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आपको रुला देगी 75 वर्षीय कमला देवी की कहानी...चार-चार बेटे फिर भी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर...

चौमूं कस्बे के भोंडया की ढाणी में रहने वाली 75 वर्षीय कमला देवी कुमावत के चार बेटे है. लेकिन फिर भी कमला देवी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हमने कैमरे के सामने उनके कुछ सवाल पूछे तो वो विलख-विलख कर रोने लगी.

आपको रुला देगी 75 वर्षीय कमला देवी कुमावत की कहानी
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Published : Apr 6, 2019, 8:17 PM IST

चौमूं. यह रोती हुई और पथराई आंखें उस मां की हैं जिसको दर-दर की ठोकरें खाने के लिए उसके बेटों ने सड़क पर छोड़ दिया जिन चार बेटों को इस मां ने 9 महीने कोख में रखा वहीं बेटे आज इस मां की जान के दुश्मन बन बैठे हैं मामला राजधानी के चौमूं कस्बे का है.

आपको रुला देगी 75 वर्षीय कमला देवी कुमावत की कहानी

चौमूं कस्बे के भोंडया की ढाणी में रहने वाली 75 वर्षीय कमला देवी कुमावत के चार बेटे हैं, लेकिन फिर भी कमला देवी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हर मां-बाप को उम्मीद होती है की उनके बच्चे उनकी बुढ़ापे में लाठी बनेंगे, लेकिन जब वहीं बच्चे बेरहम बन जाए मानवता को भूल जाए तो हालत की कमला देवी जैसी ही होती है.

जिन बेटों को बड़े लाड़-प्यार से पाल पोस कर बड़ा किया. आज उन्हीं बेटों के घर में इस मां के लिए जगह नहीं है. चारों बेटों के सर से बचपन में ही पिता का साया उठने के बाद कमला देवी ने ही चारों बेटों को पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया कि आज चारों बेटे अपने पैरों पर खड़े हैं.

बुढ़ापे में हर मां की तरह यह मां भी सिर्फ इतना चाहती थी कि यह अपने चारों बेटों और बहुओं पोते पोतियों के साथ रहे, लेकिन इसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी इसके बदले में इस मां को सिर्फ अपने बेटे और बहू से अत्याचार मारपीट और बेघर होना ही मिला.

अपनी ही औलादों अत्याचार किया यहां तक की मारपीट तक भी की और ऐसी हालत कर दी कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इस मां ने गुहार प्रशासन से भी लगाई लेकिन कोई फयदा नहीं हुआ लेकिन किसी अंजान ने कमला देवी को चौमू के नगर पालिका स्थित रैन बसेरे तक पहुंचाया.

वहीं जानकारी मिलने के बाद नगर पालिका चेयरमैन अर्चना कुमावत कमला देवी से मिलने पुहंची. नगर पालिका चेयरमैन ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने के बाद यह उनके बेटों से भी मिली लेकिन कोई भी इस मां को अपने पास नहीं रखना चाह रहा.

चौमूं. यह रोती हुई और पथराई आंखें उस मां की हैं जिसको दर-दर की ठोकरें खाने के लिए उसके बेटों ने सड़क पर छोड़ दिया जिन चार बेटों को इस मां ने 9 महीने कोख में रखा वहीं बेटे आज इस मां की जान के दुश्मन बन बैठे हैं मामला राजधानी के चौमूं कस्बे का है.

आपको रुला देगी 75 वर्षीय कमला देवी कुमावत की कहानी

चौमूं कस्बे के भोंडया की ढाणी में रहने वाली 75 वर्षीय कमला देवी कुमावत के चार बेटे हैं, लेकिन फिर भी कमला देवी दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर है. हर मां-बाप को उम्मीद होती है की उनके बच्चे उनकी बुढ़ापे में लाठी बनेंगे, लेकिन जब वहीं बच्चे बेरहम बन जाए मानवता को भूल जाए तो हालत की कमला देवी जैसी ही होती है.

जिन बेटों को बड़े लाड़-प्यार से पाल पोस कर बड़ा किया. आज उन्हीं बेटों के घर में इस मां के लिए जगह नहीं है. चारों बेटों के सर से बचपन में ही पिता का साया उठने के बाद कमला देवी ने ही चारों बेटों को पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया कि आज चारों बेटे अपने पैरों पर खड़े हैं.

बुढ़ापे में हर मां की तरह यह मां भी सिर्फ इतना चाहती थी कि यह अपने चारों बेटों और बहुओं पोते पोतियों के साथ रहे, लेकिन इसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी इसके बदले में इस मां को सिर्फ अपने बेटे और बहू से अत्याचार मारपीट और बेघर होना ही मिला.

अपनी ही औलादों अत्याचार किया यहां तक की मारपीट तक भी की और ऐसी हालत कर दी कि अस्पताल में भर्ती होना पड़ा. इस मां ने गुहार प्रशासन से भी लगाई लेकिन कोई फयदा नहीं हुआ लेकिन किसी अंजान ने कमला देवी को चौमू के नगर पालिका स्थित रैन बसेरे तक पहुंचाया.

वहीं जानकारी मिलने के बाद नगर पालिका चेयरमैन अर्चना कुमावत कमला देवी से मिलने पुहंची. नगर पालिका चेयरमैन ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने के बाद यह उनके बेटों से भी मिली लेकिन कोई भी इस मां को अपने पास नहीं रखना चाह रहा.

Intro:यह रोती हुई और पथराई आंखें उस मां की है जिसको दर दर की ठोकर खाने के लिए उसके बेटों ने सड़क पर छोड़ दिया जिन चार बेटों को इस मां ने 9 महीने कोख में रखा वहीं बेटे आज इस मां की जान के दुश्मन बन बैठे हैं मामला राजधानी के चोमू कस्बे का है


Body:चोमू कस्बे के भोंडया की ढाणी में रहने वाली 75 वर्षीय कमला देवी कुमावत चार बेटे होने के बावजूद भी दर दर की ठोकर खाने को मजबूर है जिन बेटों को पाल पोस कर बड़ा किया आज उन्हीं बेटों के घर में इस मां के लिए जगह नहीं है। चारों बेटों के सर से बचपन में ही पिता का साया उठने के बाद इस माँ ने बड़ी मुश्किल से चारों बेटों को पढ़ाया लिखाया और इस काबिल बनाया कि आज चारो बेटे अपने पैरों पर खड़े हैं इतना ही नहीं काफी विकट हालात में इस मां ने चारों बेटों की शादी भी की। बुढ़ापे में यह मां सिर्फ इतना चाहती थी कि यह अपने चारों बेटो बहुओं और पोते पोतियो के साथ रहे लेकिन इसकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकी इसके बदले में इस मां को सिर्फ अपने बेटे और बहू से अत्याचार मारपीट और बेघर होना ही मिला। इनके बेटों ने इस मां पर इस कदर अत्याचार किए की वह अस्पताल में भर्ती हो गई और उसे संभालने वाला कोई नहीं था। जब गुहार लगाने यह प्रशासन के पास पहुंची तो एक व्यक्ति को अपनी सारी आपबीती सुनाई जिसके बाद उस व्यक्ति ने इस मां को चोमू के नगर पालिका स्थित रैन बसेरे में ले आया और खाना खिलाया। जब मामले की जानकारी नगर पालिका चेयरमैन अर्चना कुमावत पहुंची तो मामले की जानकारी लेने हैं वह इस बूढ़ी मां के पास पहुंची। नगर पालिका चेयरमैन ने बताया कि मामले की जानकारी मिलने के बाद यह उनके बेटों से भी मिली लेकिन कोई भी इस मां को अपने पास नहीं रखना चाह रहा।

बाईट- कमला देवी,पीड़ित
बाईट-अर्चना कुमावत,नगर पालिका चेयरमैन


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