा लाकर खाना पड़ा महंगा, फूड प्वाइजनिंग से 9 लोगों की तबीयत खराब

इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनीष चौधरी ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग से लोगों के बीमार होने के बाद सभी दुकानों से गाजर के हलवे का सैंपल लिया गया है और सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बड़ी बात यह है कि चिकित्सा विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाकर खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता की माप की जाती है और उनका सैंपलिंग कर मिलावटखोरों और खराब सामान बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है लेकिन यह कार्रवाई भी महज खानापूर्ति तक ही नजर आ रही है. जिसके चलते जिले भर में मिलावटखोरों और नकली सामान बेचने वालों के हौसले बुलंद है. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. इसका एक नमूना गुरुवार को बांदीकुई उपखंड मुख्यालय पर नजर आया. जिसके चलते मिठाई की दुकान वालों ने लोगों को खराब या मिलावटी गाजर का हलवा खिला कर मौत के मुंह में झोंक दिया. हालांकि, सभी लोगों की तबीयत 2 दिन बाद पूरी तरह ठीक बताई जा रही है लेकिन गाजर का हलवा खाने के बाद 1 दर्जन से अधिक लोग उल्टी, दस्त और पेट दर्द के शिकार हो गए. जिन्हें 2 दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा, ऐसे में उनके परिवार सहित वो सब लोग पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गए.

यह भी पढ़ें. शादी की दावत में विषाक्त भोजन खाने से 20 से ज्यादा लोग बीमार

इस बीमारी से उनके शरीर को वापस स्वस्थ होने में भी काफी लंबा टाइम लग जाएगा लेकिन इन सब का फर्क ना ही चिकित्सा विभाग के ऊपर पड़ रहा और ना ही नकली व मिलावटी सामान बेचने वालों के ऊपर जिसके चलते बाजार में धड़ल्ले से नकली मिठाइयां बेची जा रही है. हालांकि, सीएमएचओ मनीष चौधरी ने जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

दौसा. जिले में फूड पॉइजनिंग से 12 से अधिक लोगों की तबीयत बिगड़ गई थी. जिसके बाद प्रशासन अलर्ट हो गया है. जिसके बाद शुक्रवार को जिला चिकित्सा अधिकारी मनीष चौधरी और फूड इंस्पेक्टर बांदीकुई पहुंचे. जहां उन्होंने दुकानों में गाजर के हलवा के सैंपल लिए.

दौसा में हलवाई दुकानों से सैंपल किए इक्ट्ठे

बता दें कि बांदीकुई उपखंड मुख्यालय में फूड प्वाइजनिंग से तकरीबन 12 से अधिक लोगों की तबीयत खराब हो गई. शिवरात्रि के मौके पर कुछ लोगों ने बाजार से गाजर का हलवा लाकर खाया था, उसके बाद एक-एक करके खाने वाले लोगों की तबीयत खराब हो गई. ऐसे में तकरीबन 2 परिवारों के 9 लोगों की तबीयत बिगड़ गई. जिनमें से 9 लोगों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बांदीकुई में भर्ती करवाया गया तो बाकी अन्य लोगों ने निजी स्तर पर अपना इलाज लिया. जब मामला मीडिया में आया तो शुक्रवार को जिला चिकित्सा अधिकारी मनीष चौधरी और फूड इंस्पेक्टर बांदीकुई पहुंचे. हलवाई बाजार की दुकानों में गाजर का हलवा बनने वाली दुकानों का सैंपल लेकर दिखावे की कार्रवाई की.

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इस मामले को लेकर मुख्य चिकित्सा अधिकारी मनीष चौधरी ने बताया कि फूड प्वाइजनिंग से लोगों के बीमार होने के बाद सभी दुकानों से गाजर के हलवे का सैंपल लिया गया है और सैंपल की रिपोर्ट आने के बाद ही दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बड़ी बात यह है कि चिकित्सा विभाग की ओर से शुद्ध के लिए युद्ध अभियान चलाकर खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवत्ता की माप की जाती है और उनका सैंपलिंग कर मिलावटखोरों और खराब सामान बेचने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है लेकिन यह कार्रवाई भी महज खानापूर्ति तक ही नजर आ रही है. जिसके चलते जिले भर में मिलावटखोरों और नकली सामान बेचने वालों के हौसले बुलंद है. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है. इसका एक नमूना गुरुवार को बांदीकुई उपखंड मुख्यालय पर नजर आया. जिसके चलते मिठाई की दुकान वालों ने लोगों को खराब या मिलावटी गाजर का हलवा खिला कर मौत के मुंह में झोंक दिया. हालांकि, सभी लोगों की तबीयत 2 दिन बाद पूरी तरह ठीक बताई जा रही है लेकिन गाजर का हलवा खाने के बाद 1 दर्जन से अधिक लोग उल्टी, दस्त और पेट दर्द के शिकार हो गए. जिन्हें 2 दिन अस्पताल में भर्ती रहना पड़ा, ऐसे में उनके परिवार सहित वो सब लोग पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गए.

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इस बीमारी से उनके शरीर को वापस स्वस्थ होने में भी काफी लंबा टाइम लग जाएगा लेकिन इन सब का फर्क ना ही चिकित्सा विभाग के ऊपर पड़ रहा और ना ही नकली व मिलावटी सामान बेचने वालों के ऊपर जिसके चलते बाजार में धड़ल्ले से नकली मिठाइयां बेची जा रही है. हालांकि, सीएमएचओ मनीष चौधरी ने जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

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