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चूरू: चाइनीज और कैमिकल युक्त गुलाल से मुक्ति, इस बार हर्बल गुलाल से मनेगी होली

चूरू के लोगों को इस बार होली में चाइनीज और केमिकल युक्त गुलाल से मुक्ति मिलेगी. इसके लिए राजीविका महिला स्वयं सहायता समूह ने हर्बल गुलाल बनाई है, जिसका शरीर की त्वाचा पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. यह गुलाल फूलों की पत्तियों को पीसकर बनाया गया है.

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Published : Mar 8, 2020, 12:24 PM IST

Holi will be celebrated with herbal gulal
चूरू में इस बार हर्बल गुलाल से मनेगी होली

चूरू. चाइनीज और केमिकल युक्त गुलाल से छुटकारा पाने के लिए इस बार शहर वासियों के लिए जिला प्रसाशन की ओर से नवाचार की गई है. राजीविका की कैंटीन ने हर्बल युक्त गुलाल की व्यवस्था की है. हर बार होली की सीजन के बाद देखा जाता है कि बाजार में आमतौर पर बिकने वाला यह गुलाल त्वचा के लिए कितना घातक सिद्ध होता है. राजीविका के महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से फूलों से तैयार किए गए, इस हर्बल गुलाल से आमजन एक सुरक्षित होली खेल सकता है.

चूरू में इस बार हर्बल गुलाल से मनेगी होली

चूरू जिला कलेक्ट्रेट परिसर में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनी इस राजीविका की कैंटीन को महिलाओं की ओर से ही संचालित किया जाता है. यहां चाय बनाने से लेकर परोसने तक का कार्य कैंटीन में कार्यरत महिला स्टाफ द्वारा ही किया जाता है. स्वयं सहायता समूहों की ओर से आम जनजीवन के दैनिक उपयोग में आने वाला हर वो सामान तैयार किया जाता है, जिसकी हमें हर रोज आवश्यकता होती है.

यह भी पढ़ें- चूरू में अनियंत्रित होकर पलटा ऑटो, हादसे में तीन मजदूर घायल

यह गुलाल भी उदयपुर के स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किया गया है, जिसमें ना तो कोई कैमिकल है और ना ही कोई ऐसी चीज जो त्वचा के लिए घातक सिद्ध हो. फूलों की पत्तियों से तैयार किए गए, इस हर्बल गुलाल की होली वाकई जिलेवासियों के लिए इस बार खास बनने वाली है.

चूरू. चाइनीज और केमिकल युक्त गुलाल से छुटकारा पाने के लिए इस बार शहर वासियों के लिए जिला प्रसाशन की ओर से नवाचार की गई है. राजीविका की कैंटीन ने हर्बल युक्त गुलाल की व्यवस्था की है. हर बार होली की सीजन के बाद देखा जाता है कि बाजार में आमतौर पर बिकने वाला यह गुलाल त्वचा के लिए कितना घातक सिद्ध होता है. राजीविका के महिला स्वयं सहायता समूह की ओर से फूलों से तैयार किए गए, इस हर्बल गुलाल से आमजन एक सुरक्षित होली खेल सकता है.

चूरू में इस बार हर्बल गुलाल से मनेगी होली

चूरू जिला कलेक्ट्रेट परिसर में महिला सशक्तिकरण का उदाहरण बनी इस राजीविका की कैंटीन को महिलाओं की ओर से ही संचालित किया जाता है. यहां चाय बनाने से लेकर परोसने तक का कार्य कैंटीन में कार्यरत महिला स्टाफ द्वारा ही किया जाता है. स्वयं सहायता समूहों की ओर से आम जनजीवन के दैनिक उपयोग में आने वाला हर वो सामान तैयार किया जाता है, जिसकी हमें हर रोज आवश्यकता होती है.

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यह गुलाल भी उदयपुर के स्वयं सहायता समूहों की ओर से तैयार किया गया है, जिसमें ना तो कोई कैमिकल है और ना ही कोई ऐसी चीज जो त्वचा के लिए घातक सिद्ध हो. फूलों की पत्तियों से तैयार किए गए, इस हर्बल गुलाल की होली वाकई जिलेवासियों के लिए इस बार खास बनने वाली है.

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