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चूरू: उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक - Temporary

रेगिस्तानी जहाज को राजकीय पशु घोषित करने के बाद भाजपा सरकार की ओर से उनके संरक्षण और ऊंट पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक लगा दी गई है.

चूरू: उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक
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Published : Jun 17, 2019, 2:01 PM IST

चूरू. उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक लगा दी है. योजना के 4 साल पूरे होने पर अप्रैल से नए टोढीयों के पंजीयन पर रोक लगा दी गई है. योजना केवल 4 साल के लिए लागू की गई थी अब नई सरकार समीक्षा के बाद ही इसको आगे बढ़ाने या नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा. बरहाल पंजीयन पर रोक लगाने से ऊंट पालकों की उम्मीदों पर एक बार बड़ा झटका जरूर लगा है. जानिए योजना शुरू होने के बाद जिले में कितने उंट पालकों को लाभ मिला. भाजपा सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को गांधी जयंती पर उष्ट्र विकास योजना शुरू की थी योजना पूरे राज्य में लागू हुई थी योजना के तहत टोडिया (ऊंट का बच्चा) के जन्म पर ऊंट पालक को कुल 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी.

चूरू: उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक

इसका लाभ सभी वर्ग के ऊंट पालकों को दिया जा रहा था, 2 अक्टूबर 2016 के बाद जिले में पैदा होने वाले 2007 टोडियों के लिए 11 करोड़ 63 लाख, तीन हजार रुपए ऊंट पालकों को दिए जा चुके हैं. पशु गणना 2012 के अनुसार चूरू जिले में 33887 ऊंट थे. 2018 की गणना हो चुकी है. लेकिन अभी तक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं.


तीन चरणों में दी जा रही राशि
टोडीयो के जन्म के 1 माह होने पर तीन हजार रुपए, नो माह की उम्र पूरी करने पर तीन हजार रुपए, 18 माह की उम्र पूरी करने पर चार हजार रुपए, अब तक पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च 2019 तक जितने टोडियो ने जन्म लिया है उनके ऊंट पालकों को तीनों किस्त दी जाएगी. योजना के 4 साल पूरे होने पर नए पंजीयन पर अस्थाई रोक है. पंजीकरण करने के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं यदि सरकार की तरफ से नए पंजीयन के आदेश मिलेंगे तो शुरू कर दिए जाएंगे

चूरू. उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक लगा दी है. योजना के 4 साल पूरे होने पर अप्रैल से नए टोढीयों के पंजीयन पर रोक लगा दी गई है. योजना केवल 4 साल के लिए लागू की गई थी अब नई सरकार समीक्षा के बाद ही इसको आगे बढ़ाने या नहीं बढ़ाने का निर्णय लिया जाएगा. बरहाल पंजीयन पर रोक लगाने से ऊंट पालकों की उम्मीदों पर एक बार बड़ा झटका जरूर लगा है. जानिए योजना शुरू होने के बाद जिले में कितने उंट पालकों को लाभ मिला. भाजपा सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को गांधी जयंती पर उष्ट्र विकास योजना शुरू की थी योजना पूरे राज्य में लागू हुई थी योजना के तहत टोडिया (ऊंट का बच्चा) के जन्म पर ऊंट पालक को कुल 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी.

चूरू: उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक

इसका लाभ सभी वर्ग के ऊंट पालकों को दिया जा रहा था, 2 अक्टूबर 2016 के बाद जिले में पैदा होने वाले 2007 टोडियों के लिए 11 करोड़ 63 लाख, तीन हजार रुपए ऊंट पालकों को दिए जा चुके हैं. पशु गणना 2012 के अनुसार चूरू जिले में 33887 ऊंट थे. 2018 की गणना हो चुकी है. लेकिन अभी तक आंकड़े जारी नहीं किए गए हैं.


तीन चरणों में दी जा रही राशि
टोडीयो के जन्म के 1 माह होने पर तीन हजार रुपए, नो माह की उम्र पूरी करने पर तीन हजार रुपए, 18 माह की उम्र पूरी करने पर चार हजार रुपए, अब तक पहली किस्त का भुगतान 31 मार्च 2019 तक जितने टोडियो ने जन्म लिया है उनके ऊंट पालकों को तीनों किस्त दी जाएगी. योजना के 4 साल पूरे होने पर नए पंजीयन पर अस्थाई रोक है. पंजीकरण करने के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं यदि सरकार की तरफ से नए पंजीयन के आदेश मिलेंगे तो शुरू कर दिए जाएंगे

Intro:चूरू_रेगिस्तानी जहाज को राजकीय पशु घोषित करने के बाद भाजपा सरकार की ओर से उनके संरक्षण व ऊंट पालन को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई उष्ट्र विकास योजना पर अस्थाई रोक लगा दी है। योजना के 4 साल पूरे होने पर अप्रैल से नए टोढीयो के पंजीयन पर रोक लगा दी गई है। ज्ञातव्य हो की योजना केवल 4 साल के लिए लागू की गई थी अब नई सरकार समीक्षा के बाद ही इसको आगे बढ़ाने या नहीं बढ़ाने का निर्णय लेगी बरहाल पंजीयन पर रोक लगाने से ऊंट पालकों की उम्मीदों पर एक बार बड़ा झटका जरूर लगा है।

जानिए योजना शुरू होने के बाद जिले में कितने उंट पालकों को लाभ मिला
भाजपा सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को गांधी जयंती पर उष्ट्र विकास योजना शुरू की थी योजना पूरे राज्य में लागू हुई थी योजना के तहत टोडिया (ऊंट का बच्चा) के जन्म पर ऊंट पालक को कुल 10 हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी इसका लाभ सभी वर्ग के ऊंट पालकों को दिया जा रहा था 2 अक्टूबर 2016 के बाद जिले में पैदा होने वाले 2007 टोडियो के लिए 11 करोड़ 63 लाख,तीन हजार रुपए ऊंट पालकों को दिए जा चुके हैं।पशु गणना 2012 के अनुसार चूरू जिले में 33887 ऊंट थे।2018 की गणना हो चुकी है।लेकिन अभी तक आंकड़े जारी नही किए गए हैं।


Body:जिले में इतने ऊंट पालकों को लाभ मिला

भाजपा सरकार ने 2 अक्टूबर 2016 को गांधी जयंती पर उष्ट्र विकास योजना शुरू की थी। योजना पूरे राज्य में लागू हुई थी। योजना के तहत टोडीया (ऊंट का बच्चा) के जन्म पर ऊंट पालकों को कुल दस हजार रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी इसका लाभ सभी वर्ग के ऊंट पालकों को दिया जा रहा था 2 अक्टूबर 2016 के बाद जिले में पैदा होने वाले 2007 टोडीयो के लिए 11 करोड़ 63 लाख तीन हजार रुपए ऊंट पालकों को दिए जा चुके हैं।पशु गणना 2012 के।अनुसार चूरू जिले में 33887 ऊंट थे।2018 की गणना हो चुकी है।लेकिन अभी तक आंकड़े जारी नही किए गए हैं।


Conclusion:तीन चरणों में दी जा रही राशि

टोडीयो के जन्म के 1 माह होने पर तीन हजार रुपए, नो माह की उम्र पूरी करने पर तीन हजार रुपए,18 माह की उम्र पूरी करने पर चार हजार रुपए, अब तक पहली किस्त का भुगतान।

31 मार्च 2019 तक जितने टोडियो ने जन्म लिया है।उनके ऊंट पालकों को तीनों किस्त दी जाएगी योजना के 4 साल पूरे होने पर नए पंजीयन पर अस्थाई रोक है। पंजीकरण करने के लिए नए आवेदन नहीं लिए जा रहे हैं यदि सरकार की तरफ से नए पंजीयन के आदेश मिलेंगे तो शुरू कर दिए जाएंगे

बाईट_निरंजन चिरानीय,सहायक निदेशक पशुपालन विभाग चूरू
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