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युवकों ने बचाई नवजात की जान....शिशु को गोद लेने वालों की मची होड़ - नवजात की हालत स्थिर

चूरू के रतनगढ़ तहसील में कुछ दिन पहले एक नवजात अज्ञात लोगों ने सड़क फेक दिया था. जिसे दो युवकों ने जिले के राजकीय भर्तिया अस्पताल में भर्ती कराया. जहां नवजात का इलाज किया जा रहा है.

युवकों ने बचाई नवजात की जान
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Published : Jul 28, 2019, 12:38 PM IST

चूरू.जिले में एक बेरहम मां ने अपने नवजात शिशु को सड़क किनारे फेंक दिया.जिसके बाद रतनगढ़ के दो युवक विजय सिंह और कमल कुमार माली ने नवजात बालिका को पुलिस की सहायता से रतनगढ़ अस्पताल पहुंचाया.जहां उसकी नाजुक हालत के चलते उसे चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

युवकों ने बचाई नवजात की जान


बता दें कि समय पूर्व जन्म होने के कारण बच्ची का वजन काफी कम था और वह पीलिया रोग से ग्रसित थी. फिलहाल राजकीय भरतिया अस्पताल के चिकित्सकों ने नवजात को एसएनसीयू वार्ड में रखा है.जहां यशोदा सुमन बारी और रेनू शर्मा ने नवजात को मां का आंचल देते हुए इसकी सार संभाल ली है.

बहरहाल,अस्पताल में जारी उपचार के बाद बालिका की हालत स्थिर बताई जा रही है. वहीं उसका ऑक्सीजन मास्क भी हटा लिया गया है.बड़ी बात ये कि नवजात बालिका की सूचना के बाद अब तक आधा-दर्जन से ज्यादा दंपति इसे गोद लेने के लिए अस्पताल पहुंचे.लेकिन,गोद लेने की प्रक्रिया जटिल होने के कारण बालिका को गोद देने के लिए कुछ समय लग सकता है.

चूरू.जिले में एक बेरहम मां ने अपने नवजात शिशु को सड़क किनारे फेंक दिया.जिसके बाद रतनगढ़ के दो युवक विजय सिंह और कमल कुमार माली ने नवजात बालिका को पुलिस की सहायता से रतनगढ़ अस्पताल पहुंचाया.जहां उसकी नाजुक हालत के चलते उसे चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल में रेफर कर दिया गया.

युवकों ने बचाई नवजात की जान


बता दें कि समय पूर्व जन्म होने के कारण बच्ची का वजन काफी कम था और वह पीलिया रोग से ग्रसित थी. फिलहाल राजकीय भरतिया अस्पताल के चिकित्सकों ने नवजात को एसएनसीयू वार्ड में रखा है.जहां यशोदा सुमन बारी और रेनू शर्मा ने नवजात को मां का आंचल देते हुए इसकी सार संभाल ली है.

बहरहाल,अस्पताल में जारी उपचार के बाद बालिका की हालत स्थिर बताई जा रही है. वहीं उसका ऑक्सीजन मास्क भी हटा लिया गया है.बड़ी बात ये कि नवजात बालिका की सूचना के बाद अब तक आधा-दर्जन से ज्यादा दंपति इसे गोद लेने के लिए अस्पताल पहुंचे.लेकिन,गोद लेने की प्रक्रिया जटिल होने के कारण बालिका को गोद देने के लिए कुछ समय लग सकता है.

Intro:चूरू_जिसका कोई नही उसका तो खुदा है यारो...जिले की रतनगढ़ तहसील में सड़क किनारे मिली कुछ दिन पहले नवजात बालिका पर लावारिस फ़िल्म की यह पक्तियां सटीक बैठती है. लावारिस नवजात को गोद लेने वालों की मची अब होड़. राजकीय भर्तिया अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में भर्ती नवजात की हालत स्थिर यशोदायें दे रही है बालिका को माँ की ममता।


Body:जिसका कोई नहीं उसका तो खुदा है यारों...लावारिस फिल्म के गीत की यह पंक्तियां काफी हद तक कुछ दिन पहले रतनगढ़ में संगम चौराहे के पास मिली उस नवजात बालिका पर सटीक बैठती है जिसे बेरहम मां ने सड़क किनारे फेंक दिया था रतनगढ़ के दो युवक विजय सिंह और कमल कुमार माली ने नवजात बालिका को पुलिस की सहायता से रतनगढ़ अस्पताल पहुंचाया जहां उसकी नाजुक हालत के चलते उसे चूरू के राजकीय भर्तिया अस्पताल रेफर कर दिया गया था समय पूर्व जन्म होने के कारण बच्ची का वजन काफी कम था और वह पीलिया रोग से ग्रसित थी राजकीय भरतिया अस्पताल के चिकित्सकों ने नवजात को एसएनसीयू वार्ड में रखा यहां यशोदा सुमन बारी और रेनू शर्मा ने नवजात को मां का आंचल देते हुए इसकी सार संभाल शुरू की।





Conclusion:अस्पताल में जारी उपचार के बाद बालिका की हालत स्थिर बताई जा रही है उसका ऑक्सीजन मास्क भी हटा लिया गया है नवजात बालिका की सूचना के बाद अब तक आधा दर्जन से ज्यादा दंपति इसे गोद लेने के लिए अस्पताल पहुंच चुके हैं लेकिन गोद लेने की प्रक्रिया जटिल होने के कारण बालिका को गोद देने के लिए कुछ समय लग सकता है

बाईट_सुमन बारी, यशोदा

बाईट_डॉक्टर अभिनव सरीन,शिशु रोग विशेषज्ञ राजकीय भर्तिया अस्पताल चूरू
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