सादुलपुर (चूरू). जिले का सादुलपुर कृषि उपज मंडी प्रांगण अधिकारियों की लापरवाही और अनदेखी के कारण एक गौशाला की तरह नजर आने लगा है. जगह-जगह कीचड़ और आवारा पशुओं का आतंक व्यापारियों और किसानों के लिए मुसीबत का कारण बन गया है. शिकायतों के बावजूद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. व्यापारियों, दुकानदारों और किसानों ने बताया, कि मंडी में कीचड़ और आवारा पशुओं के आतंक की वजह से काम-धंधे पर भी असर पड़ रहा है. हर वक्त अनहोनी की आशंका से परेशान होना पड़ रहा है.
मंडी में क्रय-विक्रय सहकारी समिति की ओर से खोले गए अनाज विक्रय केंद्र में आने वाले किसानों ने कहा, कि वे आवारा पशुओं की चपेट में आने से कई बार चोटिल हुए हैं. अनाज तुलवाने का काम भी जान जोखिम में डालकर करना पड़ता है. आवारा पशु प्लेटफॉर्म पर चढ़कर अनाज को खराब कर देते हैं.
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व्यापारियों की जुबानी
युवा व्यवसायी शीशराम मांजू ने बताया, कि आवारा पशुओं के आंतक के कारण अब दुकानों पर ग्राहक भी नजर नहीं आते हैं. हाल ये है, कि सुबह से शाम तक सिर्फ परेशानी के अलावा दूसरा कोई काम नहीं रहता. कई बार शिकायत की जा चुकी है, लेकिन कार्रवाई नहीं हो रही है. वहीं क्रय-विक्रय सहकारी समिति के कार्मिक इकबाल खान ने बताया, कि आवारा पशुओं के आंतक के कारण अनाज खरीदने में भी परेशानी उठानी पड़ रही है. आवारा पशु के आतंक से किसान और व्यापारी परेशान हैं. कई बार किसान और पल्लेदार चोटिल भी हो चुके हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. वहीं व्यापारी नरेश केडिया ने बताया, कि कृषि उपज मंडी कम और एक गौशाला के रूप में ज्यादा नजर आ रही है. हर वक्त अनहोनी घटना की आशंका से व्यापारी परेशान है, लेकिन शिकायतों के बावजूद कार्रवाई नहीं हो रही है.
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दीवार टूटी, फिर भी नहीं हो रही कार्रवाई
कृषि उपज मंडी प्रांगण के पीछे की दीवार टूटी होने के कारण मंडी में आवारा पशुओं का जमावड़ा लगा रहता है. दीवार की रिपेयरिंग नहीं होने से व्यापारियों और दुकानदारों को आवारा पशुओं के आतंक का सामना करना पड़ रहा है. व्यापारियों ने बताया, कि सैनिक कॉलोनी की ओर से क्षतिग्रस्त दीवार को तोड़ दिया जाता है, जिसके कारण बाहर विचरण करने वाले आवारा पशु मंडी में घुस जाते हैं. लेकिन मंडी प्रशासन की ओर से ना तो आवारा पशुओं पर अंकुश लगाने की कार्रवाई हो रही है और ना ही दीवार तोड़ने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.