चूरू. जिले का सबसे बड़ा मेडिकल कॉलेज के अधीन आने वाला राजकीय भर्तिया अस्पताल का मातृ एवं शिशु अस्पताल भगवान भरोसे है. गठित कमेटी की जांच में सामने आया कि अस्पताल में नर्सिंग स्टाफ और उपकरणों की भी कमी है, जिसके चलते चिकित्सक हाई रिस्क प्रसव मामलों को रेफर करने में यकीन करते हैं.
गठित कमेटी की जांच में यह भी सामने आया है कि अस्पताल के कुछ कर्मचारी और आशाएं यहां से रेफर प्रसवों को शहर के निजी अस्पताल में लेकर जाती है जिस पर जिला कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को ऐसे स्टाफ को चिन्हित कर कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं.
जिला कलेक्टर संदेश नायक ने कहा कि, डीबी अस्पताल से रेफर के मामले सामने आए हैं उनकी हमने जांच करवाई जिसमें 20 फीसदी जो प्रसव अस्पताल से रेफर होते थे उसके बारे में हमने मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल और अस्पताल अधीक्षक अस्पताल के चिकित्सकों से विस्तृत चर्चा की और व्यवस्था में सुधार कैसे लाया जाए इस पर चर्चा की.
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निष्कर्ष आया की जांच में अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की लापरवाही सामने आई जिनके खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. इसके साथ-साथ अस्पताल में जो उपकरणों की कमी है वह रेड क्रॉस सोसाइटी से और कुछ डेवलपमेंट फंड से और एमआरएस से उन उपकरणों की खरीदारी की जाएगी. जो अस्पताल में कर्मचारी और नर्सिंग स्टाफ के पद रिक्त पड़े हैं उनकी भी जल्द पूर्ति की जाएगी.